शामलीः दिल्ली समेत एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जाहिर की है. प्रदूषण को रोकने के लिए एक बड़ा कारण किसानों के पराली को जलाना भी बताया गया है. इसके रोकथाम के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं, लेकिन किसान अब भी खेतों की पराली जला रहे हैं. ये घटनाएं पश्चिम उत्तर प्रदेश के आसपास ज्यादा हो रही हैं.
शामली में भी किसानों द्वारा पराली जलाने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं. इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सख्ती से निगरानी शुरू कर दी है. जिला प्रशासन की ओर से 29 किसानों को चिन्हित किया गया. इन सभी किसानों ने अपने खेतों की पराली जलाई. जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक किसान पर ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इस तरह से इन किसानों से कुल 72 हजार 5 सौ रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा.
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जिला प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई के बाद किसानों में हड़कंप मचा हुआ है. पराली जलाने में भी रोक की उम्मीद है. वैसे तेज हवा और धूप के कारण अब स्मॉग का असर कम हो रहा है. वायु प्रदूषण से राहत महसूस की जा रही है.
ये है पूरा मामला
- जिले में पराली जलाने वाले किसानों की निगरानी हो रही है.
- कमेटियां बनाकर प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
- स्मॉग के चलते शामली जनपद भी प्रदूषण की चपेट में है.
- यहां लोगों में सांस और गले की बीमारियां बढ़ी हैं.
- प्रशासन ने पराली जलाने वाले 29 किसानों पर जुर्माना लगाया है.
फसल अवशेष जलाने वालों को चिह्नित किया जा रहा है. जिला स्तर पर निगरानी टीम बनी हैं. नगर निकाय क्षेत्र में कूड़ा जलाने वालों को भी चिह्नित किया जा रहा है. जिले में फसल अवशेष जलाने वाले 29 किसानों पर 72 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. प्रति किसान ढाई हजार रुपये जुर्माना लगा है. जुर्माना वसूली के लिए तहसील प्रशासन के संबंधित कर्मचारियों की भी जिम्मेदारी तय कर दी है.
— अरविंद कुमार, अपर जिलाधिकारी, शामली