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शाहजहांपुर के युवक की सऊदी अरब में मौत, 7 महीने से शव का इंतजार कर रही बूढ़ी मां

शाहजहांपुर जनपद के चौक कोतवाली क्षेत्र (Chowk Kotwali area) में बीटेक पास मोहम्मद आलम 2013 से सऊदी अरब में नौकरी कर रहा था. जहां 30 मार्च 2022 को सऊदी अरब में मोहम्मद आलम खान की अचानक मौत हो गई. उसका शव सऊदी अरब में पिछले 7 महीने से रखा हुआ है. उसकी बूढ़ी मां अभी भी बेटे के शव का इंतजार कर रही हैं.

शाहजहांपुर के युवक की सऊदी अरब में मौत के बाद उसकी मां, भाई और एसपी ने कही ये बातें..
शाहजहांपुर के युवक की सऊदी अरब में मौत के बाद उसकी मां, भाई और एसपी ने कही ये बातें..
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Published : Oct 17, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 8:03 PM IST

शाहजहांपुरः जनपद के चौक कोतवाली क्षेत्र (Chowk Kotwali area) में एक बूढ़ी मां (70) अपने इंजीनियर बेटे के शव का इंतजार कर रही है. उसके बेटे मोहम्मद आलम (35) की सऊदी अरब के जद्दा में मौत हो गईं है. उसका शव सऊदी अरब में पिछले 7 महीने से रखा हुआ है. कागजी कार्रवाई पूरी न होने की वजह से बूढ़ी मां की आंखें पथरा गई है. मृतक का भाई अपने भाई का शव स्वदेश लाने के लिए जिले से लेकर लखनऊ तक चक्कर काट रहा है. अब मृतक के परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से शव को भारत लाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं. एसपी यश आनंद ने बताया कि भारतीय दूतावास से संपर्क साधा है.

शाहजहांपुर के युवक की सऊदी अरब में मौत के बाद उसकी मां, भाई और एसपी ने कही ये बातें..

बता दें कि चौक कोतवाली क्षेत्र के किला मोहल्ले की रहने वाली मरियम बेगम के बेटे मोहम्मद आलम ने बीटेक किया था. इसके बाद उन्होंने अपनी मां मरियम बेगम से विदेश में नौकरी करने की ख्वाहिश जाहिर की थी. मां ने छोटा बेटा होने के कारण उसे विदेश जाने से मना कर दिया था लेकिन उसने मां को मना लिया. इसके बाद मोहम्मद आलम 2013 में सऊदी अरब के जेद्दा की एक फर्म में नौकरी करने लगा. 2021 में वह छुट्टी लेकर घर आया था. लेकिन मां ने इस बार उसे जाने से मना कर दिया लेकिन बेटे ने आखिरी बार जाने की बात कह कर सऊदी अरब के लिए एक बार फिर से उड़ान भरी.

30 मार्च 2022 को सऊदी अरब में मोहम्मद आलम खान की अचानक मौत हो गई. सऊदी अरब एंबेसी ने 30 अगस्त 2022 को भारतीय दूतावास को उसके परिजनों को उसकी मौत की खबर देने की सूचना दी. इसके अलावा परिजनों की सहमति पत्र भी मांगा कि वह शव को वापस लाना चाहते हैं या सऊदी अरब में ही उसका अंतिम संस्कार करवाना चाहते हैं. मृतक के भाई का कहना है कि कागजी खानापूर्ति करने के बावजूद भी उसके भाई का शव घर नहीं पहुंचा है. जबकि मां की उम्र 70 साल हो चुकी है. वह अपने बेटे का चेहरा आखिरी बार देखना चाहती हैं.

वहीं, सऊदी अरब में इंजीनियर बेटे की मौत की खबर के बाद से 70 साल की आलम की मां की आंख के आंसू सूख चुके हैं. हर वक्त बूढ़ी मां गुमसुम रहकर दिन और रात काट रही है. बेटे की लाश सऊदी अरब में पोस्टमार्टम के बाद संरक्षित करके रखी गई है. वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि उसे हिंदुस्तान के वजीर ए आला नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है.इसके साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर पर भी भरोसा है कि अगर सरकार ने कोशिश की तो उनके भाई की लाश हिंदुस्तान की सरजमी पर आ सकती है. उसके भाई की लाश सिर्फ कागजी कार्यवाही पूरी न होने की वजह से नहीं आ पा रही है.

