संतकबीरनगर: यूपी सरकार भले ही भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लाख दावे करे, लेकिन जिले में सरकार के ये दावे फेल नजर आ रहे हैं. संतकबीरनगर जिले के डेबरी ग्राम में विकास कार्यों के लिए आए धन में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने मिलकर जमकर गोलमाल किया. यहां पात्रों को अपात्र और अपात्र को पात्र बनाकर आवास और शौचालय निर्माण में भी जमकर घोटाला किया गया है. मामले की जानकारी ग्रामीणों को तब हुई जब उनके घर पर रिकवरी की नोटिस पहुंची. जिसके बाद उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत पत्र देकर आरोपी ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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मामला संतकबीरनगर के हैसर विकास खण्ड के डेबरी ग्राम पंचायत का है. यहां ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने विकास के नाम पर खूब घोटाला किया है. यहां हर योजना में जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया और बिना काम कराए सरकारी धन की बंदरबांट कर ली गई. योजनाओं में विकास का नाम कागजों में भर दिया गया, जिसका खुलासा जांच में हुआ. लेकिन जांच की कार्रवाई भी कागजों तक ही सीमित रह गई.
ग्रामीणों ने बताया की इस गांव में विकास के हर दावे खोखले साबित हुए. ग्रामीणों ने बताया कि, पीएम आवास और मुख्यमंत्री आवास के लाभार्थियों का जिम्मेदारों के द्वारा अकाउंट नंबर बदलकर आपात्रों के खाते में आवास का भुगतान करा दिया गया. अब जिन पात्रों को आवास नहीं मिला, उन्हीं को नोटिस देकर अधिकारी रकम वसूली की फिराक में हैं. नोटिस मिलते ही पात्र लाभार्थियों के होश उड़ गए. क्योंकि उन्हें अपना आशियाना बनाने के लिए योजना का लाभ तो नहीं मिला, लेकिन बदले में अधिकारियों ने वसूली का नोटिस थमा दिया. वहीं, विकास के नाम पर लूटपाट करने वाले जिम्मेदार खुलेआम घूम रहे हैं. हालांकि इनके इस काले कारनामा का खुलासा तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी उमाशंकर मिश्रा की जांच में हो चुका है.
मामला संज्ञान में आया है, इसकी गहनता से जांच कराई जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
- दिव्या मित्तल, जिलाधिकारी