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भदोही: अपने कारनामों के चलते चर्चित रहे विधायक विजय मिश्रा पर दर्ज हैं 73 मुकदमे

उत्तर प्रदेश के भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा पर 73 मुकदमे दर्ज हैं. हालांकि वह इसे विरोधी दलों की साजिश बताते हैं. उनका कहना है कि सभी मुकदमे फर्जी हैं. ज्यादातर मामलों में वह बाइज्जत बरी हो चुके हैं. इस बारे में पुलिस ने बताया था कि उनके ऊपर 73 मुकदमें हैं, लेकिन पुलिस ने यह बताने से इनकार कर दिया कि सारे मुकदमे अभी सक्रिय हैं या लंबित हैं.

विधायक विजय मिश्रा.
विधायक विजय मिश्रा.
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Published : Aug 18, 2020, 2:27 PM IST

भदोही: प्रयागराज जिले के सैदाबाद थाना क्षेत्र के खपटिहा गांव के रहने वाले विजय मिश्रा ने 1988 में ब्लॉक प्रमुख से राजनीति में कदम रखा था. उनके आपराधिक इतिहास में 73 मुकदमों में से 38 मुकदमे पहले से दर्ज हैं. जो चुनावी रंजिश या उनके विरोधी दलों ने साजिश में दर्ज नहीं कराए हैं. भदोही पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह द्वारा विधायक के अपराधों की जारी की गई सूची के अनुसार विजय मिश्रा पर 1977 में पहला आपराधिक मामला हंडिया में दर्ज हुआ. राजनीती में आने से पहले दर्ज 38 मुकदमों में प्रमुख रूप से गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और जनवरी 1997 में विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष किशन रूंगटा का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती लेकर हत्या करने के आरोप में दर्ज हैं.

हत्या के आरोप में कई मुकदमें हैं दर्ज
इसके अलावा भदोही के पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के छोटे भाई रामेश्वर पांडेय की 2002 में पोलिंग के दिन गोलीमार कर हत्या करने, पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के भाई धरणीधर त्रिपाठी की हत्या, वर्तमान मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी पर साल 2003 में बमों से जानलेवा हमला करने का मामला (इस हमले में इंडियन एक्सप्रेस के एक पत्रकार सहित दो लोग मरे गए थे) दर्ज हैं.

गुंडा एक्ट में कई मुकदमे हैं दर्ज
पुलिस के मुताबिक विजय मिश्रा पर चौथी बार गुंडा एक्ट का मामला 18 जुलाई 2020 को औराई में थाना दर्ज हुआ है. हालांकि इतने मामले दर्ज होने के बाद भी वह इसे विरोधी लोगों की साजिश ही मानते हैं. इस बारे में पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि टोलप्लाजा को लेकर जब विधायक ने फोन पर धमकी दी तो उस गोपी कृष्ण माहेश्वरी ने मुकदमा दर्ज कराने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया कि वह बाहुबली दबंग हैं. तब पुलिस ने खुद ऑडियो का संज्ञान लेकर विजय मिश्रा पर गुंडा एक्ट का मामला दर्ज किया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ज्यादातर मामलों में यह इसलिए बरी हो गया कि इसकी दबंगई के चलते कोई गवाही नहीं देने जाता.

निषाद पार्टी से चुनाव जीता
तीन बार समाजवादी पार्टी से विधायक रहे विजय मिश्रा को अखिलेश यादव ने पार्टी की छवि बदलने को जब इनका टिकट काट दिया तो विजय मिश्रा ने निषाद पार्टी से चुनाव जीता. निषाद पार्टी से जीत के बारे में तब भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे हौसिला प्रसाद पाठक कहते हैं कि वह यह चुनाव में कहने लगा की जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो जाएंगे तब पार्टी अध्यक्ष और वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने ज्ञानपुर की अंतिम चुनावी सभा में साफ़ कर दिया था की विजय मिश्रा को भाजपा में नहीं लिया जाएगा जनता भ्रम में न आए.

हौसिला ने कहा यह एक दुर्दांत अपराधी
हौसिला प्रसाद पाठक ने बताया कि विधायक बनने के बाद यह भाजपा के कार्यक्रम में अनावश्यक शामिल होने लगा. कई बार पार्टी कार्यालय में हमारे पास आए जिस पर हमने इनके आपराधिक इतिहास और पार्टी हाईकमान के फैसले को देखते हुए मना कर दिया. उन्होंने बताया आज ब्राह्मण जाति का राग अलाप रहे विजय मिश्रा ने इसी जनवरी जब दिल्ली चुनाव में हम गए थे, तो विजय मिश्रा ने हमारे ऊपर यहां गोपीगंज थाना में फर्जी दलित उत्पीड़न एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि आज ब्राह्मण की बात कहने वाले अपराधी विजय मिश्रा ने कई ब्राह्मणों की हत्या की है. यह एक दुर्दांत अपराधी है, इसे किसी जाति विशेष से न जोड़ा जाए. ताजा मामला भी एक ब्राह्मण का ही है, जिसमें उसे गिरफ्तार किया गया है.

