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संतरविदास नगर: आज से शुरू सावन, जल चढ़ाकर बाबा को खुश करेंगे कावड़िया

आज से भगवान भोलेनाथ के प्रिय सावन के महीने की शुरुआत हो गई है. ऐसे में भोले नाथ को खुश करने के लिए जगह-जगह से कांवड़ियों का जत्था जल चढ़ाने के लिए रवाना हो रहा हैं.

बाबा भोलेनाथ पर जल चढ़ाने निकले कावड़िए
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Published : Jul 17, 2019, 9:24 AM IST

संतरविदास नगर: देश में आज से महा पावन पर्व सावन की शुरूआत हो गई है. मान्यता है कि सावन मास में जल चढ़ाने पर भगवान भोलेनाथ खुश होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. ऐसे में पूरे देश से केसरिया वस्त्र पहनकर शिव भक्ति में लीन कावड़िए शिव दरबार में जल चढ़ाने के लिए रवाना हो रहे हैं.

बाबा भोलेनाथ पर जल चढ़ाने निकले कावड़िए

क्या है कावड़ियों की आस्था-

  • भगवान भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.
  • हर साल शिव दरबार पहुंचकर जल चढ़ाते हैं.
  • इस दौरान शिव उन्हें शक्ति देते हैं.
  • भोलेनाथ उन्हें हर साल सावन में अपने दरबार जरूर बुलाते हैं.

इन परेशानियों का सामना करते हैं कावड़िए-

  • हर साल कावड़िए जल चढ़ाने के लिए प्रयागराज से वाराणसी जाते हैं.
  • इस दौरान कावड़िए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलते हैं.
  • पैदल चलते-चलते कांवड़ियों के पैरों में छाले भी पड़ जाते हैं.

हम 39 सालों से सावन में भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए उनके दरबार जा रहे हैं. कोशिश करते हैं हर साल उनके दरबार में जाने की. भगवान भोले नाथ हमारी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.
-फूलचंद्र,कावड़िया

कांवड़ यात्रा के दौरान हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद हम हर साल बाबा के दरबार में जल चढ़ाने जाते हैं. बाबा हमारी हर मुराद पूरी करते हैं.
-जगदीश, कावड़िया

संतरविदास नगर: देश में आज से महा पावन पर्व सावन की शुरूआत हो गई है. मान्यता है कि सावन मास में जल चढ़ाने पर भगवान भोलेनाथ खुश होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. ऐसे में पूरे देश से केसरिया वस्त्र पहनकर शिव भक्ति में लीन कावड़िए शिव दरबार में जल चढ़ाने के लिए रवाना हो रहे हैं.

बाबा भोलेनाथ पर जल चढ़ाने निकले कावड़िए

क्या है कावड़ियों की आस्था-

  • भगवान भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.
  • हर साल शिव दरबार पहुंचकर जल चढ़ाते हैं.
  • इस दौरान शिव उन्हें शक्ति देते हैं.
  • भोलेनाथ उन्हें हर साल सावन में अपने दरबार जरूर बुलाते हैं.

इन परेशानियों का सामना करते हैं कावड़िए-

  • हर साल कावड़िए जल चढ़ाने के लिए प्रयागराज से वाराणसी जाते हैं.
  • इस दौरान कावड़िए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलते हैं.
  • पैदल चलते-चलते कांवड़ियों के पैरों में छाले भी पड़ जाते हैं.

हम 39 सालों से सावन में भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए उनके दरबार जा रहे हैं. कोशिश करते हैं हर साल उनके दरबार में जाने की. भगवान भोले नाथ हमारी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.
-फूलचंद्र,कावड़िया

कांवड़ यात्रा के दौरान हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद हम हर साल बाबा के दरबार में जल चढ़ाने जाते हैं. बाबा हमारी हर मुराद पूरी करते हैं.
-जगदीश, कावड़िया

Intro: शिव जी का महीना सावन कल से प्रारंभ हो रहा है, ऐसे में भदोही के ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर कावड़ियों का समूह बाबा धाम के लिए रवाना हो रहा है, मान्यता है कि सावन मास में शिव को जल चढ़ाने पर भगवान भोलेनाथ खुश होते है कई कांवरियों ने पहले सोमवार को जल चढ़ाने के लिए आज ज्ञानपुर स्टेशन से कई ग्रुपों में रवाना हुए

Body: जब रोम रोम में शिव बसे होते है तो हर कठिन डगर भी फूलों में बदल जाता है, 17 तारीख से सावन मास शुरू हो रहा है, कावड़ियों का समूह वाराणसी तो कोई बाबा धाम बिहार के लिए रवाना हो रहा है। ऐसे में शिव भक्त केसरिया वस्त्र पहन शिव भक्ति में लीन होकर शिव दरबार में जल चढ़ाने के लिए रवाना हो रहे है। Conclusion:हर साल कावड़िये प्रयागराज से वाराणसी के लिए तो वहीं बिहार के देवघर के लिए भी शिव भक्त रवाना होते है । शिव भक्त बताते है कि सैकड़ो किलोमीटर उन्हें पैदल जाना होता है ऐसे मे शिव भक्तों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना होता है, पैदल चलते चलते उनके पैरों पर छाले हो जाते उसके बावजूद उनका कहना है शिव शक्ति देते है वो भक्ति के रंग में रंग कर शिव दरबार मे जाते है और शिव को जल चढ़ाते है । कई ऐसे कावड़िये भी है जो 38 वर्षो से लगातार बाबा धाम बिहार के लिए जा रहे है, शिव के मंदिर में उपस्थिति दर्ज करा रहे है, उनकी आस्था है कि कभी भी भोलेनाथ उन्हें उदास नही करते , हर सावन उन्हें जरूर अपने दरबार मे बुलाते है ।



बाईट- फूलचंद्र कावड़िया

बाईट- जगदीश कावड़िया

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