शाहजहांपुर: यौन शोषण के आरोप में सजायाफ्ता आसाराम के फोटो लगाकर सत्संग और उनका गुणगान करने के मामले में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने जेल अधीक्षक से जवाब तलब किया है. साथ ही जेल अधीक्षक से सप्ताह भर के भीतर लिखित जवाब मांगा गया है.
दरअसल शाहजहांपुर जिला जेल में जेल के अधिकारियों ने बलात्कार के दोषी और उम्र कैद के सजायाफ्ता आसाराम बापू के सत्संग का आयोजन किया गया. इस दौरान जेल में बंद कैदियों को उम्र कैद की सजायाफ्ता आसाराम बापू के उपदेश भी सुनाए गए. साथ ही उनके दो साधकों ने यहां कंबल और आसाराम के उपदेश की पुस्तके भी बांटी.
खास बात यह रही कि जिन दो साधकों अर्जुन और नारायण पांडे ने यहां कंबल वितरण किया और सत्संग किया वह शाहजहांपुर जिला जेल में आसाराम को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली रेप पीड़िता के दो गवाहों की हत्या के आरोप में जेल में बंद थे, जो इन दिनों जमानत पर हैं.
सजायाफ्ता आसाराम का गुणगान सुनने के बाद जेल अधिकारियों ने बाकायदा इसे सरकारी कार्यक्रम बना दिया. जिला जेल सुपरिटेंडेंट ने बाकायदा आसाराम की महिमा मंडल की प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कार्यक्रम के बारे में मीडिया को बताया. जिसमें आसाराम बापू के आश्रम से बंदियों को छ: पुस्तकें एवं 75 कंबल वितरण की बात को बताया गया है. साथ ही गवाहों की हत्या के आरोपी अर्जुन और नारायण पांडे को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है.
मामला मीडिया में हाईलाइट होने के बाद जिला प्रशासन और जिला जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जेल अधीक्षक राकेश कुमार से जवाब तलब किया है. उन्होंने पूछा है कि दुष्कर्म के आरोप में सजायाफ्ता आसाराम के फोटो लगाकर जेल में कार्यक्रम क्यों कराया गया. इस मामले में जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि लिखित जवाब देने का एक सप्ताह का समय दिया गया है, साथ ही इस कार्यक्रम से संबंधित स्पष्टीकरण मांगा गया है. लिखित जवाब आने पर समुचित कार्रवाई की जाएगी