भदोही: प्रयागराज जिले के सैदाबाद थाना क्षेत्र के खपटिहा गांव के रहने वाले विजय मिश्रा ने 1988 में ब्लॉक प्रमुख से राजनीति में कदम रखा था. उनके आपराधिक इतिहास में 73 मुकदमों में से 38 मुकदमे पहले से दर्ज हैं. जो चुनावी रंजिश या उनके विरोधी दलों ने साजिश में दर्ज नहीं कराए हैं. भदोही पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह द्वारा विधायक के अपराधों की जारी की गई सूची के अनुसार विजय मिश्रा पर 1977 में पहला आपराधिक मामला हंडिया में दर्ज हुआ. राजनीती में आने से पहले दर्ज 38 मुकदमों में प्रमुख रूप से गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और जनवरी 1997 में विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष किशन रूंगटा का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती लेकर हत्या करने के आरोप में दर्ज हैं.

हत्या के आरोप में कई मुकदमें हैं दर्ज
इसके अलावा भदोही के पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के छोटे भाई रामेश्वर पांडेय की 2002 में पोलिंग के दिन गोलीमार कर हत्या करने, पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के भाई धरणीधर त्रिपाठी की हत्या, वर्तमान मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी पर साल 2003 में बमों से जानलेवा हमला करने का मामला (इस हमले में इंडियन एक्सप्रेस के एक पत्रकार सहित दो लोग मरे गए थे) दर्ज हैं.

गुंडा एक्ट में कई मुकदमे हैं दर्ज
पुलिस के मुताबिक विजय मिश्रा पर चौथी बार गुंडा एक्ट का मामला 18 जुलाई 2020 को औराई में थाना दर्ज हुआ है. हालांकि इतने मामले दर्ज होने के बाद भी वह इसे विरोधी लोगों की साजिश ही मानते हैं. इस बारे में पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि टोलप्लाजा को लेकर जब विधायक ने फोन पर धमकी दी तो उस गोपी कृष्ण माहेश्वरी ने मुकदमा दर्ज कराने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया कि वह बाहुबली दबंग हैं. तब पुलिस ने खुद ऑडियो का संज्ञान लेकर विजय मिश्रा पर गुंडा एक्ट का मामला दर्ज किया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ज्यादातर मामलों में यह इसलिए बरी हो गया कि इसकी दबंगई के चलते कोई गवाही नहीं देने जाता.

निषाद पार्टी से चुनाव जीता
तीन बार समाजवादी पार्टी से विधायक रहे विजय मिश्रा को अखिलेश यादव ने पार्टी की छवि बदलने को जब इनका टिकट काट दिया तो विजय मिश्रा ने निषाद पार्टी से चुनाव जीता. निषाद पार्टी से जीत के बारे में तब भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे हौसिला प्रसाद पाठक कहते हैं कि वह यह चुनाव में कहने लगा की जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो जाएंगे तब पार्टी अध्यक्ष और वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने ज्ञानपुर की अंतिम चुनावी सभा में साफ़ कर दिया था की विजय मिश्रा को भाजपा में नहीं लिया जाएगा जनता भ्रम में न आए.

हौसिला ने कहा यह एक दुर्दांत अपराधी
हौसिला प्रसाद पाठक ने बताया कि विधायक बनने के बाद यह भाजपा के कार्यक्रम में अनावश्यक शामिल होने लगा. कई बार पार्टी कार्यालय में हमारे पास आए जिस पर हमने इनके आपराधिक इतिहास और पार्टी हाईकमान के फैसले को देखते हुए मना कर दिया. उन्होंने बताया आज ब्राह्मण जाति का राग अलाप रहे विजय मिश्रा ने इसी जनवरी जब दिल्ली चुनाव में हम गए थे, तो विजय मिश्रा ने हमारे ऊपर यहां गोपीगंज थाना में फर्जी दलित उत्पीड़न एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि आज ब्राह्मण की बात कहने वाले अपराधी विजय मिश्रा ने कई ब्राह्मणों की हत्या की है. यह एक दुर्दांत अपराधी है, इसे किसी जाति विशेष से न जोड़ा जाए. ताजा मामला भी एक ब्राह्मण का ही है, जिसमें उसे गिरफ्तार किया गया है.

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