भदोही: 10 वर्षीय बेटे की हत्या के आरोप में पिता को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. पिता पर बच्चे को स्कूल से लाकर रास्ते मे कुंए में धक्का देकर मारने का आरोप था. बताया जा रहा है कि पिता ने बच्चे की हत्या इसलिए की थी कि उसने पिता के खिलाफ पुलिस में बयान दिया था, जिमसें पिता द्वारा बच्चे के मां को मारने-पीटने का आरोप था.
- मामला अगस्त 2016 के गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित बरजी गांव का है.
- गांव निवासी गंगेश्वर नाथ पुत्र शिवम को स्कूल छोड़ने गया था.
- शिवम स्कूल से वापस नहीं आया.
- काफी देर खोजबीन करने के बाद घर वालों ने थाने पर गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई.
वहीं दूसरे दिन गांव वालों ने बताया कि शिवम का शव गांव के ही दूर एक कुंए में दिखाई दे रहा है. शव को कुंए में से निकलवाया गया. बाद में पुलिस द्वारा हत्या का मुकदमा दर्ज करके साक्ष्य संकलन किया गया तो पाया गया कि पिता गंगेश्वर नाथ ही उसके स्कूल से उसे एक घंटे बाद ही वापस ले आया था. रास्ते में उसकी फोटो और आईडी लेने के बहाने शिवम को गांव के ही एक सुनसान स्थान पर ले गया और शिवम को कुएं में घक्का मार दिया, जिससे शिवम की मृत्यु हो गई.
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इस घटना के दो दिन पहले शिवम ने पुलिस को बयान दिया था कि उसकी माता को पिता मारता-पीटता है और खाना-पीना नहीं देता है. इसी के चलते पिता ने शिवम की हत्या कर दी. जिला न्यायालय में लगने वाली फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने पिता को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
2 अगस्त 2016 में गंगेश्वर नाथ पाण्डेय बच्चे को हत्या करने के उद्देश्य से स्कूल छोड़ने गया और फिर कुछ देर बाद बच्चे को स्कूल से ले आया. रास्ते में शिवम को गंगेश्वर नाथ पाण्डेय ने कुंए में धक्का दे दिया. दूसरे दिन गांव वालों को शिवम का शव कुंए में मिला. साक्ष्य जुटाने पर पिता दोषी पाया गया, जिस पर कोर्ट ने आजीवन कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
पंकज तिवारी, शासकीय अधिवक्ता