संभल: जातिगत जनगणना को लेकर समाजवादी पार्टी दो खेमों में बंटती हुई दिख रही है. जहां एक ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव सरकार से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं तो वहीं उन्हीं की पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि जातिगत जनगणना की कोई जरूरत नहीं है. देश के हालात खराब हैं. इसलिए पहले मुल्क के हालात को देखा जाए, जातिगत जनगणना दूसरी सरकार करा लेगी. पहले देश में बदलाव की जरूरत है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जातिगत जनगणना को लेकर सरकार से मांग कर चुके हैं. उन्होंने बयान में कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 में जातिगत जनगणना एक मुद्दा रहेगा. वहीं उन्हीं की पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने पार्टी मुखिया के बयान से इतर बयान दिया है. संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद बर्क ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश में अभी जातिगत जनगणना की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि अभी और भी बड़े मुद्दे हैं.
उन्होंने कहा कि इस समय देश के हालात नाजुक हैं. देश खराब दौर से गुजर रहा है. इसलिए पहले देश के हालात देखे जाएं. जातिगत जनगणना तो दूसरी सरकार भी कर देगी. लेकिन, जिस तरह से आज देश के हालात खराब है. ऐसे में बदलाव की जरूरत है ना कि जातिगत जनगणना की. सपा सांसद ने कहा कि देश में बेरोजगारी चरम पर है युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. महंगाई आसमान को छू रही है. रोजगार का कोई जरिया नहीं है.
इन हालातों में इंसान जिंदगी कैसे गुजारेगा. इसलिए बदलाव जरूरी है. भाजपा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि देश की जनता अच्छे दिन देखना चाहती है. लेकिन इन्होंने हालात को खराब कर रखा है. नई सरकार बनने के बाद ही मुल्क के हालात बेहतर होंगे. जातिगत जनगणना को लेकर समाजवादी पार्टी कहीं ना कहीं बिखरी हुई सी नजर आ रही है. क्योंकि अखिलेश यादव सरकार से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं तो वहीं उन्हीं की पार्टी के सांसद जातिगत जनगणना नहीं कराने की बात कर रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2024 : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के गठबंधन की राह नहीं होगी आसान!