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बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा के भतीजे मनीष मिश्रा को मिली जमानत - भतीजे ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा

पूर्व विधायक विजय मिश्रा के भतीजे ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा को विधायक विपुल दुबे की हत्या के साजिश संबंधित मामले में अदालत ने रिहा करने का आदेश दिया है.

मनीष मिश्रा को मिली जमानत
मनीष मिश्रा को मिली जमानत
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Published : Nov 4, 2022, 4:21 PM IST

भदोही: बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा (ex MLA Vijay Mishra ) के भतीजे ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा को ज्ञानपुर के विधायक विपुल दुबे की हत्या के साजिश संबंधित मामले में अपर न्यायाधीश अशद अहमद हाशमी की अदालत ने एक लाख के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया है. फिलहाल दुष्कर्म सहित कई मामलों के चलते मनीष मिश्रा को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.

बता दें कि, लंबे अरसे तक समूचे पूर्वांचल में विजय मिश्र की तूती बोलती थी. लेकिन सरकार की कार्रवाई के चक्रव्यूह में फंसकर उनका पूरा कुनबा आज दम तोड़ता नजर आ रहा है. भदोही की ज्ञानपुर सीट से चार बार MLA रह चुके विजय मिश्रा के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं. दुष्कर्म सहित कई मामलों में वह दो साल से आगरा जेल में निरुद्ध हैं. उन पर 65 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. वहीं, अन्य दुष्कर्म सहित कई मामलों में उनके ब्लॉक प्रमुख भतीजे मनीष मिश्रा भी जौनपुर जेल में बंद हैं. इस दौरान मई माह में भदोही के कौलापुर में कृष्ण मोहन तिवारी के घर के बाहर कुछ लोगों द्वारा वर्तमान विधायक विपुल दुबे की हत्या की साजिश रचने की बातचीत करने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद मुख्य प्रकरण में विजय मिश्रा और मनीष मिश्रा सहित परिवार के ही आधा दर्जन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. चार्टशीट दाखिला के बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.

अपर सत्र न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) अशद अहमद हाशमी की अदालत ने ज्ञानपुर विधानसभा से निषाद पार्टी के विधायक विपुल कुमार दूबे की हत्या की साजिश के मामले में डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्र को राहत दे दी है. कोर्ट ने उन्हें एक लाख के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया. लंबे समय के बाद पूर्व विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार को दो दिनों में कोर्ट से दो बार राहत मिली है. इससे ठीक पहले विजय मिश्रा को आर्म्स एक्ट मामले में 17 अक्टूबर को निचली अदालत द्वारा ढाई वर्ष की सजा के आदेश के क्रियान्वयन पर जिला न्यायालय से रोक और रिहाई होने के आदेश से राहत मिली है. तो अब एक मामले में भतीजे मनीष मिश्रा को जमानत मिल गई है. फिलहाल अन्य मामलों के चलते दोनों लोगों को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें- पत्नी ने पति और देवरानी को रंगे हाथ पकड़ा, पति पर फांसी पर लटकाकर जान लेने का आरोप

भदोही: बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा (ex MLA Vijay Mishra ) के भतीजे ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा को ज्ञानपुर के विधायक विपुल दुबे की हत्या के साजिश संबंधित मामले में अपर न्यायाधीश अशद अहमद हाशमी की अदालत ने एक लाख के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया है. फिलहाल दुष्कर्म सहित कई मामलों के चलते मनीष मिश्रा को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.

बता दें कि, लंबे अरसे तक समूचे पूर्वांचल में विजय मिश्र की तूती बोलती थी. लेकिन सरकार की कार्रवाई के चक्रव्यूह में फंसकर उनका पूरा कुनबा आज दम तोड़ता नजर आ रहा है. भदोही की ज्ञानपुर सीट से चार बार MLA रह चुके विजय मिश्रा के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं. दुष्कर्म सहित कई मामलों में वह दो साल से आगरा जेल में निरुद्ध हैं. उन पर 65 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. वहीं, अन्य दुष्कर्म सहित कई मामलों में उनके ब्लॉक प्रमुख भतीजे मनीष मिश्रा भी जौनपुर जेल में बंद हैं. इस दौरान मई माह में भदोही के कौलापुर में कृष्ण मोहन तिवारी के घर के बाहर कुछ लोगों द्वारा वर्तमान विधायक विपुल दुबे की हत्या की साजिश रचने की बातचीत करने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद मुख्य प्रकरण में विजय मिश्रा और मनीष मिश्रा सहित परिवार के ही आधा दर्जन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. चार्टशीट दाखिला के बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.

अपर सत्र न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) अशद अहमद हाशमी की अदालत ने ज्ञानपुर विधानसभा से निषाद पार्टी के विधायक विपुल कुमार दूबे की हत्या की साजिश के मामले में डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्र को राहत दे दी है. कोर्ट ने उन्हें एक लाख के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया. लंबे समय के बाद पूर्व विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार को दो दिनों में कोर्ट से दो बार राहत मिली है. इससे ठीक पहले विजय मिश्रा को आर्म्स एक्ट मामले में 17 अक्टूबर को निचली अदालत द्वारा ढाई वर्ष की सजा के आदेश के क्रियान्वयन पर जिला न्यायालय से रोक और रिहाई होने के आदेश से राहत मिली है. तो अब एक मामले में भतीजे मनीष मिश्रा को जमानत मिल गई है. फिलहाल अन्य मामलों के चलते दोनों लोगों को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.

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