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बेघरों को आज भी है अपने आवास का इंतजार, 1 साल पहले किया था आवेदन

उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में एक साल पहले आवास प्लस योजना में आवेदन के बाद भी आधे से ज्यादा परिवारों को घर नहीं मिला पाया हैं. खंड विकास अधिकारी के अनुसार आर्थिक सूची में नाम न होने से इन परिवारों को अब तक आवास नहीं मिला.

खपरैल के मकान में रहते लोग
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Published : Aug 22, 2019, 7:56 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीर नगरः प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना से भले ही कई बेघरों को लाभान्वित किया गया है. बावजूद इसके जिले के बन्नी गांव के करीब आधे से ज्यादा परिवार आवेदन किए जाने के बाद भी एक साल से पक्के मकान की आस में है.

आज भी है अपने आवास का इंतजार

इसे भी पढ़ें- बलरामपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना की खुली पोल, गरीबों को नहीं नसीब हो सका छत

आवेदन के बाद भी नहीं मिले आवास-

  • आर्थिक जनगणना सूची के बाद शासन ने आवास प्लस योजना में जिन्हें आवास नहीं मिले उन परिवारों के ऑनलाइन आवेदन मांगे थे.
  • आवेदन में परिवार के कच्चे घरों की फोटो अपलोड करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी को दी गई थी.
  • आवास विहीन लोग आवेदन के बाद भी आवास की आस में आज तक बैठे हुए हैं.
  • जिले के बन्नी गांव में रहने वाले लोग झोपड़ी और टीन शेड के मकान में अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
  • कई ऐसे परिवार हैं जिनके खपरैल का मकान अब जर्जर हो चुका है.
  • बारिश में छत से पानी टपकता रहता है तो दूसरी तरफ गर्मी के दिनों में उनके घरों में आग लगने की आशंका लगातार बनी रहती है.
  • ऐसे में डर और खौफ के बीच जिंदगी बिताने को यहां के ग्रामीण मजबूर हो चुके हैं..

आर्थिक जनगणना सूची में गरीब परिवारों का नाम मौजूद नहीं है, आवास के लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर अधिकारियों से तमाम प्रयास किए गए हैं .आवासप्लस सूची में सभी का नाम अब दर्ज हो चुका है. खंड विकास अधिकारी के अनुसार आर्थिक सूची में नाम न होने से इन परिवारों को अब तक आवास नहीं मिल पाया है।
-जुनेद अहमद, ग्राम प्रधान

2011 की सूची के अनुसार प्रत्येक परिवारों को आवास दिया जा चुका है. जिन परिवारों को आवास नहीं मिला है उन्हें आवास प्लस की वेबसाइट पर आवेदन करने को कहा गया था .अभी तक शासन से कोई भी आदेश नहीं आया है .शासन से आदेश आने के बाद ही आवास प्लस पर आवेदन देने वाले परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा.
-बब्बन उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी

संतकबीर नगरः प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना से भले ही कई बेघरों को लाभान्वित किया गया है. बावजूद इसके जिले के बन्नी गांव के करीब आधे से ज्यादा परिवार आवेदन किए जाने के बाद भी एक साल से पक्के मकान की आस में है.

आज भी है अपने आवास का इंतजार

इसे भी पढ़ें- बलरामपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना की खुली पोल, गरीबों को नहीं नसीब हो सका छत

आवेदन के बाद भी नहीं मिले आवास-

  • आर्थिक जनगणना सूची के बाद शासन ने आवास प्लस योजना में जिन्हें आवास नहीं मिले उन परिवारों के ऑनलाइन आवेदन मांगे थे.
  • आवेदन में परिवार के कच्चे घरों की फोटो अपलोड करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी को दी गई थी.
  • आवास विहीन लोग आवेदन के बाद भी आवास की आस में आज तक बैठे हुए हैं.
  • जिले के बन्नी गांव में रहने वाले लोग झोपड़ी और टीन शेड के मकान में अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
  • कई ऐसे परिवार हैं जिनके खपरैल का मकान अब जर्जर हो चुका है.
  • बारिश में छत से पानी टपकता रहता है तो दूसरी तरफ गर्मी के दिनों में उनके घरों में आग लगने की आशंका लगातार बनी रहती है.
  • ऐसे में डर और खौफ के बीच जिंदगी बिताने को यहां के ग्रामीण मजबूर हो चुके हैं..

