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शामली: फिल्म 'पानीपत' को बैन करने के लिए जाटों ने किया प्रदर्शन

यूपी के शामली में फिल्म 'पानीपत' पर बैन लगाने की मांग को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. जाटों का आरोप है कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण किया गया है, जिससे जाट समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं.

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फिल्म 'पानीपत' के विरोध में जाटों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Dec 11, 2019, 4:34 PM IST

शामली: 1761 में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई पर आधारित फिल्म 'पानीपत' के प्रदर्शन पर पूरे देश में जंग छिड़ गई है. हर जगह फिल्म का विरोध हो रहा है. जाट समाज से जुड़े शामली जिले में भी फिल्म को लेकर जाट समुदाय गुस्से में है. जिले के कांधला में जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन कर फिल्म को बैन करने की मांग की है.

फिल्म 'पानीपत' के विरोध में जाटों ने किया प्रदर्शन.
  • कांधला के दिल्ली-सहारनपुर रोड पर जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया.
  • प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार से फिल्म 'पानीपत' को बैन करने की मांग की.
  • जाट समुदाय के लोगों का कहना था कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण किया गया है.
  • इसके चलते पूरे देश में जाट समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं.


क्यों हो रहा विरोध
पानीपत की तीसरी लड़ाई 15 जनवरी 1761 को हुई थी. उसमें मराठों का साथ देने की पहल खुद सूरजमल ने की थी, जबकि फिल्म में दिखाया गया है कि उन्होंने मराठा सेनापति सदाशिव राव से आगरे के किले को देने की मांग की और सदाशिव राव के मना करने पर रूठ कर चले गए. जाटों का आरोप है कि यह वास्तविकता से परे है.

इसे भी पढ़ें:- कैराना के हाथों में महानायकों का 'हेयर स्टाइल', ये सुपरस्टार्स करा चुके हैं हेयर कटिंग


फिल्म में गलत चित्रण किया गया है. इससे जाटों की भावनाएं बदलने की कोशिश की गई है. फिल्म का सभी जगह विरोध किया जा रहा है. हमारी मांग है कि फिल्म पानीपत को बैन किया जाए. जाटों के इतिहास के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
-चौधरी चौहल सिंह, प्रदर्शनकारी

शामली: 1761 में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई पर आधारित फिल्म 'पानीपत' के प्रदर्शन पर पूरे देश में जंग छिड़ गई है. हर जगह फिल्म का विरोध हो रहा है. जाट समाज से जुड़े शामली जिले में भी फिल्म को लेकर जाट समुदाय गुस्से में है. जिले के कांधला में जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन कर फिल्म को बैन करने की मांग की है.

फिल्म 'पानीपत' के विरोध में जाटों ने किया प्रदर्शन.
  • कांधला के दिल्ली-सहारनपुर रोड पर जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया.
  • प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार से फिल्म 'पानीपत' को बैन करने की मांग की.
  • जाट समुदाय के लोगों का कहना था कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण किया गया है.
  • इसके चलते पूरे देश में जाट समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं.


क्यों हो रहा विरोध
पानीपत की तीसरी लड़ाई 15 जनवरी 1761 को हुई थी. उसमें मराठों का साथ देने की पहल खुद सूरजमल ने की थी, जबकि फिल्म में दिखाया गया है कि उन्होंने मराठा सेनापति सदाशिव राव से आगरे के किले को देने की मांग की और सदाशिव राव के मना करने पर रूठ कर चले गए. जाटों का आरोप है कि यह वास्तविकता से परे है.

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फिल्म में गलत चित्रण किया गया है. इससे जाटों की भावनाएं बदलने की कोशिश की गई है. फिल्म का सभी जगह विरोध किया जा रहा है. हमारी मांग है कि फिल्म पानीपत को बैन किया जाए. जाटों के इतिहास के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
-चौधरी चौहल सिंह, प्रदर्शनकारी

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यूपी के शामली में फिल्म 'पानीपत' पर बैन लगाने की मांग को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. जाटों का आरोप है कि फिल्म में महाराजा सूरजमलज का गलत चित्रण किया गया है, जिससे जाट समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं.Body:शामली: पानीपत की तीसरी लड़ाई को केंद्र में रखकर बनी फिल्म 'पानीपत' के प्रदर्शन पर पूरे देश में जंग छिड़ गई है. हर जगह फिल्म का विरोध हो रहा है. जाट बैल्ट से जुड़े शामली जिले में भी फिल्म को लेकर जाट समुदाय गुस्से में है. जिले के कांधला में जाट समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन कर फिल्म को बैन करने की मांग की.

क्या है पूरा मामला?
. कांधला के दिल्ली—सहारनपुर रोड पर जाट समुदाय के लोगों ने हंगामा प्रदर्शन किया.

. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार से फिल्म 'पानीपत' को बैन करने की मांग की.

. जाट समुदाय के लोगों का कहना था कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण किया गया है.

. इसके चलते पूरे देश में जाट समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं.

क्या हो रहा विरोध?
पानीपत की तीसरी लड़ाई जो 15 जनवरी 1761 को हुई, उसमें मराठों का साथ देने की पहल खुद सूरजमल ने की थी, जबकि फिल्म में दिखाया गया है कि उन्होंने मराठा सेनापति सदाशिव राव से आगरे के किले को देने की मांग की और सदाशिव राव के मना करने पर रूठ कर चले गए. यह वास्तविकता से परे है.Conclusion:इन्होंने कहा—
फिल्म गलत चल रही है, इससे जाटों की भावनाएं बदलने की कोशिश की गई है. फिल्म का सभी जगह विरोध किया जा रहा है. हमारी मांग है कि फिल्म पानीपत को बैन किया जाएगा. जाटों के इतिहास के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा.
— चौधरी चौहल सिंह जाट

बाइट: चौधरी चौहल सिंह जाट

नोट: खबर रैप से भेजी गई है।

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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