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भदोही: पिता ने की थी पुत्र की हत्या, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Bhadohi's Gopiganj Kotwali

यूपी के भदोही में जिला एवं सेशन कोर्ट ने बेटे की हत्या के आरोप में पिता को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. पिता ने बच्चे को कुएं में धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी.

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Published : Jan 10, 2020, 2:31 PM IST

भदोही: 10 वर्षीय बेटे की हत्या के आरोप में पिता को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. पिता पर बच्चे को स्कूल से लाकर रास्ते मे कुंए में धक्का देकर मारने का आरोप था. बताया जा रहा है कि पिता ने बच्चे की हत्या इसलिए की थी कि उसने पिता के खिलाफ पुलिस में बयान दिया था, जिमसें पिता द्वारा बच्चे के मां को मारने-पीटने का आरोप था.

मामले की जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता.
  • मामला अगस्त 2016 के गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित बरजी गांव का है.
  • गांव निवासी गंगेश्वर नाथ पुत्र शिवम को स्कूल छोड़ने गया था.
  • शिवम स्कूल से वापस नहीं आया.
  • काफी देर खोजबीन करने के बाद घर वालों ने थाने पर गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई.

वहीं दूसरे दिन गांव वालों ने बताया कि शिवम का शव गांव के ही दूर एक कुंए में दिखाई दे रहा है. शव को कुंए में से निकलवाया गया. बाद में पुलिस द्वारा हत्या का मुकदमा दर्ज करके साक्ष्य संकलन किया गया तो पाया गया कि पिता गंगेश्वर नाथ ही उसके स्कूल से उसे एक घंटे बाद ही वापस ले आया था. रास्ते में उसकी फोटो और आईडी लेने के बहाने शिवम को गांव के ही एक सुनसान स्थान पर ले गया और शिवम को कुएं में घक्का मार दिया, जिससे शिवम की मृत्यु हो गई.

पढ़ें: 21 हजार बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाने के लिए ट्रेंड हो रहे प्रशिक्षक

इस घटना के दो दिन पहले शिवम ने पुलिस को बयान दिया था कि उसकी माता को पिता मारता-पीटता है और खाना-पीना नहीं देता है. इसी के चलते पिता ने शिवम की हत्या कर दी. जिला न्यायालय में लगने वाली फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने पिता को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

2 अगस्त 2016 में गंगेश्वर नाथ पाण्डेय बच्चे को हत्या करने के उद्देश्य से स्कूल छोड़ने गया और फिर कुछ देर बाद बच्चे को स्कूल से ले आया. रास्ते में शिवम को गंगेश्वर नाथ पाण्डेय ने कुंए में धक्का दे दिया. दूसरे दिन गांव वालों को शिवम का शव कुंए में मिला. साक्ष्य जुटाने पर पिता दोषी पाया गया, जिस पर कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
पंकज तिवारी, शासकीय अधिवक्ता

भदोही: 10 वर्षीय बेटे की हत्या के आरोप में पिता को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. पिता पर बच्चे को स्कूल से लाकर रास्ते मे कुंए में धक्का देकर मारने का आरोप था. बताया जा रहा है कि पिता ने बच्चे की हत्या इसलिए की थी कि उसने पिता के खिलाफ पुलिस में बयान दिया था, जिमसें पिता द्वारा बच्चे के मां को मारने-पीटने का आरोप था.

मामले की जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता.
  • मामला अगस्त 2016 के गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित बरजी गांव का है.
  • गांव निवासी गंगेश्वर नाथ पुत्र शिवम को स्कूल छोड़ने गया था.
  • शिवम स्कूल से वापस नहीं आया.
  • काफी देर खोजबीन करने के बाद घर वालों ने थाने पर गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई.

