संभल: इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद के दाढ़ी कटवाने पर मदरसे से निष्कासन के फतवे पर अब सियासत शुरू हो गई है. जहां सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने फतवे का समर्थन किया है. तो वही यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य तनवीर रिजवी ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि मदरसे की नियमावली में किसी प्रकार का ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है. इसलिए इस तरह की बयानों को तूल नहीं देना चाहिए.
सपा सांसद डॉ. बर्क ने मौलाना हुसैन अहमद के बयान का समर्थन किया है. उस पर तनवीर रिजवी ने कहा कि मेरा मानना है कि दाढ़ी व्यक्तिगत सरोकार है. जिसका मन है वह रखें और जिसका मन नहीं है वह नहीं रखें. तनवीर रिज़वी बोले कि अब तो दाढ़ी रखने का फैशन बन गया है गैर मुस्लिम भी अब दाढ़ी रखने लगे हैं. मैं सपा सांसद के बयान से बिलकुल भी इत्तेफाक नहीं रखता, कहीं ना कहीं वह यह जताते हैं कि वह मुस्लिम नेता है और वह मुस्लिमों के बड़े हितैषी हैं.
हो सकता है कि यह उनका हथियार हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता या पदाधिकारी इस पर ज्यादा जोर इसलिए नहीं देगा क्योंकि हम जानते हैं कि यह देश हमारा है जनता हमारी है. उन्होंने कहा कि हमारा सिस्टम ऐसा हो कि हम जनता को कामयाबी की ओर ले जाएं. उन्होंने आगे कहा कि मौलाना हुसैन अहमद का बयान उनका अपना निजी बयान है. उन्होंने अपनी सोच के अनुसार बयान दिया होगा मैं उनके बयान को लेकर कुछ नहीं कहूंगा.
सपा सांसद डॉ बर्क के मौलाना हुसैन अहमद के बयान का समर्थन करना उनका अपना निजी बयान है. लेकिन मदरसा बोर्ड का सदस्य होने के नाते मेरा कहना है कि इस तरह के बयानों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. रिज़वी बोले कि मदरसा की जो नियमावली है उसमे इस तरह के परिधान जैसी चीजों को अंकित नहीं किया गया है. इस पर कोई विषय बनाने की जरूरत नहीं है. मदरसा नियमावली में कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है.
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