संत कबीर नगर: जिले में एक प्रधान की पहल से अब ग्रामीणों को गोशाला में रहने वाली गाय के गोबर से गैस की सप्लाई मिलेगी. इसको लेकर निर्माण कार्य भी करीब पूरा हो चुका है. बायोगैस प्लांट के माध्यम से जहां पूरा गांव आत्मनिर्भर बनेगा, वहीं लोगों को गैस की सप्लाई आसानी से मिल पाएगी.
संत कबीर नगर जिले के बघौली ब्लाक के ग्राम पंचायत मखदुमपुर में कुछ अलग करने के जुनून में गोवंश आश्रय केंद्र में बायोगैस प्लांट का निर्माण कर गांव को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. यह बायोगैस प्लांट जिले में ही नहीं बल्कि बस्ती मंडल की ग्राम पंचायतों के लिए एक मिसाल साबित हो रहा है. इस बायोगैस प्लांट से गोशाला में रहने वाले केयरटेकर को पूरी तरीके से गैस की सप्लाई दी जाएगी. इसी बायोगैस प्लांट के गैस गोशाला का खर्चा भी गैस बेचकर निकाला जाएगा.
ग्राम प्रधान अरविंद चौधरी ने बताया कि पंचायत में खुली बैठक के गांव के गोवंश आश्रय केंद्र को आत्मनिर्भर बनाने का प्रस्ताव तैयार करते हुए ग्राम पंचायत ने बायोगैस प्लांट तैयार कर पशु केंद्र में उपलब्ध गोबर से जैविक खाद बनाने का भी प्लान तैयार किया है. तैयार होने वाली ऑर्गेनिक खाद की बिक्री से अर्जित होने वाले धन को पशुओं के खानपान और देखभाल में खर्च किया जाना है. कड़ी मशक्कत के बाद बायोगैस प्लांट बनाने बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है.
ग्राम प्रधान के मुताबिक कुछ दिनों बाद इस प्लांट में पशुओं का गोबर भर दिया जाएगा और इसी से गैस की सप्लाई दी जाएगी. ग्राम प्रधान ने बताया कि ग्राम पंचायत के भविष्य के प्रस्ताव के तहत इसी बायोगैस प्लांट से ही समूचे गोवंश आश्रय केंद्र के लिए बिजली का भी इंतजाम किया जाना है. ग्राम प्रधान ने बताया कि 115 घन मीटर के इस प्लांट को तैयार करने के लिए लगभग 2 लाख की लागत आई है, जिससे कि महीने का 25 से 30 किलो गैस का उत्पादन किया जाएगा.