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Azam Khan को शाहजहांपुर कोर्ट से निकलने के लिए करना पड़ा आधा घंटा इंतजार, सुरक्षाकर्मी ने गेट पर जड़ा ताला - आजम खान

आजम खान (Azam Khan) गबन के मामले में बतौर गवाह शाहजहांपुर सीजेएम कोर्ट में पेश हुए. यहां से जब उनको निकलना था तभी सुरक्षाकर्मी ने गेट नंबर-1 पर ताला लगा दिया. आजम दूसरे गेट से भी जा सकते थे लेकिन वे वहीं से जाने के लिए अड़े रहे. इस बीच मीडिया ने उन्हें घेर लिया और सवाल पर सवाल पूछने शुरू कर दिए. इस पर आजम ने मीडिया को बेरुखा सा जवाब दिया. कहा- मुझ पर इतने मुकदमे हैं तो मैं क्या कर सकता हूं

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Azam Khan शाहजहांपुर कोर्ट पेश हुए.
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Published : Feb 9, 2023, 6:33 PM IST

आजम खान ने शाहजहांपुर में मीडिया को बड़े ही रूखे अंदाज में जवाब दिया.

शाहजहांपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान गबन के मामले में बतौर गवाह गुरुवार को शाहजहांपुर सीजेएम कोर्ट में पेश हुए. आजम खां को कई बार कोर्ट ने नोटिस भेजा था, जिसके बाद भी जब वह अदालत में पेश नहीं हुए तो शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आजम खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद कोर्ट में अपनी गवाही देने के लिए आजम खान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में हाजिर हुए.

पेशी के दौरान अजीब बात यह हुई कि जब आजम खान कोर्ट से निकल कर बाहर अपनी गाड़ी के पास जा रहे थे तभी कोर्ट परिसर के गेट नंबर 1 पर सुरक्षाकर्मी ने ताला जड़ दिया, जिस वजह से आजम खान और उनके समर्थक आधे घंटे तक गेट पर खड़े होकर बाहर निकलने का इंतजार करते रहे. आजम खान भी उसी गेट से निकलने को अड़े रहे. लगभग 25 मिनट के इंतजार के बाद गेट खोला गया. तब आजम खान कोर्ट के गेट से बाहर निकल सके. लेकिन, इस दौरान आजम खान की बेबसी साफ नजर आई.

गबन का मामला शाहजहांपुर जिले के थाना कटरा इलाके का है. सन 1995 में आजम खान उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री थे. 28 अप्रैल 1995 को लखनऊ से रामपुर जाते वक्त आजम खान ने अचानक कटरा इलाके में एक सहकारी समिति का औचक निरीक्षण किया था. जहां पर यूरिया खाद के स्टॉक में कमी पाई गई थी. इसको लेकर जांच के बाद थाना कटरा में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें किसान सेवा सहकारी समिति कटरा के उस समय के प्रबंध निदेशक रामबाबू गुप्ता के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी. मुकदमा वर्तमान में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में लंबित है.

इस मुकदमे के दो गवाह राम सिंह और केदारनाथ की मौत हो चुकी है. वहीं अब एकमात्र बचे गवाह आजम खान को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत ने कई बार नोटिस भेजा था लेकिन, आजम खान शाहजहांपुर अदालत में पेश नहीं हो रहे थे. जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत ने आजम खान को गैर जमानती वारंट जारी करके 9 फरवरी गुरुवार को पेश होने का आदेश जारी किया था.

आजम खान के अधिवक्ता फिरोज हसन खान का कहना है कि यह मुकदमा 1995 का है, जिसमें शाहजहांपुर के कटरा क्षेत्र में सहकारी समिति के सचिव के खिलाफ उस समय के सहकारिता मंत्री रहे आजम खान ने दर्ज कराया था. इसी के चलते मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आजम खान के बयान दर्ज हुए है. मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि उन पर लगातार मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं इस पर आजम खान ने लाचारी दर्शाते हुए कहा कि मैं क्या कर सकता हूं.

ये भी पढ़ेंः Bhadohi के प्राथमिक विद्यालय में दवा खाने से बच्चों की हालत बिगड़ी, जिला अस्पताल में लगी एंबुलेंस की लाइन

आजम खान ने शाहजहांपुर में मीडिया को बड़े ही रूखे अंदाज में जवाब दिया.

शाहजहांपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान गबन के मामले में बतौर गवाह गुरुवार को शाहजहांपुर सीजेएम कोर्ट में पेश हुए. आजम खां को कई बार कोर्ट ने नोटिस भेजा था, जिसके बाद भी जब वह अदालत में पेश नहीं हुए तो शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आजम खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद कोर्ट में अपनी गवाही देने के लिए आजम खान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में हाजिर हुए.

पेशी के दौरान अजीब बात यह हुई कि जब आजम खान कोर्ट से निकल कर बाहर अपनी गाड़ी के पास जा रहे थे तभी कोर्ट परिसर के गेट नंबर 1 पर सुरक्षाकर्मी ने ताला जड़ दिया, जिस वजह से आजम खान और उनके समर्थक आधे घंटे तक गेट पर खड़े होकर बाहर निकलने का इंतजार करते रहे. आजम खान भी उसी गेट से निकलने को अड़े रहे. लगभग 25 मिनट के इंतजार के बाद गेट खोला गया. तब आजम खान कोर्ट के गेट से बाहर निकल सके. लेकिन, इस दौरान आजम खान की बेबसी साफ नजर आई.

गबन का मामला शाहजहांपुर जिले के थाना कटरा इलाके का है. सन 1995 में आजम खान उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री थे. 28 अप्रैल 1995 को लखनऊ से रामपुर जाते वक्त आजम खान ने अचानक कटरा इलाके में एक सहकारी समिति का औचक निरीक्षण किया था. जहां पर यूरिया खाद के स्टॉक में कमी पाई गई थी. इसको लेकर जांच के बाद थाना कटरा में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें किसान सेवा सहकारी समिति कटरा के उस समय के प्रबंध निदेशक रामबाबू गुप्ता के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी. मुकदमा वर्तमान में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में लंबित है.

इस मुकदमे के दो गवाह राम सिंह और केदारनाथ की मौत हो चुकी है. वहीं अब एकमात्र बचे गवाह आजम खान को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत ने कई बार नोटिस भेजा था लेकिन, आजम खान शाहजहांपुर अदालत में पेश नहीं हो रहे थे. जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत ने आजम खान को गैर जमानती वारंट जारी करके 9 फरवरी गुरुवार को पेश होने का आदेश जारी किया था.

आजम खान के अधिवक्ता फिरोज हसन खान का कहना है कि यह मुकदमा 1995 का है, जिसमें शाहजहांपुर के कटरा क्षेत्र में सहकारी समिति के सचिव के खिलाफ उस समय के सहकारिता मंत्री रहे आजम खान ने दर्ज कराया था. इसी के चलते मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आजम खान के बयान दर्ज हुए है. मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि उन पर लगातार मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं इस पर आजम खान ने लाचारी दर्शाते हुए कहा कि मैं क्या कर सकता हूं.

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