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कोरोना का असर, 109 वर्षों से हो रही रामलीला का नहीं होगा मंचन - Ramlila canceled in bhadohi

कोरोना के कारण तमाम धार्मिक-सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रम रद्द किए जा चुके हैं. भदोही में भी रामलीला समिति ने रामलीला के आयोजन को रद्द करने का फैसला लिया है. इस रामलीला की शुरुआत काशी नरेश ने 109 वर्ष पहले कराई थी.

ramlila program canceled
इस बार यह लोग रामलीला नहीं देख पाएंगे लोग
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Published : Oct 16, 2020, 1:43 PM IST

भदोही: कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में जहां तमाम धर्मिक आयोजनों को रद्द करने पड़े. वहीं अब इसका असर रामलीला पर भी पड़ने लगा है. भदोही जिले में सौ वर्षों से होने वाली रामलीला को इस वर्ष कोरोना से बचाव के लिए रद्द करने का फैसला लिया गया है. इस रामलीला की शुरुआत 109 वर्ष पहले काशी नरेश ने कराई थी और उसी समय से यह हर वर्ष होती चली आ रही थी, लेकिन इस बार यह लोग रामलीला नहीं देख पाएंगे. सिर्फ रामलीला के समय मे पांच लोग मुकुट पूजा करेंगे और उसकी अनुमति जिलाधिकारी से मांगी गई है.

इस बार यह लोग रामलीला नहीं देख पाएंगे लोग


ज्ञानपुर रामलीला मैदान में पिछले 109 वर्षों से होती चली आ रही रामलीला को देखने के लिये काफी दूर दूर से लोग यहां आते थे. इस रामलीला का अपना एक महत्त्व है कि इसे बनारस के महाराजा काशी नरेश से शुरु कराया था और तभी से यह रामलीला होती चली आ रही है. रामलीला के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के बारे में लोगों को जानने को मिलता था और बड़े-बुजुर्ग अपने बच्चों को रामलीला दिखाने के लिए यहां लेकर आते थे. दशहरे पर यहां रावण के विशाल पुतले का दहन होता था और सैकड़ों दुकानदारों के पास मेले में आमदनी करने का यह एक अच्छा मौका रहता था.

भदोही: कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में जहां तमाम धर्मिक आयोजनों को रद्द करने पड़े. वहीं अब इसका असर रामलीला पर भी पड़ने लगा है. भदोही जिले में सौ वर्षों से होने वाली रामलीला को इस वर्ष कोरोना से बचाव के लिए रद्द करने का फैसला लिया गया है. इस रामलीला की शुरुआत 109 वर्ष पहले काशी नरेश ने कराई थी और उसी समय से यह हर वर्ष होती चली आ रही थी, लेकिन इस बार यह लोग रामलीला नहीं देख पाएंगे. सिर्फ रामलीला के समय मे पांच लोग मुकुट पूजा करेंगे और उसकी अनुमति जिलाधिकारी से मांगी गई है.

इस बार यह लोग रामलीला नहीं देख पाएंगे लोग


ज्ञानपुर रामलीला मैदान में पिछले 109 वर्षों से होती चली आ रही रामलीला को देखने के लिये काफी दूर दूर से लोग यहां आते थे. इस रामलीला का अपना एक महत्त्व है कि इसे बनारस के महाराजा काशी नरेश से शुरु कराया था और तभी से यह रामलीला होती चली आ रही है. रामलीला के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के बारे में लोगों को जानने को मिलता था और बड़े-बुजुर्ग अपने बच्चों को रामलीला दिखाने के लिए यहां लेकर आते थे. दशहरे पर यहां रावण के विशाल पुतले का दहन होता था और सैकड़ों दुकानदारों के पास मेले में आमदनी करने का यह एक अच्छा मौका रहता था.

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