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Shahjahanpur में पुलिस वाले करते हैं मारपीट, रुपए भी छीन लेते, अब कोर्ट ने लिया संज्ञान

कोर्ट ने अब पांच साल बाद नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश हुआ है. पुलिस वालों ने मारने पीटने के साथ फर्जी मुकदमें जेल भी भेज दिया था.

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Published : Jan 27, 2023, 8:35 PM IST

शाहजहांपुरः उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर पुलिस मारपीट भी करती है और रुपए भी छीन लेती है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में पुलिस पर लूट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. पीड़ित व्यक्ति के साथ पुलिस कर्मियों के मारपीट करने तथा रुपए छीनने के मामले में कोर्ट ने एक इंस्पेक्टर और आठ पुलिसकर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

मामला 2017 का है. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला पक्का तालाब के रहने वाले वेंकटेश मिश्रा 19 अगस्त 2017 में अपने दोस्त आशीष और अखिलेश के साथ बाइक से जा रहे थे. तभी उनकी गाड़ी दुर्गा होटल के पास कॉन्स्टेबल विजय वीर सिंह और अजय चौहान के वाहन से टकरा गई. इसके बाद उनको पकड़ कर पुलिस थाने ले गई और उनकी जेब से 6 हजार 720 रुपए पुलिस ने छीन लिए और उनकी पिटाई की. तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार डीसी शर्मा ने वेंकटेश मिश्रा और उनके दोस्त आशीष और अखिलेश को पुलिस पर हमला करने के आरोप में जेल भेज दिया.

जेल से छूटने के बाद वेंकटेश मिश्रा ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. अब पांच साल बाद नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश हुआ है. अवधेश सिंह अधिवक्ता का कहना है कि वह एक्सिस बैंक में फील्ड ऑफिसर हैं. उन्होंने सीजीएम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार डीसी शर्मा, उप निरीक्षक बलराज सिंह, जय प्रकाश सिंह, क्रांतिवीर सिंह, कॉन्स्टेबल विजय वीर सिंह, अजय चौधरी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने, रुपए छीनने और फर्जी प्रकरण में जेल भेजने का आरोप पत्र दाखिल किया था. फिलहाल सीजेएम कोर्ट ने नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

पीड़ित वेंकटेश मिश्रा ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने पीटने बाद हमारे खिलाफ ही हत्या का प्रयास तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया था. इसके बाद उन्होंने जेल से ही न्यायालय में गुहार लगाई. तब दोबारा जेल में ही उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया, जिसमें चोटों की पुष्टि हुई थी. अधिवक्ता अवधेश सिंह ने बताया इसी मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एपी गौतम ने तत्कालीन पुलिस कर्मी सिपाही अजय चौधरी, विजय वीर तथा सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह, बलराम सिंह तथा क्रांतिवीर सिंह के अलावा निरीक्षक डीसी शर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ेंः Aam Aadmi Party का रामपुर में अनोखा प्रदर्शन, बिजली के तार शरीर पर लपेटकर की नारेबाजी

शाहजहांपुरः उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर पुलिस मारपीट भी करती है और रुपए भी छीन लेती है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में पुलिस पर लूट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. पीड़ित व्यक्ति के साथ पुलिस कर्मियों के मारपीट करने तथा रुपए छीनने के मामले में कोर्ट ने एक इंस्पेक्टर और आठ पुलिसकर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

मामला 2017 का है. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला पक्का तालाब के रहने वाले वेंकटेश मिश्रा 19 अगस्त 2017 में अपने दोस्त आशीष और अखिलेश के साथ बाइक से जा रहे थे. तभी उनकी गाड़ी दुर्गा होटल के पास कॉन्स्टेबल विजय वीर सिंह और अजय चौहान के वाहन से टकरा गई. इसके बाद उनको पकड़ कर पुलिस थाने ले गई और उनकी जेब से 6 हजार 720 रुपए पुलिस ने छीन लिए और उनकी पिटाई की. तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार डीसी शर्मा ने वेंकटेश मिश्रा और उनके दोस्त आशीष और अखिलेश को पुलिस पर हमला करने के आरोप में जेल भेज दिया.

जेल से छूटने के बाद वेंकटेश मिश्रा ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. अब पांच साल बाद नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश हुआ है. अवधेश सिंह अधिवक्ता का कहना है कि वह एक्सिस बैंक में फील्ड ऑफिसर हैं. उन्होंने सीजीएम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार डीसी शर्मा, उप निरीक्षक बलराज सिंह, जय प्रकाश सिंह, क्रांतिवीर सिंह, कॉन्स्टेबल विजय वीर सिंह, अजय चौधरी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने, रुपए छीनने और फर्जी प्रकरण में जेल भेजने का आरोप पत्र दाखिल किया था. फिलहाल सीजेएम कोर्ट ने नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

पीड़ित वेंकटेश मिश्रा ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने पीटने बाद हमारे खिलाफ ही हत्या का प्रयास तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया था. इसके बाद उन्होंने जेल से ही न्यायालय में गुहार लगाई. तब दोबारा जेल में ही उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया, जिसमें चोटों की पुष्टि हुई थी. अधिवक्ता अवधेश सिंह ने बताया इसी मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एपी गौतम ने तत्कालीन पुलिस कर्मी सिपाही अजय चौधरी, विजय वीर तथा सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह, बलराम सिंह तथा क्रांतिवीर सिंह के अलावा निरीक्षक डीसी शर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.

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