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संत रविदास नगर में सौभाग्य योजना का बुरा हाल, नहीं मिल रही लाभार्थियों को बिजली - सौभाग्य योजना

सौभाग्य योजना के तहत प्राइवेट कंपनियों ने टारगेट पूरा करने के लिए जल्दबाजी में लगभग सभी गांव में मीटर इंस्टॉल कर दिए, लेकिन हजारों घरों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है.

घर में लगा विद्युत मीटर.
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Published : Jul 27, 2019, 9:42 PM IST

संत रविदास नगर: सौभाग्य योजना के तहत प्राइवेट कंपनियों को मीटर लगाने और तार बिछाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कंपनियों ने टारगेट पूरा करने के लिए जल्दबाजी में लगभग सभी गांव में मीटर इंस्टॉल कर दिए, लेकिन पूरे जिले में हजारों ऐसे घर हैं, जहां सिर्फ मीटर ही लगा है. न तार पहुंचा और न वहां बिजली का कनेक्शन दिया गया. उनका सौभाग्य योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों में नाम अंकित हो गया है.

मामले की जानकारी देते पीड़ित ग्रामीण.

क्या है मामला-

  • ताजा मामला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर औराई ब्लॉक में डब का गांव का है.
  • जहां एक बस्ती में सभी के घरों में मीटर लगा दिया गया है.
  • आजतक वहां बिजली नहीं पहुंच पाई है.
  • लोगों के घर में सौभाग्य योजना के तहत मिलने वाले तार और लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है.
  • ऐसे में गांव वाले काफी परेशान है और वह बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं.
  • सौभाग्य योजना के तहत जिले में 66,835 लोगों को नए कनेक्शन दिए गए.
  • कनेक्शन का आधार सिर्फ मीटर इनबिल्ट करके पूरा कर दिया गया.
  • अभी हजारों ऐसे परिवार हैं, जहां बिजली नहीं पहुंची है.
  • उनके घर मीटर फीड कर दिया गया है.

संत रविदास नगर: सौभाग्य योजना के तहत प्राइवेट कंपनियों को मीटर लगाने और तार बिछाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कंपनियों ने टारगेट पूरा करने के लिए जल्दबाजी में लगभग सभी गांव में मीटर इंस्टॉल कर दिए, लेकिन पूरे जिले में हजारों ऐसे घर हैं, जहां सिर्फ मीटर ही लगा है. न तार पहुंचा और न वहां बिजली का कनेक्शन दिया गया. उनका सौभाग्य योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों में नाम अंकित हो गया है.

मामले की जानकारी देते पीड़ित ग्रामीण.

क्या है मामला-

  • ताजा मामला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर औराई ब्लॉक में डब का गांव का है.
  • जहां एक बस्ती में सभी के घरों में मीटर लगा दिया गया है.
  • आजतक वहां बिजली नहीं पहुंच पाई है.
  • लोगों के घर में सौभाग्य योजना के तहत मिलने वाले तार और लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है.
  • ऐसे में गांव वाले काफी परेशान है और वह बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं.
  • सौभाग्य योजना के तहत जिले में 66,835 लोगों को नए कनेक्शन दिए गए.
  • कनेक्शन का आधार सिर्फ मीटर इनबिल्ट करके पूरा कर दिया गया.
  • अभी हजारों ऐसे परिवार हैं, जहां बिजली नहीं पहुंची है.
  • उनके घर मीटर फीड कर दिया गया है.
Intro:जिले में सौभाग्य योजना का बुरा हाल आपको हर दूसरे या तीसरे गांव में देखने को मिल जाएगा जिस तरीके से प्राइवेट कंपनियों को मीटर लगाने तथा तार बिछाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी प्राइवेट कंपनी ने इस योजना का बुरा हाल कर दिया कंपनियों ने टारगेट पूरा करने के लिए जल्दबाजी में लगभग सभी गांव में मीटर इंस्टॉल कर दिए लेकिन पूरे जिले में हजारों ऐसे घर है जहां सिर्फ मीटर ही लगा है लगातार पहुंचा और ना वहां बिजली का कनेक्शन दिया गया हालांकि उनका सौभाग्य योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों में नाम अंकित हो गया



Body:जिसकी वजह से उनके फिक्स चार्ज के रूप में बिजली के बिल आने लगे जिसकी वजह से ग्रामीण परेशान है लेकिन उनका सुध लेने वाला कोई नहीं है ना व कहीं शिकायत कर पा रहे हैं और ना ही बस यह समझ पा रहे हैं कि जब बिजली उन्होंने प्रयोग नहीं किया तो बिल कहां से आ गया ऐसी ही कहानी मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर औराई ब्लॉक में डब का गांव का है वहां एक बस्ती में सभी के घरों में मीटर तो लगा दिया गया है लेकिन आज तक वहां बिजली नहीं पहुंच पाया है लोगों के घर इलाही सौभाग्य योजना के तहत मिलने वाले तार और ना ही लाइट की व्यवस्था की गई है ऐसे में गांव वाले काफी परेशान है और वह बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं


Conclusion:सौभाग्य योजना के तहत जिले में 66835 लोगों को नए कनेक्शन दिए गए लेकिन वह कनेक्शन का आधार सिर्फ मीटर इनबिल्ट करके पूरा कर दिया गया अभी हजारों ऐसे परिवार हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है और उनके घर मीटर फीड कर दिया गया है ऐसी स्थिति में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन 1074 गांव के 3602 परिवारों को बिजली दी गई है क्या उनसे लाभार्थी संतुष्ट हैं या यह भी योजना सिर्फ हवा हवाई ही बनकर रह गई है
इस मामले को लेकर जब एक्सियन और मुख्य अभियंता से बात की गई तो उनका कहना है कि जो भी ऐसे केसेस मिल रहे हैं उनका जल्द से जल्द निवारण किया जाएगा और वह मीटर फिटिंग का काम जिसमें सिर्फ किया है वह एक पुराना फर्म है जिसे यह काम दिया गया था जो जिले में 3 महीने काम करने के बाद जिला का काम उसने बंद कर दिया गया था फिर से कनेक्शन देने का दूसरी कंपनी को टेंडर दिया गया फिर काम शुरू हुआ ऐसे में जो पुरानी फॉर्म थे उनके ही मीटर फीड है जिसने इस योजना का पूरा काम ना कर के बीच में ही छोड़ दिया हम ऐसे गांव बस्तियों या परिवारों को चिन्हित कर रहे हैं और उन पर काम किया जाएगा हालांकि कैमरे के सामने उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया



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