शाहजहांपुर: जिले के रामचंद्र मिशन थाना में एक शादी सम्पन्न होने का मामला सामने आया है. पुलिस के सख्त पहरे के बीच रात में ही दूल्हा और दुल्हन की शादी कराई गई. थाने के मंदिर में दोनों को फेरे दिलाए गए. इस शादी में दोनों पक्षों के रिश्तेदार थाने में मौजूद थे. दरअसल, इससे पहले गांव में शराब पीने को लेकर विवाद हो गया था. दोनों पक्ष तहरीर लेकर थाने पहुंचे. दूल्हे ने वापस गांव जाने से इंकार कर दिया और शादी के लिए जिद पर अड़ गया. उसके बाद पुलिस ने थाने के मंदिर में पंडित बुलाकर फेरे करवाकर दुल्हन को विदा कर दिया.
शराब पीकर आपस में झगड़े दोनों पक्ष
थाना रामचंद्र मिशन क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती की शादी थाना खुदागंज क्षेत्र के गांव खिरिया निवासी कमलेश वर्मा के साथ तय हुई थी. कल रात कमलेश बारात लेकर दुल्हन के घर आया था. उसके साथ तमाम रिश्तेदार भी थे. बारात की कई रस्में भी हो चुकी थीं. रात करीब 12 बजे के बाद बारात के साथ आये दुल्हे रिश्तेदारों ने जमकर शराब पी और दुल्हन के रिश्तेदारों से उलझने लगे. इसके बाद दोनों पक्षों में कुछ विवाद हो गया और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई. इसके चलते दुल्हा बगैर फेरे लिए रिश्तेदारों के साथ वापस गांव से बाहर आ गया.
एक के बाद एक दोनों पक्ष के लोग पहुंचे थाने
बारात वापस जाने पर दुल्हन का पिता तहरीर लेकर रात में ही थाना रामचंद्र मिशन पहुंच गया. इतने में दुल्हे का पिता भी तहरीर लेकर थाना पहुंचा. जिसके बाद थाने में भी दोनों पक्षों में बहस होने लगी. थाने के इस्पेक्टर संजय कुमार ने दोनों पक्षों की थाने में पंचायत कराई. जिसके बाद दोनों पक्षों की सहमति से शादी की बात तय हुई, लेकिन दुल्हे ने दोबारा गांव जाने से इनकार कर दिया और शादी करने के लिए जिद करने लगा. पुलिस ने दोनों पक्षों की सुनते हुए थाने में ही फेरे दिलाने की बात की जिस पर दोनों पक्ष राजी हो गये.
पुलिस के पहरे में थाने में हुई शादी
थाना रामचंद्र मिशन के इंस्पेक्टर संजय कुमार का कहना था कि दोनों पक्ष झगड़ा होने के बाद थाने आए थे. दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दी. जिसके बाद पंचायत कराई गई. दोनों पक्षों के मध्य समझौता हो गया, लेकिन दूल्हा गांव जाकर शादी करने को तैयार नहीं था. जिसके बाद पुलिस ने थाने में ही शादी करवाई. थाने के परिसर में कुर्सियां डाली गईं. थाने के मंदिर में पुलिस की मौजूदगी में दुल्हा और दुल्हन के फेरे कराये गए. इसके बाद खुशी-खुशी दूल्हा और दुल्हन थाने से अपने गांव की ओर चले गए.