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यहां स्कूल में ही नहीं है शौचालय, खुले में शौच जाने को मजबूर हैं छात्र - school news

जिले के सरकारी स्कूल में स्वच्छ भारत का सपना साकार होता दिखाई नहीं दे रहा है. सभी विकासखंडों के स्कूलों के शौचालय जर्जर हो चुके हैं तो कई स्कूलों के शौचालय के दरवाजे में ताले हैं, तो कहीं पर पानी की समस्या होने केे कारण छात्र व अन्य स्टाॅफ उसका उपयोग नहीं कर रहे हैं तो वहीं देवडीह प्राथमिक विद्यालय कई वर्षों से शौचालयविहीन हैं. कहीं-कहीं शौचालय ना होने से स्कूल के बच्चे बाहर जाने को मजबूर हो रहे हैं.

देवडीह प्राथमिक विद्यालय ,संत कबीरनगर
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Published : Apr 5, 2019, 2:43 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीरनगर : स्वच्छता अभियान को लेकर पूरे जिले में जहां एक तरफ सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है. वहीं दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय देवडीह में शौचालय ना होने से स्कूली बच्चे शौच के लिए खेतों में जाने को मजबूर हो चुके हैं. आपको बता दें की स्कूल में शौचालय ना होने से ग्रामीण काफी परेशान हैं. अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने तो भेज रहे हैं लेकिन शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पाने से उनके अंदर एक चिंता भी सता रही है क्योंकि इस स्कूल के ठीक बगल में एक बड़ा तालाब है.

शौचालय ना होने से स्कूल के बच्चे हुए बाहर जाने को मजबूर
संत कबीरनगर जिले के देवडीह प्राथमिक विद्यालय कई वर्षों से शौचालय विहीन हैं. 8 वर्ष पूर्व बना शौचालय किसी काम का नहीं है. शौचालय ना होने से बच्चों खेत में जाने को मजबूर हैं. परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. स्कूल के चारों तरफ बाउंड्री ना होने से अभिभावकों को अपने बच्चे को विद्यालय के बगल में बने तालाब में गिरने का भय बना रहता है.
बच्चों के परिजनों ने ग्राम प्रधान पर अनियमितता का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार इस विद्यालय में शौचालय बनवाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भी दिया है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. वही जब इस बारे में डीपीआरओ से बात की गई तो उन्होंने कहा की स्कूल का शौचालय बनवाने के लिए प्रधान को निर्देशित किया गया था. प्रधान ने अभी तक इसका काम कर पूरा नहीं कराया है तो उस पर कार्रवाई करेंगे.

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देवडीह प्राथमिक विद्यालय ,संत कबीरनगर

हालांकि तस्वीरों को देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है कि सरकारी तंत्र के दावे जमीनी स्तर पर किस तरह विफल साबित हो रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान को लेकर और हर घर शौचालय योजना को लेकर प्रयत्नशील दिखाई देते हैं. जमीनी स्तर पर उनके अधिकारी उनके तमाम योजनाओं पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. प्राथमिक स्कूल में शौचालय का ना होना इस बात की पुष्टि करता दिखाई दे रहा है.

संत कबीरनगर : स्वच्छता अभियान को लेकर पूरे जिले में जहां एक तरफ सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है. वहीं दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय देवडीह में शौचालय ना होने से स्कूली बच्चे शौच के लिए खेतों में जाने को मजबूर हो चुके हैं. आपको बता दें की स्कूल में शौचालय ना होने से ग्रामीण काफी परेशान हैं. अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने तो भेज रहे हैं लेकिन शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पाने से उनके अंदर एक चिंता भी सता रही है क्योंकि इस स्कूल के ठीक बगल में एक बड़ा तालाब है.

शौचालय ना होने से स्कूल के बच्चे हुए बाहर जाने को मजबूर
संत कबीरनगर जिले के देवडीह प्राथमिक विद्यालय कई वर्षों से शौचालय विहीन हैं. 8 वर्ष पूर्व बना शौचालय किसी काम का नहीं है. शौचालय ना होने से बच्चों खेत में जाने को मजबूर हैं. परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. स्कूल के चारों तरफ बाउंड्री ना होने से अभिभावकों को अपने बच्चे को विद्यालय के बगल में बने तालाब में गिरने का भय बना रहता है.
बच्चों के परिजनों ने ग्राम प्रधान पर अनियमितता का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार इस विद्यालय में शौचालय बनवाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भी दिया है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. वही जब इस बारे में डीपीआरओ से बात की गई तो उन्होंने कहा की स्कूल का शौचालय बनवाने के लिए प्रधान को निर्देशित किया गया था. प्रधान ने अभी तक इसका काम कर पूरा नहीं कराया है तो उस पर कार्रवाई करेंगे.

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देवडीह प्राथमिक विद्यालय ,संत कबीरनगर

हालांकि तस्वीरों को देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है कि सरकारी तंत्र के दावे जमीनी स्तर पर किस तरह विफल साबित हो रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान को लेकर और हर घर शौचालय योजना को लेकर प्रयत्नशील दिखाई देते हैं. जमीनी स्तर पर उनके अधिकारी उनके तमाम योजनाओं पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. प्राथमिक स्कूल में शौचालय का ना होना इस बात की पुष्टि करता दिखाई दे रहा है.

Intro:संत कबीर नगर
एंकर
स्वच्छता अभियान को लेकर पूरे जिले में जहां एक तरफ सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है वहीं दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय देवडीह में शौचालय ना होने से स्कूली बच्चे शौच के लिए खेतों में जाने को मजबूर हो चुके हैं। आपको बता दें की स्कूल में शौचालय ना होने से ग्रामीण काफी परेशान है वह अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने तो भेज रहे हैं,लेकिन शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पाने से उनके अंदर एक चिंता भी सता रही है क्योंकि इस स्कूल के ठीक बगल में एक बड़ा तालाब है।


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संत कबीर नगर जिले के देवडीह प्राथमिक विद्यालय कई वर्षों से शौचालय विहीन है 8 वर्ष पूर्व बना शौचालय किसी काम का नहीं है,शौचालय ना होने से बच्चों खेत में जाने को मजबूर हैं परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।स्कूल के चारों तरफ बाउंड्री ना होने से अभिभावकों को अपने बच्चे को विद्यालय के बगल में बने तालाब में गिरने का भय बना रहता है।बच्चों के परिजनों ने ग्राम प्रधान पर अनियमितता का आरोप लगाया है उनका कहना है कि उन्होंने कई बार इस विद्यालय में शौचालय बनवाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भी दिया है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।वही जब इस बारे में डीपीआरओ से बात की गई तो उन्होंने कहा की स्कूल का शौचालय बनवाने के लिए प्रधान को निर्देशित किया गया था लेकिन उसने अभी तक इसका काम कर पूरा नहीं कराया है तो उस पर कार्रवाई करेंगे हालांकि तस्वीरों को देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है कि सरकारी तंत्र के दावे जमीनी स्तर पर किस तरह विफल साबित हो रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान को लेकर और हर घर शौचालय योजना को लेकर प्रयत्नशील दिखाई देते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उनके अधिकारी उनके तमाम योजनाओं पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं प्राथमिक स्कूल में शौचालय का ना होना इस बात की पुष्टि करता दिखाई दे रहा है।

बाईट
अभिभावक-रामप्रवेश

बाईट- गंगाधर त्रिपाठी-अभिभावक

बाईट- विवेक कुमार यादव-अभिभावक

काउंटर बाइक -मुकुल कुमार प्रियदर्शी (डीपीआरओ)


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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