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बोनस की मांग को लेकर नरमू ने निकाला मशाल जुलूस

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के कर्मचारियों ने मंगलवार शाम को मशाल जुलूस निकाला. इस दौरान रेलवे कर्मचारियों ने सरकार से बोनस की मांग की.

नरमू ने निकाला मशाल जुलूस
नरमू ने निकाला मशाल जुलूस
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Published : Oct 21, 2020, 9:15 AM IST

शाहजहांंपुर: जिले के रेलवे कर्मचारियों ने बोनस की मांग को लेकर मंगलवार को मशाल जुलूस निकाला. रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे को 40 प्रतिशत अधिक राजस्व मिला है. ऐसे में कर्मचारियों को बोनस दिया जाना चाहिए. अगर केंद्र सरकार बोनस देने की घोषणा नहीं करेगी तो 22 अक्टूबर को रेल कर्मचारी चक्का जाम कर देंगे.

दरअसल, ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्दन रेलवे मेंस (नरमू) ने मशाल जुलूस निकाल कर बोनस मांग दिवस मनाया गया. मशाल जुलूस नरमू कार्यालय से प्रारम्भ होकर रेलवे अस्पताल, मालगोदाम, ढाका तालाब कॉलोनी, सिंग्नल कार्यालय पावर केविन, विद्युत, कैरिज वैगन, पार्सल स्टेशन अधीक्षक, बुकिंग आईओडब्ल्यू, पीडब्ल्यूआई कार्यालय होते हुए लकड़ी के पुल से यूनियन ऑफिस में समाप्त हुआ.

इस मौके पर रेलवे कर्मचारियों ने 42 वर्षों से मिल रहे बोनस को जारी रखने की मांग की. रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे को अधिक राजस्व मिला है, इसलिए सभी रेलवे कर्मचारियों को बोनस मिलना चाहिए.

नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के शाखा सचिव नरेंद्र त्यागी ने कहा कि रेलवे हर वर्ष दशहरा से पहले बोनस की घोषणा कर देती थी, लेकिन इस बार सरकार की मंशा ठीक नहीं लग रही है. हालांकि कोरोना जैसी महामारी में भी रेलकर्मियों ने जीतोड़ मेहनत की है, जिससे रेलवे को लगभग 40 प्रतिशत अधिक राजस्व लाभ मिला है.

उनका कहना है कि रेलकर्मी रात-दिन मेहनत कर रहे हैं, इसलिये बोनस मिलना उनका अधिकार है. रेलकर्मियों को लंबे संघर्ष के बाद सन् 1979 में बोनस का हक मिला था. इसे किसी भी कीमत पर नहीं जाने दिया जाएगा. वहीं सुनील तिवारी ने कहा कि AIRF महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार के ढुल-मुल रवैया पर साफ अल्टीमेटम दे दिया है. यदि बोनस की घोषणा नहीं हुई तो 22 अक्टूबर को रेलकर्मी रेल का चक्का जाम करने पर मजबूर होंगे.

शाहजहांंपुर: जिले के रेलवे कर्मचारियों ने बोनस की मांग को लेकर मंगलवार को मशाल जुलूस निकाला. रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे को 40 प्रतिशत अधिक राजस्व मिला है. ऐसे में कर्मचारियों को बोनस दिया जाना चाहिए. अगर केंद्र सरकार बोनस देने की घोषणा नहीं करेगी तो 22 अक्टूबर को रेल कर्मचारी चक्का जाम कर देंगे.

दरअसल, ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्दन रेलवे मेंस (नरमू) ने मशाल जुलूस निकाल कर बोनस मांग दिवस मनाया गया. मशाल जुलूस नरमू कार्यालय से प्रारम्भ होकर रेलवे अस्पताल, मालगोदाम, ढाका तालाब कॉलोनी, सिंग्नल कार्यालय पावर केविन, विद्युत, कैरिज वैगन, पार्सल स्टेशन अधीक्षक, बुकिंग आईओडब्ल्यू, पीडब्ल्यूआई कार्यालय होते हुए लकड़ी के पुल से यूनियन ऑफिस में समाप्त हुआ.

इस मौके पर रेलवे कर्मचारियों ने 42 वर्षों से मिल रहे बोनस को जारी रखने की मांग की. रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे को अधिक राजस्व मिला है, इसलिए सभी रेलवे कर्मचारियों को बोनस मिलना चाहिए.

नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के शाखा सचिव नरेंद्र त्यागी ने कहा कि रेलवे हर वर्ष दशहरा से पहले बोनस की घोषणा कर देती थी, लेकिन इस बार सरकार की मंशा ठीक नहीं लग रही है. हालांकि कोरोना जैसी महामारी में भी रेलकर्मियों ने जीतोड़ मेहनत की है, जिससे रेलवे को लगभग 40 प्रतिशत अधिक राजस्व लाभ मिला है.

उनका कहना है कि रेलकर्मी रात-दिन मेहनत कर रहे हैं, इसलिये बोनस मिलना उनका अधिकार है. रेलकर्मियों को लंबे संघर्ष के बाद सन् 1979 में बोनस का हक मिला था. इसे किसी भी कीमत पर नहीं जाने दिया जाएगा. वहीं सुनील तिवारी ने कहा कि AIRF महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार के ढुल-मुल रवैया पर साफ अल्टीमेटम दे दिया है. यदि बोनस की घोषणा नहीं हुई तो 22 अक्टूबर को रेलकर्मी रेल का चक्का जाम करने पर मजबूर होंगे.

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