शाहजहांपुरः बाल मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे 16 बच्चों को रेलवे पुलिस ने ट्रेन से गुरुवार को रेस्क्यू किया है. बच्चों को पश्चिमी बंगाल से पंजाब के भटिंडा ले जाया जा रहा था. बच्चों के साथ में 10 मौलाना भी साथ में जा रहे थे. फिलहाल एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग, ऑल बाल संरक्षण आयोग और जीआरपी सभी से पूछताछ कर रही है.
दरअसल, जीआरपी शाहजहांपुर को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दिल्ली से सूचना मिली थी कि अवध-असम एक्सप्रेस में कई बच्चों को बाल श्रम के लिए ले जाए जा रहा है. सूचना के बाद जीआरपी, बाल संरक्षण सहित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की टीम ने गुरुवार सुबह 9 बजे ट्रेन को रेलवे स्टेशन पर रुकवाया. इसके बाद अलग-अलग कोच में से 16 बच्चों को ट्रेन से नीचे उतारा गया. बच्चों के साथ में 10 मौलाना भी सफर कर रहे थे. पूछताछ में बच्चों के साथ सफर कर रहे हैं मौलानाओं का कहना है कि वह बच्चों के अभिभावक हैं. सभी लोग किशनगंज, पश्चिम बंगाल से पंजाब के भटिंडा जिले में जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह वहां मजदूरी करते हैं और बच्चे मदरसों में रहकर वहां पढ़ाई करेंगे.वहीं, बाल संरक्षण और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की टीम भी बच्चों और उनके साथ जा रहे पुरुषों से गहन पूछताछ की.
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जीआरपी थाना प्रभारी फैज़ल-उल-रहमान का कहना है कि चाइल्ड हेल्पलाइन की सूचना पर अवध-असम ट्रेन को रोका गया था. जिसमें से 16 बच्चों के साथ 10 लोग मिले हैं. प्रथम दृश्यता मामला चाइल्ड लेबर प्रतीत हो रहा है. उन्होंने बताया कि मामले में अभी जांच की जा रही है, जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.