शामली: जिले में विद्युत विभाग के अफसर बीजेपी नेताओं के खिलाफ बिगुल फूंकते नजर आ रहे हैं. विभाग के एक SDO का आरोप है कि BJP के MLC द्वारा उन्हें विद्युत चोरी के आरोपियों से मौखिक समझौता नहीं करने पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी है. फिलहाल अभी विद्युत विभाग के अधिकारियों और बीजेपी नेता के बीच चल रही रस्साकशी किसी करवट पर बैठती नजर नही आ रही है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 17 अगस्त को शामली जिले के विद्यत उपकेंद्र कण्डेला के कार्य क्षेत्र गांव शेखुपुरा में SDO गुरूदीन प्रजापति अपने अधीनस्थ कार्मिकों के साथ विद्युत चेकिंग कर रहे थे. SDO गुरूदीन प्रजापति ने बताया कि शेखूपुरा गांव हाई लाइन लॉस क्षेत्र में आता है, जहां पर विद्युत चोरी की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं. उन्होंने बताया कि जब विद्युत टीम गांव में चेकिंग कर रही थी, तभी कुछ ग्रामीणों ने विरोध करते हुए मारपीट और जानलेवा हमला करते हुए विद्युंत विभाग की टीम को मौके से दौड़ा दिया था. SDO ने बताया कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ थाना आदर्श मंडी पर 17 अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद उनपर मुकदमे में समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा था.
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बीजेपी एमएलसी पर लगा आरोप
SDO गुरूदीन प्रजापति ने बताया कि जिले से विधान परिषद् सदस्य विरेंद्र सिंह द्वारा दोनों पक्षों का समझौता कराने के लिए अपने पास बुलाया गया था. आरोप है कि इस दौरान एमएलसी द्वारा मौखिक में समझौता करने की बात रखी गई, लेकिन SDO ने बताया कि उन्होंने लिखित में समझौता करने पर जोर दिया, ताकि विद्युत कर्मचारियों को भविष्य में गांव में कार्य के दौरान कोई परेशानी न हो. SDO ने आरोप लगाया कि MLC द्वारा मौखिक समझौता का दबाव बनाते हुए समझौता नही करने पर उनके खिलाफ 376 का मुकदमा दर्ज कराने और मुख्यमंत्री से शिकायत करने की धमकी दी.
शामली जिले के विद्युत वितरण खंड चतुर्थ शामली के अधिशासी अभियंता रविंद्र प्रकाश ने बताया कि कर्मचारी विभाग के अभियान को सफल बनाने के लिए लाइन लॉस करने के लिए रहे हैं. विभागीय आदेशों के तहत उन्हें बिजली चोरी के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होती है, लेकिन जिले में विद्युत कर्मचारियों के साथ मारपीट हो रही है. यहां तक एफआईआर की धमकी देकर दबाया भी जा रहा है.
इसी के विरोध में शुक्रवार को सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठे हैं. उधर, इस मामले में BJP MLC से वार्ता की कोशिश की गई, तो बताया गया कि MLC द्वारा समझौता कराने के लिए दोनों पक्षों को बुलाया गया था, लेकिन किसी तरह की धमकी नही दी गई है. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर जिले के विद्युत कर्मचारियों में सरगर्मी फैलने से अधिकारियों में भी खलबली का माहौल बना हुआ है.
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