संभल: सदर से समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब इकबाल महमूद ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर रविवार को बयानबाजी की. उन्होंने कहा कि इस कानून का असर दलितों और आदिवासियों पर पड़ेगा. सरकार मुसलमानों को बेवजह बदनाम कर रही हैं. जनसंख्या नियंत्रण कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार कर रही है. विधानसभा चुनाव से छह-सात महीने पहले ही प्रदेश में यह कानून क्यों लाया जा रहा है.
नवाब इक़बाल महमूद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत से भी ज्यादा है. ये लोग जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं, लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आती है कि अब जब 7 महीने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रह गए हैं तो यह जनसंख्या नियंत्रण कानून क्यों लाया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि यह जनसंख्या नियंत्रण कानून की आड़ में मुसलमानों पर एक वार है. वे समझते हैं कि देश के अंदर सिर्फ मुसलमानों की ही तादाद बढ़ रही है तो यह कानून तो संसद में लाना चाहिए था, ताकि पूरे देश में कानून लागू हो सके.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में यह कानून क्यों लाया जा रहा है. इस कानून का हश्र भी सीएए और एनआरसी जैसा होगा. उन्होंने कहा कि असम में सीएए और एनआरसी का असर मुसलमानों पर कम और गैर मुस्लिमों पर ज्यादा पढ़ा. यह लोग भूल जाते हैं कि आबादी सबसे ज्यादा जो बढ़ रही है वह दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है. सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोगों पर इस कानून का असर पड़ेगा.
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समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब इकबाल महमूद ने कहा कि मुसलमान समझ गया है कि दो या तीन बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. यह देश युवाओं का देश कहलाता है, लेकिन देश का युवा परेशान है और अपनी डिग्रियां लेकर घूम रहा है. उसको न नौकरी मिल रही है और न ही कोई कारोबार चल पा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि पकौड़ा बनाओ, बेचो और खाओ-कमाओ.