संत कबीर नगरः जिले में खेल की धारा से जुटकर कुछ कर दिखाने का जज्बा रखने वाले खिलाड़ियों का हौसला दिन-बा-दिन टूटता नजर आ रहा है. स्टेडियम में कोच न होने की वजह से खिलाड़ियों को खेल के प्रति अपने भविष्य को आगे बढ़ाने में कोई मदद नहीं मिल पा रही है, जिससे जिले के खिलाड़ी खुद प्रैक्टिस करने पर मजबूर हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में नवसृजित जिला संत कबीर नगर 1998 में बना था. जिला बनने के बाद जिले का विकास भी खूब हुआ. वहीं, जिले के खिलाड़ियों के लिए 15 जनवरी 2011 को कांशीराम स्टेडियम का निर्माण कराया गया, ताकि जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी खेल के माध्यम से देश और प्रदेश में जिले का नाम रोशन कर सकें.
10 वर्षों में नहीं हुई कोच की नियुक्ति
स्टेडियम बने लगभग 10 वर्ष का समय बीत गया, लेकिन स्टेडियम में प्रशासन की तरफ से कोच की तैनाती नहीं की गई. विभिन्न खेलों में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों का भविष्य कोच के अभाव में दम तोड़ रहा है. मांग करने के बावजूद भी शासन द्वारा इस स्टेडियम में कोच की तैनाती नहीं की जा रही है. कोच की तैनाती न होने से क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन सहित अन्य खेलों में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है.
सही-गलत की नहीं मिलती जानकारी
ईटीवी भारत से बातचीत में क्रिकेट खिलाड़ी शिवांगी सिंह ने बताया कि स्टेडियम में कोच न होने की वजह से उनको खुद ही प्रैक्टिस करना पड़ता है. खेल में सही गलत की जानकारी भी नहीं मिल पाती है. अगर स्टेडियम शासन द्वारा कोच की नियुक्ति की जाए तो खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. वहीं, खिलाड़ी अमित सिंह ने बताया कि कोच न होने की वजह से जिले के खिलाड़ियों का खेल में सेलेक्शन नहीं हो पा रहा है. लगभग 7 सालों से इसी स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे हैं. कोच न होने की वजह से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है.
लगातार हो रहा पत्राचार
पूरे मामले पर जिला क्रीड़ा अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि स्टेडियम निर्माण के बाद से बार-बार शासन से स्टेडियम के लिए कोच की नियुक्ति की मांग की जा रही है, लेकिन शासन द्वारा स्टेडियम में कोच की नियुक्ति नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि कोच की नियुक्ति के लिए पुनः पत्राचार किया गया है. जल्द ही स्टेडियम में कोच की नियुक्ति होने की उम्मीद है.