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भदोही की खूबसूरत कालीनें निगल रही हैं मासूमों का बचपन

यूपी के भदोही में कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ बचपन बचाओ के सहयोग से प्रशासन ने 14 बाल श्रमिकों को कालीन के कारखाने से आजाद करवाया. फिलहाल सभी बच्चों की बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर मेडिकल तथा अन्य विधिक कार्रवाई के लिए भेजा गया है.

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14 बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त
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Published : Dec 31, 2019, 11:51 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 12:49 PM IST

भदोही: जनपद का कालीन उद्योग पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इन खूबसूरत कालीनों के पीछे कितने मासूमों का बचपन छिन गया यह किसी को पता नहीं होगा. जब सरकारों द्वारा बच्चों की शिक्षा और अच्छे स्वास्थय के लिए तमाम दावे किए जाते हैं और कानून भी बनाए गए हैं ऐसे में जनपद के कालीन उद्योगों में कई बच्चे काम कर रहे हैं. यहां भदोही कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार में बचपन बचाओ एनजीओ की सहायता से एक कारखाने में काम कर रहे 14 बाल श्रमिकों को कालीन कारखाने से मुक्त कराया गया है. मुक्त कराए गए बच्चे बिहार के अररिया जिले के रहने वाले हैं.

14 बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त

14 बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त

  • भदोही कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार से बचपन बचाओ एनजीओ की सहायता से 14 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है.
  • कालीन कारखाने से मुक्त कराए गए सभी बच्चों की उम्र 13 साल से कम बताई जा रही है.
  • मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के मुताबिक उनसे प्रतिदिन 11 घंटे रोजाना काम कराया जाता था.
  • इन बच्चों ने बताया कि मजदूरी के रूप में उन्हें सिर्फ 3500 रुपये महीने दिए जाते थे.
  • फिलहाल सभी बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर मेडिकल तथा अन्य विधिक कार्रवाई के लिए भेजा गया है.

बचपन बचाओ एनजीओ की टीम को सूचना मिली थी कि नई बाजार के वार्ड नंबर 8 में आजम खान नाम के व्यक्ति के कालीन कारखाने पर कई बाल श्रमिकों से कालीन की बुनाई का काम कराया जाता है. जिसके बाद प्रशासन के सहयोग से कालीन कारखाने में छापा मारकर 14 बच्चों को मुक्त कराया गया है. बाल श्रमिकों के अभिभावकों को बुलाकर उनकी स्थिति जांची की जाएगी इसके बाद बाल श्रमिकों को मुआवजे के साथ उनके परिवार की स्थिति को देखते हुए बाल गृह भेज दिया जाएगा.
-अनिल श्रीवास्तव,अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति

भदोही: जनपद का कालीन उद्योग पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इन खूबसूरत कालीनों के पीछे कितने मासूमों का बचपन छिन गया यह किसी को पता नहीं होगा. जब सरकारों द्वारा बच्चों की शिक्षा और अच्छे स्वास्थय के लिए तमाम दावे किए जाते हैं और कानून भी बनाए गए हैं ऐसे में जनपद के कालीन उद्योगों में कई बच्चे काम कर रहे हैं. यहां भदोही कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार में बचपन बचाओ एनजीओ की सहायता से एक कारखाने में काम कर रहे 14 बाल श्रमिकों को कालीन कारखाने से मुक्त कराया गया है. मुक्त कराए गए बच्चे बिहार के अररिया जिले के रहने वाले हैं.

14 बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त

14 बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त

  • भदोही कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार से बचपन बचाओ एनजीओ की सहायता से 14 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है.
  • कालीन कारखाने से मुक्त कराए गए सभी बच्चों की उम्र 13 साल से कम बताई जा रही है.
  • मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के मुताबिक उनसे प्रतिदिन 11 घंटे रोजाना काम कराया जाता था.
  • इन बच्चों ने बताया कि मजदूरी के रूप में उन्हें सिर्फ 3500 रुपये महीने दिए जाते थे.
  • फिलहाल सभी बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर मेडिकल तथा अन्य विधिक कार्रवाई के लिए भेजा गया है.

बचपन बचाओ एनजीओ की टीम को सूचना मिली थी कि नई बाजार के वार्ड नंबर 8 में आजम खान नाम के व्यक्ति के कालीन कारखाने पर कई बाल श्रमिकों से कालीन की बुनाई का काम कराया जाता है. जिसके बाद प्रशासन के सहयोग से कालीन कारखाने में छापा मारकर 14 बच्चों को मुक्त कराया गया है. बाल श्रमिकों के अभिभावकों को बुलाकर उनकी स्थिति जांची की जाएगी इसके बाद बाल श्रमिकों को मुआवजे के साथ उनके परिवार की स्थिति को देखते हुए बाल गृह भेज दिया जाएगा.
-अनिल श्रीवास्तव,अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति

Intro:खबर काली नगरी भदोही से है जहां एक ngo की सहायता से एक कारखाने में काम कर रहे 14 बाल श्रम को को कालीन कारखाने से छुड़ाए जा सभी बच्चे से कालीन कांड खाने में कालीन की बुनाई का काम कराया जाता था प्रतिदिन को 12 से 14 घंटे काम करा कर उनका सोशल किया जाएगा था मुक्त कराएं गए मासूम बच्चे बिहार के अररिया जिला के रहने वाले हैं


Body:भदोही का कालीन उद्योग पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए पहचाना जाता है लेकिन इन खूबसूरत कालीनो के निर्माण में कुछ लालची लोग महज कुछ रुपए के लिए बच्चों का बचपन छीनने का काम कर रहे हैं कालीन उद्योग की तरफ से तमाम दावे किए जाते हैं कि कालीन उद्योग में अब बाल श्रमिकों का प्रयोग नहीं हो रहा है लेकिन उसके बाद भी बाल श्रमिकों का कालीन कारखानों से मुक्त कराए जाने का मामला अक्सर सामने आता रहता है एक एनजीओ के सहयोग से प्रशासन की टीम ने भदोही कोतवाली क्षेत्र के नई बाजार से एक कालीन कारखाने से 14 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है कालीन कारखाने से मुक्त कराए गए सभी बच्चों की उम्र 13 साल से कम बताई जा रही है मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के मुताबिक उनसे प्रतिदिन 11 घंटे रोजाना काम कराया जाता था और मजदूरी के रूप में उन्हें सिर्फ 3500 रुपए महीने दिए जाते थे


Conclusion:इन मासूमों के हाथों को देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इन मासूमों से किस तरीके से कालीन की बुनाई का काम लिया जाता होगा बच्चों के हाथ और उंगलियां काम करते-करते कट गई है बचपन बचाओ एनजीओ की टीम को सूचना मिली थी कि नहीं बाजार के वार्ड नंबर 8 में आजम खान नाम के व्यक्ति के कालीन कारखाने पर कई बाल श्रमिकों से कालीन की बुनाई का काम कराया जा रहा है जिसके बाद प्रशासन के सहयोग से कालीन कारखाने में छापा मारकर 14 बच्चों को मुक्त कराया गया है सभी बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर मेडिकल तथा अन्य विधिक कार्यवाही के लिए भेज दिया गया बाल श्रमिकों के अभिभावकों को बुलाकर उनकी स्थिति जांची की जाएगी इसके बाद बाल श्रमिकों को मुआवजे के साथ उनके परिवार की स्थिति को देखते हुए बाल गृह भेज दिया जाएगा

बाइट - सद्दाम बाल श्रमिक
बाइट व- बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव

दीपू पांडे भदोही 90053 44633
Last Updated : Dec 31, 2019, 12:49 PM IST
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