शामली: रेलयात्रियों की जान से खिलवाड़ की खबर प्रसारित करना एक निजी चैनल के पत्रकार को भारी पड़ गया. मालगाड़ी के ट्रैक से उतरने के बाद कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकार को निशाना बनाते हुए जीआरपी थाना इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने पत्रकार का कैमरा भी फेंक दिया. पत्रकार का आरोप है कि उसे हवालात में बंद कर थानेदार ने अपना मूत्र भी पिलाया.
क्या है मामला
⦁ मंगलवार रात दिल्ली—सहारनपुर रेलमार्ग पर एक मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए.
⦁ घटना की कवरेज करने के लिए मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे थे.
⦁ शामली जीआरपी इंचार्ज राकेश कुमार ने एक टीवी चैनल के पत्रकार के साथ मारपीट शुरू कर दी.
⦁ थानेदार ने कवरेज कर रहे पत्रकार के कैमरे पर हाथ मारकर उसे फेंक दिया.
⦁ थानेदार ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर पत्रकार की बेरहमी से पिटाई की.
⦁ पिटाई के बाद पुलिसकर्मियों ने उसका मेडिकल कराने के बाद हवालात में बंद कर दिया.
⦁ पत्रकार का आरोप है कि थानेदार ने हवालात में भी मारपीट की और उसे अपना मूत्र भी पिलाया.
अवैध टेंडर की पोल खोलने से नाराज थे थानेदार
⦁ पत्रकार द्वारा करीब एक माह पहले शामली जीआरपी की मिलीभगत से रेलयात्रियों की जान से खिलवाड़ की खबर प्रसारित की गयी थी.
⦁ पत्रकार ने ट्रेनों में पुलिस की मिलीभगत से चलने वाले अवैध वेंडर्स की पोल खोली थी, जो ट्रेनों में बगैर मानकों के खाद्य पदार्थ बेचते हैं.
⦁ पत्रकार का कहना है कि खबर प्रसारित होने के बाद यह अवैध धंधा बंद हो गया था.
⦁ इसके चलते जीआरपी थाना शामली की लाखों रूपए प्रतिमाह की आमदनी भी बंद हो गई.
⦁ पत्रकार का कहना है कि इसके बाद से थानेदार उससे खासा नाराज चल रहे थे.