संतकबीरनगर : रिश्तों को अपनी खुशियों से महकाने के लिए लोग तमाम जतन करते हैं. इसी प्रकार संतकबीरनगर के मेहदावल निवासी आदित्य चतुर्वेदी ने अपने पत्नी को जन्मदिन पर चांद पर जमीन खरीद कर भेंट किया है. कोरोना के दौर में शॉपिंग घूमने पर पूरी तरह से पाबंदियों के बीच उन्होंने यह नायाब तरीका अपनाया है. जब सोशल मीडिया के माध्यम से उनके परिजनों को इसकी जानकारी हुई, तो उनकी खुशियों का ठिकाना न रहा. सभी ने अपने बेटे की ऊंची सोच की सराहना की. वहीं परिवार का नाम चांद तक पहुंचाने को लेकर सभी फूले नहीं समा रहे हैं. यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सबसे पहले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने खरीदी थी चांद पर जमीन
वैसे तो आपने बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का नाम सुना ही होगा. दरअसल सुशांत वह पहले शख्स थे, जिन्होंने चांद पर जमीन खरीदा था. हालांकि अब वह इस दुनिया में नहीं रहे. लेकिन अभी भी सुशांत सिंह राजपूत लाखों करोड़ों दिलों पर राज करते हैं. इन्हीं से प्रेरित होकर अब यही काम जनपद संतकबीरनगर के मेहदावल ब्लाक क्षेत्र में आने वाले परसा चौबे के रहने वाले आदित्य चतुर्वेदी ने किया है. आदित्य ने चांद पर जमीन खरीद कर अपनी पत्नी को जन्मदिन पर तोहफा दिया है. फनके इस कार्य के बाद परिवार और जिले के लोग फूले नहीं समा रहे हैं.
आदित्य अमेजन रोबोटिक्स में हैं मैनेजर
आदित्य चतुर्वेदी की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा संतकबीरनगर जिले से ही हुई है. इसके बाद आदित्य चतुर्वेदी हैदराबाद में अमेजन रोबोटिक्स में बतौर मैनेजर पद पर कार्यरत है. उनकी शादी 1 साल पहले प्रिया नाम की लड़की से हुई थी. जो एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में टीम लीडर हैं. अपनी पत्नी के जन्मदिन पर आदित्य चतुर्वेदी ने कुछ अलग तरीके का गिफ्ट देने की सोची. इसलिए उन्होंने पत्नी को चांद पर जमीन खरीद कर अनोखा तोहफा भेंट किया.
लूनर सोसायटी इंटरनेशनल संस्था से जमीन खरीदी
समूचे पूर्वांचल में चांद पर जमीन खरीदने वाले ऐसे पहले व्यक्ति हैं. इस दौर में जब कोई अपनी पत्नी को जन्मदिन पर जेवर, कपड़े, घर दे रहा है, वहीं आदित्य ने अपनी पत्नी को चांद पर जमीन खरीद कर नायाब तोहफा भेंट किया है. आदित्य चतुर्वेदी ने यह जमीन लूनर सोसायटी इंटरनेशनल नामक संस्था से खरीदी है. आदित्य चतुर्वेदी के पिता जगदीश चतुर्वेदी एक प्राइवेट विद्यालय चलाते हैं. वही माता देवंती ग्रहणी है. आदित्य चतुर्वेदी तीन भाइयों में से सबसे बड़े हैं. आदित्य चतुर्वेदी के इस ऊंची सोच के लिए जहां परिवार के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. वहीं क्षेत्र में भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है.