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संत कबीरनगर: UP पुलिस का गजब कारनामा, थाने की मुहर पर वसूलते हैं दारू की बोतल - accused of bribery on police

यूपी के संत कबीरनगर जिला स्थित मुखलिसपुर पुलिस चौकी से गजब का फरमान जारी किया जा रहा है. इस चौकी से फ्री में दारू वसूलने के लिए थाने की मुहर और हस्ताक्षर वाला कूपन दुकानदार के पास भेजा जाता है, जिसका एसपी ने संज्ञान लिया है.

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थाने की मुहर पर वसूलते हैं दारू की बोतल.
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Published : Jan 27, 2020, 8:00 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीरनगर: यूपी पुलिस पर रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन संत कबीरनगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां की पुलिस एक कूपन पर दारू देने का फरमान दुकानदार को जारी करती है. वह शराब मंगवाने के लिए बकायदा एक कागज पर थाने की सरकारी मुहर लगाकर फरमान जारी करती है. जैसे किसी सरकारी आदेश की तामील करानी हो.

थाने की मुहर पर वसूलते हैं दारू की बोतल.
ये किसी कंपनी का इनामी कूपन नहीं है, बल्कि दारू के लेनदेन में इस समय यह कूपन चलन में है. इसे दारू की कंपनी नहीं, बल्कि पुलिस ने जारी किया है. जिस पर फ्री शराब मिलती है. दअसल ये पूरा मामला जिले के महुली थाना क्षेत्र में आने वाले मुखलिसपुर पुलिस चौकी का है. यहां कूपन की शक्ल में एक पर्ची जारी की जाती है. जिस पर बाकायदा महुली थाने की मुहर लगाई जाती है और पुलिस चौकी के किसी पुलिस कर्मी के दस्तखत भी होते हैं. उस कूपन पर आदेश भी जारी किया जाता है कि इन्हें देसी दारू मुहैया करा दी जाए. वह भी फ्री. दुकान के मुनीम कहना है कि एक कूपन रोजना थाने की मुहर और अपना सिग्नेचर कर उसके पास भेजा जाता है. पीड़ित का कहना है कि कभी दो तो कभी चार बोतल फ्री में शराब देनी पड़ती है. जो कुछ बचत का पैसा होता है, वह साहब के सरकारी कूपन में फ्री शराब देने में चला जाता है.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी को जांच कर पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
-आशुतोष कुमार, आईजी रेंज, बस्ती

संत कबीरनगर: यूपी पुलिस पर रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन संत कबीरनगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां की पुलिस एक कूपन पर दारू देने का फरमान दुकानदार को जारी करती है. वह शराब मंगवाने के लिए बकायदा एक कागज पर थाने की सरकारी मुहर लगाकर फरमान जारी करती है. जैसे किसी सरकारी आदेश की तामील करानी हो.

थाने की मुहर पर वसूलते हैं दारू की बोतल.
ये किसी कंपनी का इनामी कूपन नहीं है, बल्कि दारू के लेनदेन में इस समय यह कूपन चलन में है. इसे दारू की कंपनी नहीं, बल्कि पुलिस ने जारी किया है. जिस पर फ्री शराब मिलती है. दअसल ये पूरा मामला जिले के महुली थाना क्षेत्र में आने वाले मुखलिसपुर पुलिस चौकी का है. यहां कूपन की शक्ल में एक पर्ची जारी की जाती है. जिस पर बाकायदा महुली थाने की मुहर लगाई जाती है और पुलिस चौकी के किसी पुलिस कर्मी के दस्तखत भी होते हैं. उस कूपन पर आदेश भी जारी किया जाता है कि इन्हें देसी दारू मुहैया करा दी जाए. वह भी फ्री. दुकान के मुनीम कहना है कि एक कूपन रोजना थाने की मुहर और अपना सिग्नेचर कर उसके पास भेजा जाता है. पीड़ित का कहना है कि कभी दो तो कभी चार बोतल फ्री में शराब देनी पड़ती है. जो कुछ बचत का पैसा होता है, वह साहब के सरकारी कूपन में फ्री शराब देने में चला जाता है.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी को जांच कर पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
-आशुतोष कुमार, आईजी रेंज, बस्ती

Intro:संतकबीरनगर-पुलिस का कारनामा थाने के मोहर पर वसूलते है दारू की बोतलBody:

एंकर.. अभीतक आपने पुलिस वालों पर रिश्वतखोरी के आरोप लगते देखा और सुना होगा। लेकिन यूपी के सन्तकबीरनगर ज़िले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां की पुलिस एक कूपन पर दारू देने का फ़रमान जारी करती, वो भी मामूली वाला कूपन नही। बल्कि थाने की मोहर का ठप्पा लगाकर। जैसे कोई सरकारी आदेश जारी किया जारहा हो।

Conclusion:वीओ-चलिए आपको लिए चलते हैं यूपी के संतकबीरनगर जिले में। जहां दारु की दुकान पर पुलिस वालों के कूपन का खेल चलता है। अरे साहब। कहीं आप इनाम वाला कूपन मत समझ लीजियेगा। क्योकि ये कंपनी का इनामी कूपन नहीं। बल्कि दारू के लेनदेन वाला कूपन है। जिसे दारू की कंपनी नही, बल्कि पुलिस जारी करती है। जिसपर फ्री दारू मिलती है। वोभी पूरे ठाठ से। दअसल ये पूरा मामला ज़िले के महुली थाना क्षेत्र में आने वाले मुखलिसपुर पुलिस चौकी का बताया जाता है। जहां से कूपन की शक्ल में एक पर्ची जारी की जाती है। जिस पर बाकायदा महुली थाने की मोहर लगाई जाती है। और पुलिस चौकी के किसी पुलिस कर्मी की दस्तखत भी होती है। और उस पर आदेश भी जारी किया जाता है। कि इन्हें देसी दारू मुहैया करा दी जाए। वह भी बिल्कुल फ्री में। फ्री दारू के लिए साहब कूपन पर ऐसे लिखित आदेश जारी कर रहे हैं । जैसे इन्होंने दारू की फैक्ट्री लगा रखी हो। कि जो भी साहब की पर्ची लेकर दारू की दूकान पर पहुंचे, और झट से फ्री में दारू मिल जाये।

वीओ.. अब जरा आप देसी दारू वाले पीड़ित दुकान के मुनीम साहब की पीड़ा भी सुन लीजिए। की किस तरह से, यह दुकानदार पीड़ित हो चुका है। दूकान के मुनीम की माने तो साहब रोज एक कूपन बनाकर, थाने की मोहर लगाकर और अपना सिग्नेचर कर । फ्री में दारू लेने के लिए परवाना भेज देते हैं। अब बेचारा ठहरा देसी दारु की दुकान का मुनीम। मरता क्या न करता। साहब की हनक, और वर्दी के खौफ़ के आगे मुनीम की क्या मजाल, जो पुलिस चौकी वाले साहब की मोहर वाले परवाने पर दारू देने से मना करदें, सो इसी तरह रोज़ सरकारी कूपन आता है। और दो बोतल से लेकर 4 बोतल फ्री में दारू देना पड़ता है। और जो कुछ बचत का पैसा होता हैं वो साहब के सरकारी कूपन में फ्री दारू देने में चला जाता है।

वहीं इस मामले पूरे मामले आईजी बस्ती मंडल आशुतोष कुमार ने कहा कि इस मामले को गभीरता से लेते हुए एसपी को जांच कर पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है।

बाइट.. राजेंद्र- दुकान का मुनीम

बाइट-आशुतोष कुमार आईजी बस्ती रेंज
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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