आर्थिक जनगणना सूची में गरीब परिवारों का नाम मौजूद नहीं है, आवास के लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर अधिकारियों से तमाम प्रयास किए गए हैं .आवासप्लस सूची में सभी का नाम अब दर्ज हो चुका है. खंड विकास अधिकारी के अनुसार आर्थिक सूची में नाम न होने से इन परिवारों को अब तक आवास नहीं मिल पाया है।
-जुनेद अहमद, ग्राम प्रधान

2011 की सूची के अनुसार प्रत्येक परिवारों को आवास दिया जा चुका है. जिन परिवारों को आवास नहीं मिला है उन्हें आवास प्लस की वेबसाइट पर आवेदन करने को कहा गया था .अभी तक शासन से कोई भी आदेश नहीं आया है .शासन से आदेश आने के बाद ही आवास प्लस पर आवेदन देने वाले परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा.
-बब्बन उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना से भले ही काफी संख्या में बेघर लोगों को लाभान्वित किया गया है लेकिन संत कबीर नगर जनपद के बन्नी गांव के करीब 2 दर्जन से अधिक परिवार आवेदन किए जाने के 1 साल बाद भी पक्के मकान की आस में है।


Body:आपको बता दें की आर्थिक जनगणना सूची करने के बाद करीब साल भर पहले शासन ने आवास प्लस योजना में उन परिवार को आवास देने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे जिन्हें अब तक आवास नहीं मिल पाया था। आवेदन में परिवार के कच्चे घरों की फोटो भी अपलोड करनी थी इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी को दी गई थी।वही आवास विहीन लोगों ने आवेदन करने के बाद आवास की आस में आज तक बैठे हैं।बावजूद इसके अब तक उन्हें आवास नहीं मिल सका है। इस गांव में रहने वाले लोग झोपड़ी और टीन शेड के मकान में अपना जीवन यापन कर रहे हैं।कई ऐसे परिवार हैं जिनके खपरैल का मकान अब जर्जर हो चुका है।बारिश में छत से पानी टपकता रहता है तो दूसरी तरफ गर्मी के दिनों में उनकी घरों में आग लगने की आशंका लगातार बनी रहती है।ऐसे में डर और खौफ के बीच जिंदगी बिताने को यहां के ग्रामीण मजबूर हो चुके हैं।इस गांव के ग्राम प्रधान जुनैद अहमद ने बताया कि आर्थिक जनगणना सूची में गरीब परिवारों का नाम मौजूद नहीं है,आवास के लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर अधिकारियों से तमाम प्रयास किए गए हैं आवासप्लस सूची में सभी का नाम अब दर्ज हो चुका है। खंड विकास अधिकारी के अनुसार आर्थिक सूची में नाम न होने से इन परिवारों को अब तक आवास नहीं मिल पाया है।


Conclusion:वही इस पूरे मामले पर जिले के मुख्य विकास अधिकारी बबन उपाध्याय ने बताया कि 2011 सूची के अनुसार प्रत्येक परिवारों को आवास दिया जा चुका है उन परिवारों को जिन्हें आवास नहीं मिला है उन्हें आवास प्लस की वेबसाइट पर आवेदन करने को कहा गया था अभी तक शासन से कोई भी आदेश नहीं आया है शासन से आदेश आने के बाद ही आवास प्लस पर आवेदन देने वाले पात्र परिवारों को शासन की तरफ से आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

बाईट-1
उषा-ग्रामीण

बाईट-2
सैलूनिशा-ग्रामीण

बाईट-3
जुनेद अहमद-ग्राम प्रधान

काउंटर बाईट
बब्बन उपाध्याय-मुख्य विकास अधिकारी
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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