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पंचामृत तरीके से गन्ना किसानों की आमदनी होगी दोगुनी

गन्ना किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए गन्ना विभाग ने किसानों के लिए पंचामृत खेती का प्रशिक्षण शाहजहांपुर में शुरू किया है. इस नवीन तकनीकी से किसानों की लागत बेहद कम आएगी और किसानों की आमदनी दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

किसानों की आमदनी होगी दोगुनी
किसानों की आमदनी होगी दोगुनी
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Published : Mar 6, 2021, 6:15 PM IST

शाहजहांपुर: जिले में गन्ना किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए गन्ना विभाग ने किसानों के लिए पंचामृत खेती का प्रशिक्षण शुरू किया है. इसके लिए जिले के 100 किसानों को चुना गया है. इनसे पंचामृत विधि से गन्ने की खेती कराई जा रही है. इस नवीन तकनीकी से किसानों की लागत बेहद कम आएगी और किसानों की आमदनी दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

किसानों को होगा फायदा
यह भी पढ़ें: ऑनलाइन ठगी गिरोह का खुलासा, दो शातिर गिरफ्तार

100 किसानों का हुआ है चुनाव

जिले में अब पंचामृत खेती के तहत गन्ना किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. इसके लिए 100 गन्ना किसानों को चुना गया है, जो पंचामृत तरीके से गन्ने की खेती करेंगे. इन 100 गन्ना किसानों को आदर्श गन्ना किसान के रूप में चिह्नित किया जाएगा. इनके खेत को आदर्श गन्ना प्लाट के रूप में चिह्नित करेंगे. इसके तहत किसानों को ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई के साथ सहफसली, पेड़ी प्रबंधन फसल, अपशिष्ट प्रबंधन और ड्रिप सिंचाई अर्थात इन पांच तरीकों से गन्ने की खेती करना आ जाएगी. इन पांच पद्धति के नाम के कारण इस खेती को पंचामृत खेती कहा गया है. इस पद्धति से किसानों की फसल की लागत बहुत कम आएगी और उनकी आए दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी. इसके लिए जनपद से सौ किसानों को ब्रांड एंबेसडर चुनकर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा.




पंचामृत के अनिवार्य घटक

पंचामृत अर्थात 5 घटकों से युक्त खेती. इनमें सबसे पहला घटक ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई, दूसरा सहफसली खेती, तीसरा पेड़ा प्रबंधन, चौथा गन्ने की पताई की मिलिंच कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना, पांचवा ड्रिप पद्धति से सिंचाई करना शामिल है. इन पांचों पद्धतियों को अपनाने से किसानों की लागत बहुत काम आएगी, जिससे किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

शाहजहांपुर: जिले में गन्ना किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए गन्ना विभाग ने किसानों के लिए पंचामृत खेती का प्रशिक्षण शुरू किया है. इसके लिए जिले के 100 किसानों को चुना गया है. इनसे पंचामृत विधि से गन्ने की खेती कराई जा रही है. इस नवीन तकनीकी से किसानों की लागत बेहद कम आएगी और किसानों की आमदनी दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

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100 किसानों का हुआ है चुनाव

जिले में अब पंचामृत खेती के तहत गन्ना किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. इसके लिए 100 गन्ना किसानों को चुना गया है, जो पंचामृत तरीके से गन्ने की खेती करेंगे. इन 100 गन्ना किसानों को आदर्श गन्ना किसान के रूप में चिह्नित किया जाएगा. इनके खेत को आदर्श गन्ना प्लाट के रूप में चिह्नित करेंगे. इसके तहत किसानों को ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई के साथ सहफसली, पेड़ी प्रबंधन फसल, अपशिष्ट प्रबंधन और ड्रिप सिंचाई अर्थात इन पांच तरीकों से गन्ने की खेती करना आ जाएगी. इन पांच पद्धति के नाम के कारण इस खेती को पंचामृत खेती कहा गया है. इस पद्धति से किसानों की फसल की लागत बहुत कम आएगी और उनकी आए दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी. इसके लिए जनपद से सौ किसानों को ब्रांड एंबेसडर चुनकर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा.




पंचामृत के अनिवार्य घटक

पंचामृत अर्थात 5 घटकों से युक्त खेती. इनमें सबसे पहला घटक ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई, दूसरा सहफसली खेती, तीसरा पेड़ा प्रबंधन, चौथा गन्ने की पताई की मिलिंच कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना, पांचवा ड्रिप पद्धति से सिंचाई करना शामिल है. इन पांचों पद्धतियों को अपनाने से किसानों की लागत बहुत काम आएगी, जिससे किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

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