संत कबीर नगर : जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आयीं हैं. संत कबीर नगर जिले के गौ संरक्षण केंद्र मझौरा में तैनात कर्मचारी बीमार पशुओं को जिंदा ही दफना दे रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले में अधिकारी भी लापरवाह बने रहते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, गौशाला में तैनात कर्मी बीमार, जिंदगी और मौत से जूझ रहे बेजुबान जानवरों को या तो जिंदा दफनाने देते हैं, या फिर जिंदा ही चील-कौओं को खाने के लिए छोड़ देते हैं.
दरअसल, ये पूरा मामला धनघटा थाना क्षेत्र के पौली ब्लॉक के मझौरा गौ संरक्षण केंद्र से जुड़ा है. आपको बता दें, गौ संरक्षण केंद्र पर आए दिन बीमार पशु या तो जिंदा दफना दिए जाते हैं या फिर उन्हें लावारिस चील-कौओं के लिए छोड़ दिया जाता है. बीमार पशुओं को चील-कौवे नोच-नोच कर खा जाते हैं. हैरानी की बात यह है कि इस बात की जानकारी जिले के अधिकारियों को भी है, उसके बाद भी अधिकारी लापरवाह बने रहते हैं. इसके चलते सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट योजना गौशाला पर संत कबीर नगर जिले के अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि गौ संरक्षण केंद्र पर बीमार पशुओं को ना ही कोई डॉक्टर देखने आते हैं और ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी इनका हाल जानने यहां आता है. लोगों का कहना था कि इसी वजह से पशुओं के साथ यह दुर्व्यवस्था हो रही है. इस गौशाला पर चारे और दवाई का भी अभाव रहता है. इस वजह से बेजुबान जानवर बीमारी के चलते अपना दम तोड़ रहे हैं. साथ ही कुछ बेजुबान जानवरों को यहां के कर्मी जिंदा ही दफना दे रहे हैं.
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इस पूरे मामले पर सीडीओ सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना था खंड विकास अधिकारी को भी नोटिस भेजा जा रहा है. लेकिन देखने वाली बात यह है कि इस नोटिस का कितना असर होता है. और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब तक होगी यह आने वाला समय ही बताएगा.
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