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खाद के लिए भटक रहे हैं भदोही के किसान

भदोही जिले की 40 समितियों से खाद नदारद है और किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हो रहे हैं. रोज सुबह से लाइन में लग जाने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है, जबकि रबी की बुआई के लिए खाद की बहुत जरूरत है.

खाद के लिए भटक रहे हैं भदोही के किसान.
खाद के लिए भटक रहे हैं भदोही के किसान.
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Published : Nov 25, 2020, 8:07 PM IST

भदोही: भदोही जिले में खाद और डीएपी खाद पाने के लिए किसानों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. समितियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है. जीएसटी संबंधी कागज जमा न करने के कारण जिले की 52 समितियों में से 40 समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं है. इससे किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

रबी की बुआई के लिए इस समय किसानों को खाद की बेहद जरूरत है, जिसकी वजह से किसानों को खुले बाजार से खाद ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ रहा है. डीएपी खाद हासिल करने के लिए किसानों को लंबी कतारों में खड़ा रहने के बावजूद भी शाम तक खाद नहीं मिल पाती है. समितियों पर रोज धक्का-मुक्की और विवाद हो रहे हैं. इस समय जिले की केवल 12 समितियों पर ही खाद उपलब्ध है, जिसकी वजह से डीएपी की मारामारी मची हुई है.

खाद की खूब हो रही है कालाबाजारी

सुबह से ही लंबी लाइन लगाकर किसान समितियों पर खड़े हो जाते हैं और शाम तक यही स्थिति बनी रहती है. समितियों पर खाद न होने की वजह से कालाबाजारी अपने चरम पर है. खुले बाजारों में मिलावटी और नकली खाद जमकर बिक रही है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है. यदि समय से किसानों को खाद नहीं मिला तो इसकी वजह से उनकी बुवाई पिछड़ जाएगी, जिसकी वजह से वह आज खाद औने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं. जिले में कुल पंजीकृत किसान 1,98,000 हैं, जबकि इस बार 2,767 एमटी खाद वितरित किए जाने का लक्ष्य था. जिले की 52 समितियों पर 7,459 एमटी खाद वितरित करना है, लेकिन अभी तक सिर्फ 2,030 एमटी वितरित हुआ है.

सुबह से लगती है लाइन फिर भी नहीं मिलती खाद
जिले के किसान रमेश पांडे बताते हैं कि वह पिछले 3 दिनों से समिति के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको खाद नहीं मिल पाया है. वह बताते हैं कि सुबह 6 बजे ही वह लोग लाइन लगा लेते हैं. इसके बावजूद भी कोई न कोई ऐसी समस्या आ जाती है, जिसकी वजह से खाद उपलब्ध नहीं हो पाती है. समितियों पर किसानों द्वारा धक्का-मुक्की और मारपीट की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. हालांकि जिला प्रशासन जल्द से जल्द इन समस्याओं के समाधान के लिए लगा हुआ है ताकि किसानों को महंगे दामों पर खुले मार्केट से खाद न खरीदनी पड़े.

जो भी 40 समितियां जीएसटी की वजह से बंद हैं 1 सप्ताह के अंदर उनकी सारी औपचारिकताएं पूरी करके जल्द से जल्द उनको खोल दिया जाएगा. किसानों को जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जा रही है. मिर्जापुर में डंप पड़ी 15 एमपी डीएपी की खेप जल्द जिले में आ जाएगी, जिससे किसानों को राहत महसूस होगी.

रविंद्र मिश्रा, पीआरओ, सहकारिता विभाग

भदोही: भदोही जिले में खाद और डीएपी खाद पाने के लिए किसानों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. समितियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है. जीएसटी संबंधी कागज जमा न करने के कारण जिले की 52 समितियों में से 40 समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं है. इससे किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

रबी की बुआई के लिए इस समय किसानों को खाद की बेहद जरूरत है, जिसकी वजह से किसानों को खुले बाजार से खाद ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ रहा है. डीएपी खाद हासिल करने के लिए किसानों को लंबी कतारों में खड़ा रहने के बावजूद भी शाम तक खाद नहीं मिल पाती है. समितियों पर रोज धक्का-मुक्की और विवाद हो रहे हैं. इस समय जिले की केवल 12 समितियों पर ही खाद उपलब्ध है, जिसकी वजह से डीएपी की मारामारी मची हुई है.

खाद की खूब हो रही है कालाबाजारी

सुबह से ही लंबी लाइन लगाकर किसान समितियों पर खड़े हो जाते हैं और शाम तक यही स्थिति बनी रहती है. समितियों पर खाद न होने की वजह से कालाबाजारी अपने चरम पर है. खुले बाजारों में मिलावटी और नकली खाद जमकर बिक रही है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है. यदि समय से किसानों को खाद नहीं मिला तो इसकी वजह से उनकी बुवाई पिछड़ जाएगी, जिसकी वजह से वह आज खाद औने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं. जिले में कुल पंजीकृत किसान 1,98,000 हैं, जबकि इस बार 2,767 एमटी खाद वितरित किए जाने का लक्ष्य था. जिले की 52 समितियों पर 7,459 एमटी खाद वितरित करना है, लेकिन अभी तक सिर्फ 2,030 एमटी वितरित हुआ है.

सुबह से लगती है लाइन फिर भी नहीं मिलती खाद
जिले के किसान रमेश पांडे बताते हैं कि वह पिछले 3 दिनों से समिति के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उनको खाद नहीं मिल पाया है. वह बताते हैं कि सुबह 6 बजे ही वह लोग लाइन लगा लेते हैं. इसके बावजूद भी कोई न कोई ऐसी समस्या आ जाती है, जिसकी वजह से खाद उपलब्ध नहीं हो पाती है. समितियों पर किसानों द्वारा धक्का-मुक्की और मारपीट की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. हालांकि जिला प्रशासन जल्द से जल्द इन समस्याओं के समाधान के लिए लगा हुआ है ताकि किसानों को महंगे दामों पर खुले मार्केट से खाद न खरीदनी पड़े.

जो भी 40 समितियां जीएसटी की वजह से बंद हैं 1 सप्ताह के अंदर उनकी सारी औपचारिकताएं पूरी करके जल्द से जल्द उनको खोल दिया जाएगा. किसानों को जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जा रही है. मिर्जापुर में डंप पड़ी 15 एमपी डीएपी की खेप जल्द जिले में आ जाएगी, जिससे किसानों को राहत महसूस होगी.

रविंद्र मिश्रा, पीआरओ, सहकारिता विभाग

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