मामले में पुलिस अधीक्षक यश आनंद ने बताया कि पीड़ित परिवार का दुख देखकर लगातार सऊदी अरब एंबेसी के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. परिवार की हर बात लगातार एंबेसी तक लिखा पढ़ी करके पहुंचा रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव को भारत भेजने या उसका अंतिम संस्कार सऊदी अरब में करने का फैसला सऊदी अरब सरकार लेगी. पुलिस यहां से लगातार मदद करती रहेगी.

यह भी पढ़ें- प्रयागराज में युवक की सिर कटी लाश मिली, लोगों में दहशत

शाहजहांपुरः जनपद के चौक कोतवाली क्षेत्र (Chowk Kotwali area) में एक बूढ़ी मां (70) अपने इंजीनियर बेटे के शव का इंतजार कर रही है. उसके बेटे मोहम्मद आलम (35) की सऊदी अरब के जद्दा में मौत हो गईं है. उसका शव सऊदी अरब में पिछले 7 महीने से रखा हुआ है. कागजी कार्रवाई पूरी न होने की वजह से बूढ़ी मां की आंखें पथरा गई है. मृतक का भाई अपने भाई का शव स्वदेश लाने के लिए जिले से लेकर लखनऊ तक चक्कर काट रहा है. अब मृतक के परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से शव को भारत लाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं. एसपी यश आनंद ने बताया कि भारतीय दूतावास से संपर्क साधा है.

शाहजहांपुर के युवक की सऊदी अरब में मौत के बाद उसकी मां, भाई और एसपी ने कही ये बातें..

बता दें कि चौक कोतवाली क्षेत्र के किला मोहल्ले की रहने वाली मरियम बेगम के बेटे मोहम्मद आलम ने बीटेक किया था. इसके बाद उन्होंने अपनी मां मरियम बेगम से विदेश में नौकरी करने की ख्वाहिश जाहिर की थी. मां ने छोटा बेटा होने के कारण उसे विदेश जाने से मना कर दिया था लेकिन उसने मां को मना लिया. इसके बाद मोहम्मद आलम 2013 में सऊदी अरब के जेद्दा की एक फर्म में नौकरी करने लगा. 2021 में वह छुट्टी लेकर घर आया था. लेकिन मां ने इस बार उसे जाने से मना कर दिया लेकिन बेटे ने आखिरी बार जाने की बात कह कर सऊदी अरब के लिए एक बार फिर से उड़ान भरी.

30 मार्च 2022 को सऊदी अरब में मोहम्मद आलम खान की अचानक मौत हो गई. सऊदी अरब एंबेसी ने 30 अगस्त 2022 को भारतीय दूतावास को उसके परिजनों को उसकी मौत की खबर देने की सूचना दी. इसके अलावा परिजनों की सहमति पत्र भी मांगा कि वह शव को वापस लाना चाहते हैं या सऊदी अरब में ही उसका अंतिम संस्कार करवाना चाहते हैं. मृतक के भाई का कहना है कि कागजी खानापूर्ति करने के बावजूद भी उसके भाई का शव घर नहीं पहुंचा है. जबकि मां की उम्र 70 साल हो चुकी है. वह अपने बेटे का चेहरा आखिरी बार देखना चाहती हैं.

वहीं, सऊदी अरब में इंजीनियर बेटे की मौत की खबर के बाद से 70 साल की आलम की मां की आंख के आंसू सूख चुके हैं. हर वक्त बूढ़ी मां गुमसुम रहकर दिन और रात काट रही है. बेटे की लाश सऊदी अरब में पोस्टमार्टम के बाद संरक्षित करके रखी गई है. वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि उसे हिंदुस्तान के वजीर ए आला नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है.इसके साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर पर भी भरोसा है कि अगर सरकार ने कोशिश की तो उनके भाई की लाश हिंदुस्तान की सरजमी पर आ सकती है. उसके भाई की लाश सिर्फ कागजी कार्यवाही पूरी न होने की वजह से नहीं आ पा रही है.

मामले में पुलिस अधीक्षक यश आनंद ने बताया कि पीड़ित परिवार का दुख देखकर लगातार सऊदी अरब एंबेसी के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. परिवार की हर बात लगातार एंबेसी तक लिखा पढ़ी करके पहुंचा रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव को भारत भेजने या उसका अंतिम संस्कार सऊदी अरब में करने का फैसला सऊदी अरब सरकार लेगी. पुलिस यहां से लगातार मदद करती रहेगी.

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Last Updated : Oct 17, 2022, 8:03 PM IST
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