ETV Bharat / state

क्रूरता की हद : यहां तो बीमार बेजुबानों को जिंदा ही दफना रहे गौशाला कर्मी - संत कबीर नगर का मझौरा गौ संरक्षण केंद्र

यूपी के संत कबीर नगर जिले में अधिकारियों की लापरवाही के चलते गौ संरक्षण केंद्र मझौरा पर तैनात कर्मचारी मानवता को शर्मसार करते नजर आ रहे हैं. गौशाला पर तैनात कर्मियों द्वारा बीमार, जिंदगी और मौत से जूझ रहे बेजुबान जानवरों को जिंदा दफनाने का काम किया जा रहा है.

बेजुबान को जिंदा ही दफना रहे गौशाला कर्मी
बेजुबान को जिंदा ही दफना रहे गौशाला कर्मी
author img

By

Published : Jan 4, 2022, 3:47 PM IST

संत कबीर नगर : जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आयीं हैं. संत कबीर नगर जिले के गौ संरक्षण केंद्र मझौरा में तैनात कर्मचारी बीमार पशुओं को जिंदा ही दफना दे रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले में अधिकारी भी लापरवाह बने रहते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, गौशाला में तैनात कर्मी बीमार, जिंदगी और मौत से जूझ रहे बेजुबान जानवरों को या तो जिंदा दफनाने देते हैं, या फिर जिंदा ही चील-कौओं को खाने के लिए छोड़ देते हैं.

दरअसल, ये पूरा मामला धनघटा थाना क्षेत्र के पौली ब्लॉक के मझौरा गौ संरक्षण केंद्र से जुड़ा है. आपको बता दें, गौ संरक्षण केंद्र पर आए दिन बीमार पशु या तो जिंदा दफना दिए जाते हैं या फिर उन्हें लावारिस चील-कौओं के लिए छोड़ दिया जाता है. बीमार पशुओं को चील-कौवे नोच-नोच कर खा जाते हैं. हैरानी की बात यह है कि इस बात की जानकारी जिले के अधिकारियों को भी है, उसके बाद भी अधिकारी लापरवाह बने रहते हैं. इसके चलते सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट योजना गौशाला पर संत कबीर नगर जिले के अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं.

बेजुबान को जिंदा ही दफना रहे गौशाला कर्मी

स्थानीय लोगों का कहना है कि गौ संरक्षण केंद्र पर बीमार पशुओं को ना ही कोई डॉक्टर देखने आते हैं और ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी इनका हाल जानने यहां आता है. लोगों का कहना था कि इसी वजह से पशुओं के साथ यह दुर्व्यवस्था हो रही है. इस गौशाला पर चारे और दवाई का भी अभाव रहता है. इस वजह से बेजुबान जानवर बीमारी के चलते अपना दम तोड़ रहे हैं. साथ ही कुछ बेजुबान जानवरों को यहां के कर्मी जिंदा ही दफना दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- बरेली में कांग्रेस की मैराथन दौड़ के बीच हुई भगदड़, कई लड़कियां जख्मी


इस पूरे मामले पर सीडीओ सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना था खंड विकास अधिकारी को भी नोटिस भेजा जा रहा है. लेकिन देखने वाली बात यह है कि इस नोटिस का कितना असर होता है. और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब तक होगी यह आने वाला समय ही बताएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

संत कबीर नगर : जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आयीं हैं. संत कबीर नगर जिले के गौ संरक्षण केंद्र मझौरा में तैनात कर्मचारी बीमार पशुओं को जिंदा ही दफना दे रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले में अधिकारी भी लापरवाह बने रहते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, गौशाला में तैनात कर्मी बीमार, जिंदगी और मौत से जूझ रहे बेजुबान जानवरों को या तो जिंदा दफनाने देते हैं, या फिर जिंदा ही चील-कौओं को खाने के लिए छोड़ देते हैं.

दरअसल, ये पूरा मामला धनघटा थाना क्षेत्र के पौली ब्लॉक के मझौरा गौ संरक्षण केंद्र से जुड़ा है. आपको बता दें, गौ संरक्षण केंद्र पर आए दिन बीमार पशु या तो जिंदा दफना दिए जाते हैं या फिर उन्हें लावारिस चील-कौओं के लिए छोड़ दिया जाता है. बीमार पशुओं को चील-कौवे नोच-नोच कर खा जाते हैं. हैरानी की बात यह है कि इस बात की जानकारी जिले के अधिकारियों को भी है, उसके बाद भी अधिकारी लापरवाह बने रहते हैं. इसके चलते सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट योजना गौशाला पर संत कबीर नगर जिले के अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं.

बेजुबान को जिंदा ही दफना रहे गौशाला कर्मी

स्थानीय लोगों का कहना है कि गौ संरक्षण केंद्र पर बीमार पशुओं को ना ही कोई डॉक्टर देखने आते हैं और ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी इनका हाल जानने यहां आता है. लोगों का कहना था कि इसी वजह से पशुओं के साथ यह दुर्व्यवस्था हो रही है. इस गौशाला पर चारे और दवाई का भी अभाव रहता है. इस वजह से बेजुबान जानवर बीमारी के चलते अपना दम तोड़ रहे हैं. साथ ही कुछ बेजुबान जानवरों को यहां के कर्मी जिंदा ही दफना दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- बरेली में कांग्रेस की मैराथन दौड़ के बीच हुई भगदड़, कई लड़कियां जख्मी


इस पूरे मामले पर सीडीओ सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना था खंड विकास अधिकारी को भी नोटिस भेजा जा रहा है. लेकिन देखने वाली बात यह है कि इस नोटिस का कितना असर होता है. और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब तक होगी यह आने वाला समय ही बताएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.