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शामली: BSF जवान की पत्नी ने लगाया पति की हत्या का आरोप, अंतिम संस्कार से किया इंकार

यूपी के शामली में पहुंचे बीएसएफ जवान के शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों ने इंकार कर दिया. मृतक की पत्नी ने पति की हत्या का आरोप लगाते हुए खुद की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. पत्नी ने हत्या की उच्चस्तरीय जांच, शहीद का दर्जा देने और इस मामले से जुड़े बीएसफ के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

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जवान की पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप.
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Published : Sep 2, 2020, 5:07 PM IST

शामली: 99 बटालियन बीएसएफ के जवान विकास कुमार की पश्चिम बंगाल में मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. बुधवार की सुबह जवान का शव जनपद शामली के पैतृक गांव लांक पहुंचा. पत्नी ने शव को देखकर पति की हत्या का दावा किया है. पत्नी ने कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं. परिजनों ने अपनी मांगों पर उचित आश्वासन मिलने तक जवान का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. इसके चलते बीएसएफ से लेकर स्थानीय अधिकारियों में खलबली मच गई है.

जवान की पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप.
क्या है पूरा मामला?
शामली के लांक गांव निवासी भंवर सिंह के पुत्र विकास कश्यप 2013 में 99 बटालियन बीएसएफ में भर्ती हुए थे. जवान की तैनाती पश्चिमी बंगाल के नदिया में थी. 2018 में विकास ने पंपा मेहता से शादी की थी. पंपा मेहता भी बीएसएफ में तैनात हैं, जिनकी पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में है.

31 अगस्त की सुबह जवान विकास कुमार का गोली लगा शव मिला था. बताया जा रहा है कि उस दौरान विकास ड्यूटी पर था और उसकी रायफल भी पास में ही पड़ी हुई थी. बुधवार की सुबह जवान का शव पैतृक गांव लांक लाया गया, जिसे देखकर परिजनों में कोहराम मचा गया. परिजनों ने शव के हालत को देखकर जवान की हत्या का दावा किया है.

पत्नी पंपा मेहता के अनुसार, उन्हें महकमे द्वारा बताया गया कि पति ने आत्महत्या की है, लेकिन पश्चिमी बंगाल में किसी ने उन्हें पति का शव देखने की इजाजत नहीं दी. अब जब शव घर आया है, तो शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं. हाथ और पैरों के नाखून भी उखाड़े गए हैं, जिससे यह मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है.

परिजनों ने किया अंतिम संस्कार से इंकार
जवान के शव के हालातों को देखते हुए परिजनों ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया. सूचना पर शामली जिला मुख्यालय से अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम सदर और सीओ सिटी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने जवान के परिजनों को समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन मृतक की पत्नी और परिवार के अन्य लोगों ने अपनी मांगों को अधिकारियों के सामने रखते हुए उचित आश्वासन मिलने तक जवान के शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया.

इसके बाद मौके पर राजनैतिक दलों के लोग भी पहुंच गए. राजनैतिक दलों के लोगों ने भी परिजनों को इंसाफ दिलाने की मांग शुरू कर दी. इसके चलते दोपहर बाद तक जवान के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया.


परिजनों ने की मांग
जवान की पत्नी पंपा मेहता ने बताया कि उनके पति की हत्या को बीएसएफ के अधिकारियों ने आत्महत्या दर्शाया है, लेकिन शव को देखने पर पता चल रहा है कि हत्या हुई है. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों के विशेष पैनल द्वारा पुन: डेडबॉडी का पोस्टमार्टम होना चाहिए. भारत सरकार के विश्वसनीय एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच कराई जाए. जवान को शहीद का दर्जा मिले. विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो.

