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शामली: कुकर्मी पिता को आजीवन कारावास, मां ने बेटी को दिलाया न्याय

यूपी के शामली में कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म के आरोपी पिता को आजीवन कारावास व 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. पीड़िता की मां ने अपने पति के खिलाफ कानूनी जंग लड़ते हुए बेटी को न्याय दिलाया है. मामले में पुलिस की प्रभावी पैरवी भी इस कानूनी लड़ाई में पीड़ित पक्ष के लिए मददगार साबित हुई है.

प्रतिकात्मक चित्र.
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Published : Sep 3, 2021, 2:09 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 2:18 PM IST

शामली: जनपद न्यायालय द्वारा 16 महीने पुराने एक केस में नाबालिग से कुकर्म के आरोपी पिता को आजीवन कारावास और 55 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. महत्वपूर्ण यह है कि एक मां ने अपनी पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए पति के खिलाफ कानूनी जंग लड़ते हुए जीत हासिल की है.

क्या है पूरा मामला?

विशेष लोक अभियोजक ओपी कौशिक व कोर्ट मोहर्रिर पवन कुमार व सोहनवीर ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शामली जिले के थानाभवन थाने पर एक महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमें की वादी महिला का आरोप था कि 29 अप्रैल 2020 को वह अपनी बेटियों के साथ घर के अंदर कमरे में सो रही थी. आरोप था कि रात में करीब 3 बजे महिला के पति ने अपनी 15 वर्षीय बेटी को पैर दबाने के बहाने अपने कमरे में बुलाया था. आरोप था कि इस दौरान पिता ने मुंह दबाकर धमकी देते हुए बेटी के साथ अप्राकृतिक कुकर्म किया था. पुलिस ने तहरीर के आधार पर आईपीसी की धारा 377 व 506 समेत 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत वाद दर्ज किया था. घटना के अगले दिन ही पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी पिता तभी से जेल में बंद हैं.



पुलिस ने भी की प्रभावी पैरवी

एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने बताया कि पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल करते हुए प्रभावी पैरवी की थी. यह मामला कैराना स्थित न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) शामली मुमताज अली के यहां पर विचाराधीन चल रहा था. मुकदमें की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा 7 गवाह पेश किए गए थे. गुरूवार को कोर्ट ने इस मुकदमें में पत्रावलियों के अवलोकन और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पिता को दोषी करार दिया है. एसपी ने बताया कि इस पूरे मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए जनपद पुलिस के मॉनीटरिंग सैल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

माननीय न्यायलय द्वारा दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी पिता को दोषी पाया गया. कोर्ट ने दोषी कोा आईपीसी की धारा 377 के तहत आजीवन कारावास व 25 हजार रूपए के अर्थदण्ड की सजाई सुनाई है. अर्थदण्ड अदा न करने पर दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा आईपीसी की धारा 506 के तहत 2 वर्ष का कारावास व 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है. अर्थदण्ड न देने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा, जबकि पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है. कोर्ट के आदेशानुसार दोषी की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जबकि कुल अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़ित पक्ष को दी जाएगी.

इसे भी पढे़ं- आगरा में बालिका से गैंगरेप, पड़ोसी ने अपने घर पर साथियों संग किया कुकर्म

शामली: जनपद न्यायालय द्वारा 16 महीने पुराने एक केस में नाबालिग से कुकर्म के आरोपी पिता को आजीवन कारावास और 55 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. महत्वपूर्ण यह है कि एक मां ने अपनी पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए पति के खिलाफ कानूनी जंग लड़ते हुए जीत हासिल की है.

क्या है पूरा मामला?

विशेष लोक अभियोजक ओपी कौशिक व कोर्ट मोहर्रिर पवन कुमार व सोहनवीर ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शामली जिले के थानाभवन थाने पर एक महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमें की वादी महिला का आरोप था कि 29 अप्रैल 2020 को वह अपनी बेटियों के साथ घर के अंदर कमरे में सो रही थी. आरोप था कि रात में करीब 3 बजे महिला के पति ने अपनी 15 वर्षीय बेटी को पैर दबाने के बहाने अपने कमरे में बुलाया था. आरोप था कि इस दौरान पिता ने मुंह दबाकर धमकी देते हुए बेटी के साथ अप्राकृतिक कुकर्म किया था. पुलिस ने तहरीर के आधार पर आईपीसी की धारा 377 व 506 समेत 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत वाद दर्ज किया था. घटना के अगले दिन ही पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी पिता तभी से जेल में बंद हैं.



पुलिस ने भी की प्रभावी पैरवी

एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने बताया कि पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल करते हुए प्रभावी पैरवी की थी. यह मामला कैराना स्थित न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) शामली मुमताज अली के यहां पर विचाराधीन चल रहा था. मुकदमें की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा 7 गवाह पेश किए गए थे. गुरूवार को कोर्ट ने इस मुकदमें में पत्रावलियों के अवलोकन और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पिता को दोषी करार दिया है. एसपी ने बताया कि इस पूरे मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए जनपद पुलिस के मॉनीटरिंग सैल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

माननीय न्यायलय द्वारा दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी पिता को दोषी पाया गया. कोर्ट ने दोषी कोा आईपीसी की धारा 377 के तहत आजीवन कारावास व 25 हजार रूपए के अर्थदण्ड की सजाई सुनाई है. अर्थदण्ड अदा न करने पर दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा आईपीसी की धारा 506 के तहत 2 वर्ष का कारावास व 5 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है. अर्थदण्ड न देने पर 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा, जबकि पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है. कोर्ट के आदेशानुसार दोषी की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जबकि कुल अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़ित पक्ष को दी जाएगी.

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Last Updated : Sep 3, 2021, 2:18 PM IST
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