संभलः जनपद में दरोगा ने खाकी को शर्मसार कर दिया है. गुन्नौर तहसील के जुनावई में मारपीट के आरोपी का मुकदमे से धारा हटाने के नाम पर 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते दरोगा को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया है. एंटी करप्शन टीम ने रिश्वतखोर दारोगा के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर रही है.
योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है. योगी सरकार लगातार अफसरों को चेता रही है कि अगर आप भ्रष्टाचार करोगे तो आप के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. लेकिन इसके बावजूद संभल जनपद में अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. बुधवार को गुन्नौर तहसील इलाके के जुनावई थाना क्षेत्र एंटी करप्शन टीम के प्रभारी विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने एक दरोगा को 5 हजार रूपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों दबोचा है.
एंटी करप्शन टीम प्रभारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि जूनावई थाने में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह तोमर अपराध नंबर 322 की इन्वेस्टिगेशन कर रहे थे. जिसका मुकदमा बीते वर्ष 31 दिसंबर 2022 को सत्य प्रकाश आदि के खिलाफ दर्ज हुआ था. हालांकि मुकदमा दर्ज होने से पहले चौकी पर ही फैसला हो गया था. जिसके बाद सत्य प्रकाश 8 जनवरी को चौकी पर दरोगा से मिला था. तब दरोगा ने कहा था कि वह उस पर लगी धारा 452 को हटा देंगे. लेकिन उसके बदले में वह उन्हें 5 हजार रूपये दें. इस बीच दरोगा का तबादला संभल जिले के बनियाठेर थाने में हो गया. 10 जनवरी को दरोगा ने वहां ज्वाइन भी कर लिया. दरोगा द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने के बाद सत्य प्रकाश एंटी करप्शन टीम के पास पहुंचा. जिसके बाद लखनऊ से टीम गठित करने के बाद बुधवार को टीम ने जुनावई थाना क्षेत्र में डॉक्टर तोमर के क्लीनिक के पास दरोगा को 5 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों दबोच लिया. इस दौरान रिश्वतखोर दरोगा एंटी करप्शन टीम के आगे गिड़गिड़ाता रहा. लेकिन टीम उसे घसीटते हुए गुन्नौर कोतवाली ले आई. जहां गुन्नौर थाने में रिश्वतखोर दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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