परिजनों की मांग है कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को आर्थिक अनुदान दिया जाए. बीएसफ के अधिकारियों द्वारा मृतक की पत्नी को तंग न किया जाए एवं बच्चों को साथ रखने की अनुमति मिले. इसके अलावा पत्नी का नजदीक स्थानांतरण हो और राष्ट्रीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार हो. परिजनों का कहना है कि इन मांगों का पालन होने के बाद ही वे जवान के शव का अंतिम संस्कार करेंगे.

शामली: 99 बटालियन बीएसएफ के जवान विकास कुमार की पश्चिम बंगाल में मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. बुधवार की सुबह जवान का शव जनपद शामली के पैतृक गांव लांक पहुंचा. पत्नी ने शव को देखकर पति की हत्या का दावा किया है. पत्नी ने कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं. परिजनों ने अपनी मांगों पर उचित आश्वासन मिलने तक जवान का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. इसके चलते बीएसएफ से लेकर स्थानीय अधिकारियों में खलबली मच गई है.

जवान की पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप.
क्या है पूरा मामला?शामली के लांक गांव निवासी भंवर सिंह के पुत्र विकास कश्यप 2013 में 99 बटालियन बीएसएफ में भर्ती हुए थे. जवान की तैनाती पश्चिमी बंगाल के नदिया में थी. 2018 में विकास ने पंपा मेहता से शादी की थी. पंपा मेहता भी बीएसएफ में तैनात हैं, जिनकी पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में है.

31 अगस्त की सुबह जवान विकास कुमार का गोली लगा शव मिला था. बताया जा रहा है कि उस दौरान विकास ड्यूटी पर था और उसकी रायफल भी पास में ही पड़ी हुई थी. बुधवार की सुबह जवान का शव पैतृक गांव लांक लाया गया, जिसे देखकर परिजनों में कोहराम मचा गया. परिजनों ने शव के हालत को देखकर जवान की हत्या का दावा किया है.

पत्नी पंपा मेहता के अनुसार, उन्हें महकमे द्वारा बताया गया कि पति ने आत्महत्या की है, लेकिन पश्चिमी बंगाल में किसी ने उन्हें पति का शव देखने की इजाजत नहीं दी. अब जब शव घर आया है, तो शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं. हाथ और पैरों के नाखून भी उखाड़े गए हैं, जिससे यह मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है.

परिजनों ने किया अंतिम संस्कार से इंकार
जवान के शव के हालातों को देखते हुए परिजनों ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया. सूचना पर शामली जिला मुख्यालय से अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम सदर और सीओ सिटी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने जवान के परिजनों को समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन मृतक की पत्नी और परिवार के अन्य लोगों ने अपनी मांगों को अधिकारियों के सामने रखते हुए उचित आश्वासन मिलने तक जवान के शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया.

इसके बाद मौके पर राजनैतिक दलों के लोग भी पहुंच गए. राजनैतिक दलों के लोगों ने भी परिजनों को इंसाफ दिलाने की मांग शुरू कर दी. इसके चलते दोपहर बाद तक जवान के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया.


परिजनों ने की मांग
जवान की पत्नी पंपा मेहता ने बताया कि उनके पति की हत्या को बीएसएफ के अधिकारियों ने आत्महत्या दर्शाया है, लेकिन शव को देखने पर पता चल रहा है कि हत्या हुई है. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों के विशेष पैनल द्वारा पुन: डेडबॉडी का पोस्टमार्टम होना चाहिए. भारत सरकार के विश्वसनीय एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच कराई जाए. जवान को शहीद का दर्जा मिले. विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो.

परिजनों की मांग है कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को आर्थिक अनुदान दिया जाए. बीएसफ के अधिकारियों द्वारा मृतक की पत्नी को तंग न किया जाए एवं बच्चों को साथ रखने की अनुमति मिले. इसके अलावा पत्नी का नजदीक स्थानांतरण हो और राष्ट्रीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार हो. परिजनों का कहना है कि इन मांगों का पालन होने के बाद ही वे जवान के शव का अंतिम संस्कार करेंगे.

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