वहीं दूसरे दिन गांव वालों ने बताया कि शिवम का शव गांव के ही दूर एक कुंए में दिखाई दे रहा है. शव को कुंए में से निकलवाया गया. बाद में पुलिस द्वारा हत्या का मुकदमा दर्ज करके साक्ष्य संकलन किया गया तो पाया गया कि पिता गंगेश्वर नाथ ही उसके स्कूल से उसे एक घंटे बाद ही वापस ले आया था. रास्ते में उसकी फोटो और आईडी लेने के बहाने शिवम को गांव के ही एक सुनसान स्थान पर ले गया और शिवम को कुएं में घक्का मार दिया, जिससे शिवम की मृत्यु हो गई.

पढ़ें: 21 हजार बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाने के लिए ट्रेंड हो रहे प्रशिक्षक

इस घटना के दो दिन पहले शिवम ने पुलिस को बयान दिया था कि उसकी माता को पिता मारता-पीटता है और खाना-पीना नहीं देता है. इसी के चलते पिता ने शिवम की हत्या कर दी. जिला न्यायालय में लगने वाली फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने पिता को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

2 अगस्त 2016 में गंगेश्वर नाथ पाण्डेय बच्चे को हत्या करने के उद्देश्य से स्कूल छोड़ने गया और फिर कुछ देर बाद बच्चे को स्कूल से ले आया. रास्ते में शिवम को गंगेश्वर नाथ पाण्डेय ने कुंए में धक्का दे दिया. दूसरे दिन गांव वालों को शिवम का शव कुंए में मिला. साक्ष्य जुटाने पर पिता दोषी पाया गया, जिस पर कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
पंकज तिवारी, शासकीय अधिवक्ता

Intro:भदोही में दस वर्षीय बेटे की हत्या के आरोप में पिता को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। पिता पर बच्चे को स्कूल से लाकर रास्ते मे कुंवे में धक्का देकर मारने का आरोप था। मासूम बेटे की पिता ने सिर्फ इसलिए हत्या की थी कि उसने पुलिस को अपने पिता के खिलाफ बयान दिया था जिमसें पिता द्वारा बच्चे के मां को मारने पीटने का बयान दिया गया था। 


Body:मामला गोपीगंज कोतवाली के बरजी गांव का अगस्त 2016 के है। अभियोजन के मुताबिक दिनांक 2 अगस्त 2016 को गंगेश्वर नाथ अपने पुत्र शिवम को स्कूल ले गया था और वह वापस आ गया परंतु उसका बच्चा शिवम वापस नहीं आया था। काफी देर खोजबीन करने के बाद उसके घर वालों ने थाने पर गुमशुदगी में एफ आई आर दर्ज कराई थी। Conclusion:खोजबीन करने के दूसरे दिन बाद गांव वालों ने बताया कि शिवम की लाश गांव के ही दूर एक कुएं में दिखाई दे रही है। जिसे निकालने पर पता चला कि वह शिवम की लाश है। बाद में पुलिस द्वारा हत्या का मुकदमा दर्ज करके साक्ष्य संकलन किया गया तो पाया गया कि उसका पिता गंगेश्वर नाथ ही स्कूल ले गया था और उसके स्कूल से उसे 1 घंटे बाद ही वापस ले आया था और रास्ते में उसकी फोटो और आईडी लेने के बहाने उसे गांव के ही एक सुनसान स्थान पर कुंवे में जिंदा फेंक दिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य नहीं था हत्या करते किसी ने अपनी आंखों से नहीं देखा था लेकिन पर स्थित जन साक्ष्यों से संदेह से परे यह बात साबित की गई उस अबोध बच्चे का हत्यारा उसका पिता ही था। इस मामले में घटना के 2 दिन पहले उस बच्चे ने पुलिस के सामने यह बात बताई थी उसकी माता को उसका पिता मारता पीटता है और खाना पीना नहीं देता है। इसी बात की रंजिश को मन में ठान कर उसके पिता ने उस बालक को स्कूल बहाने स्कूल के बहाने ले जाने और स्कूल से ले आने पर रास्ते में ही कुएं में ढकेल दिया और चुपचाप घर पर लौट आया। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के पश्चात हत्यारे पिता को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

बाईट-पंकज तिवारी, सशकीय अधिवक्ता
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