चंदौली: सूबे की योगी सरकार ने चंदौली जरी-जरदोजी उत्पाद को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के रूप में चयनित किया था. अब जिले के यह उत्पाद प्रधानमंत्री कार्यालय की शोभा बढ़ाएंगे. दिवाली के अवसर पर सीएम योगी की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को एक बास्केट गिफ्ट किया जाएगा. इसमें प्रदेश के 10 जिलों के उत्पादों का चयन किया है. इनमें से एक चंदौली हस्तकला का नमूना भी शामिल है, जिसे आफताब आलम ने तैयार किया है. अपने प्रोडक्ट के चयन से आफताब बेहद खुश हैं और उन्हें दिन बहुरने की एक उम्मीद भी है.
चंदौली की जरी-जरदोजी से वाकिफ होंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंदौली की जरी-जरदोजी की कारीगरी से वाकिफ होंगे. मड़िया के रहने वाले कारीगर आफताब आलम की ओर से तैयार की गई जरी की आकर्षक डिजाइन और मोर पीएमओ की शोभा बढ़ाएंगे. यह डिजाइन पीएम के 'वोकल फार लोकल' अभियान से जुड़कर जिले की पहचान भी बनेंगे. लखनऊ स्थित ओडीओपी सेल की डिमांड पर उत्पाद भेज दिए गए हैं. पीएम मोदी को मुख्यमंत्री दस जिलों के विशेष उत्पाद दिवाली पर तोहफा के रूप में भेंट करने वाले हैं.
ओडीओपी सेल ने की डिजाइन की डिमांड
दरअसल, योगी सरकार की ओर से अति पिछड़े जिले में जरी-जरदोजी को एक जनपद एक उत्पाद के रूप में चयन किया गया है. ओडीओपी सेल ने जिला उद्योग व उद्यम प्रोत्साहन केंद्र को पत्र भेजकर संबंधित उत्पाद की मांग की थी. इसके बाद विभाग की ओर से जरी कारीगरों की ओर से तैयार किए गए विशेष उत्पाद मंगाए गए थे. मड़िया गांव के कारीगर आफताब आलम और उनकी टीम द्वारा तैयार की गई जरी की विशेष डिजाइन और आकर्षक मोर ने सबको लुभा दिया. डिजाइन व मोर लखनऊ भेज दिया गया है. ओडीओपी सेल जरी समेत विभिन्न उत्पादों की बास्केट पीएमओ को भेजेगा. इस पहल से कारीगरों में खुशी है.
पीएमओ के लिए प्रोडक्ट चयन से गदगद हैं आफताब
आफताब आलम ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि जिले के उत्पाद प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचने से वह बेहद खुश हैं. इससे यहां के कारीगरों के हुनर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. डिमांड बढ़ने से कारीगरों को काम मिलेगा. उनकी मुफलिसी में कट रही जिंदगी भी दोबारा पटरी पर लौटेगी.
हस्तशिल्प कला का बारीक नमूना
यह प्रोडक्ट हस्तशिल्प कला का बेहद बारीक नमूना है. दिनभर की कठिन मेहनत से इसे तैयार किया जाता है. ऐसी हस्तशिल्प कलाकृति तैयार करने में अनुभव और नजर का काफी जोर होता है. इसे बनाते वक्त शिल्पी को अपना ध्यान एकाग्र कर अपनी नजर कलाकृति पर घूमती सुइयों पर टिकाए रहना होता है. एक गलत सुई पूरी मेहनत पर पानी फेर सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी के 'मोर प्रेम' से मिली प्रेरणा
वहीं हस्तकला की डिजाइन में मोर बनाए जाने के पीछे की मंशा जाहिर करते हुए आफताब आलम ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी को मोर काफी पसंद है. पिछले दिनों टीवी में मोर के साथ उनकी तश्वीरें देखी थीं. जिसमें वह मोर को दाना खिला रहे थे. इसी बात को ध्यान में रखकर मोर की डिजाइन को तैयार किया गया है.
हस्तशिल्प की खास पहचान है यह डिजाइन
वहीं दूसरी कलाकृति मोर पंख की डिजाइन है, जो जरी-जरदोजी की खास किस्म की नमूना माना जाता है. यह बेहद लुभावना होता है. इस कलाकृति को बनाने वाले कारीगरों की संख्या भी बेहद कम होती है, जो अब प्रधानमंत्री कार्यालय की शोभा बढ़ाएगी.
हजारों लोग कर रहे हैं जरी-जरदोजी का काम
जिले में करीब 500 जरी-जरदोजी के छोटे-बड़े कारखाने हैं. यहां करीब दस हजार लोग काम करते हैं. खासतौर से वाराणसी से सटे पड़ाव और दुलहीपुर के इलाके की अधिकांश आबादी जरी-जरदोजी के काम में जुटी हुई है. इसके एक जनपद एक उत्पाद के रूप में चयनित होने के बाद लोगों का रुझान बढ़ा है. अब जब उनका यह उत्पाद वैश्विक पटल पर जाएगा तो मुमकिन तौर पर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह फायदेमंद साबित होगा.
ओडीओपी सेल लखनऊ ने जिले में निर्मित जरी-जरदोजी के विशेष उत्पाद की डिमांड की थी. यहां से जरी की डिजाइन भेजी गई. कई जिलों के उत्पाद के साथ जरी-जरदोजी उत्पाद से तैयार बास्केट सीएम योगी की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को दिवाली पर गिफ्ट किया जाएगा.
-गौरव मिश्रा, उपायुक्त, जरी-जरदोजी उद्योग