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संतकबीरनगर: जिम्मेदारों की लापरवाही बनी स्कूली बच्चों की जान की दुश्मन

यूपी के संतकबीरनगर जिले में प्राथमिक विद्यालय के बच्चे दूषित पानी पी रहे हैं, जिससे उनकी जिंदगी खतरें में पड़ रही है. जिम्मेदारों की अनदेखी ने नौनिहालों को लाल निशान लगे हैंडपंप से पानी पीने को मजबूर कर दिया है.

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Published : Aug 5, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीरनगर के स्कूल

संतकबीरनगर: एक तरफ योगी सरकार रोगों की रोकथाम के लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते संतकबीरनगर जिले में स्कूली बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. विद्यालय परिसर में लगे सरकारी हैंड पंप पर लाल निशान होने के बावजूद बच्चे उसी नल से पानी पी रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा- मामला संज्ञान में नहीं.
  • यहा पूरा मामला हैंसर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय करमा का है.
  • यहां पानी पीने को इंडिया मार्का हैंड पंप विद्यालय परिसर में लगवाया गया था.
  • स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों काफी दिनों से इसी हैंड पंप का पानी पी रहे हैं.
  • जल निगम द्वारा उन हैंड पंपों पर लाल निशान लगाया जाता है, जिनका पानी दूषित होता है.
  • इस हैंड पंप पर भी लाल निशान लगा हुआ है.
  • ऐसे में सीधे तौर पर स्कूली बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

वहीं इस पूरे मामले में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है. अब वह जल निगम और डीपीआरओ से बात कर इस मामले का निस्तारण कराएंगे और विद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करवाएंगे.

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक सिर्फ कागजों में ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं सफल साबित होती रहेंगी और संबंधित अधिकारी यूं ही कागजों में अपना काम पूरा करते रहेंगे.

संतकबीरनगर: एक तरफ योगी सरकार रोगों की रोकथाम के लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते संतकबीरनगर जिले में स्कूली बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. विद्यालय परिसर में लगे सरकारी हैंड पंप पर लाल निशान होने के बावजूद बच्चे उसी नल से पानी पी रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा- मामला संज्ञान में नहीं.
  • यहा पूरा मामला हैंसर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय करमा का है.
  • यहां पानी पीने को इंडिया मार्का हैंड पंप विद्यालय परिसर में लगवाया गया था.
  • स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों काफी दिनों से इसी हैंड पंप का पानी पी रहे हैं.
  • जल निगम द्वारा उन हैंड पंपों पर लाल निशान लगाया जाता है, जिनका पानी दूषित होता है.
  • इस हैंड पंप पर भी लाल निशान लगा हुआ है.
  • ऐसे में सीधे तौर पर स्कूली बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

वहीं इस पूरे मामले में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है. अब वह जल निगम और डीपीआरओ से बात कर इस मामले का निस्तारण कराएंगे और विद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करवाएंगे.

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक सिर्फ कागजों में ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं सफल साबित होती रहेंगी और संबंधित अधिकारी यूं ही कागजों में अपना काम पूरा करते रहेंगे.

Intro:एक तरफ जहां प्रदेश की सरकार के द्वारा संचारी रोग की रोकथाम के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ संत कबीर नगर जिले के हैंसर विकासखंड के करमा प्राथमिक विद्यालय के बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं जिम्मेदारों की अनदेखी ने नौनिहालों को लाल निशान लगे हैंडपंप से पानी पीने को मजबूर कर दिया है।


Body:एक तरफ जहां योगी सरकार द्वारा संचारी रोग के रोकथाम के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं,लोगों को रोगों से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।वहीं दूसरी तरफ संत कबीर नगर के स्कूली बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हो चुके हैं।जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा जन जागरूकता रैली निकाली जा रही है,वहीं बच्चे दूषित जल पी रहे हैं। जिम्मेदारों द्वारा सिर्फ कागजों में ही सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल साबित किया जा रहा है।ऐसा ही नजारा जनपद के हैंसर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय करमा में देखने को मिला,जहां प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए पानी पीने को इंडिया मार्का हैंड पंप विद्यालय परिसर में लगवाया गया था,लेकिन परिसर में लगे दोनों हैंडपंपों पर लाल निशान लगा हुआ है और उसी का पानी नौनिहालों द्वारा काफी दिनों से पिया जा रहा है।आपको बता दें कि जल निगम द्वारा उन हैंडपंपों पर लाल निशान लगाया जाता है जिनका पानी दूषित होता है।ना तो वह पानी पीने योग्य होता है और ना ही नहाने योग्य। ऐसे में सीधे तौर पर स्कूली बच्चों की जान के साथ जनपद में खिलवाड़ किया जा रहा है।
बाईट
अंकित कुमार
छात्र

काउंटर बाईट
सत्येंद्र कुमार सिंह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


Conclusion:वही इस पूरे मामले पर जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अब वह जल निगम और डीपीआरओ से बात कर इस मामले का निस्तारण करायेंगे और विद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करवाएंगे।अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक सिर्फ कागजों में ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं सफल साबित होती रहेंगी, और संबंधित अधिकारी यूं ही कागजों में ही अपना कोरम पूरा करते रहेंगे?
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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