सम्भलः अफगानिस्तान में हेलमंद प्रांत के मूसाकला जिले में तालिबान के एक अड्डे पर अमेरिका-अफगानिस्तान ने संयुक्त हमला किया. इस संयुक्त हमले में भारतीय उपमहाद्वीप का अलकायदा (AQIS) चीफ आसिम उमर के मारे जाने की बात सामने आई है. आपको बता दें कि आसिम उमर सम्भल जिले के मौहल्ला दीपा सराय में पैदा हुआ था और यहीं पर उसने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी की थी.
भारतीय उपमहाद्वीप के अलकायदा चीफ आसिम उमर की मौत
अफगानिस्तान में हेलमंद प्रांत के मूसाकला जिले में तालिबान के एक अड्डे पर अमेरिका-अफगानिस्तान ने संयुक्त हमला किया, जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप का अलकायदा चीफ आसिम उमर की मौत हो गई.
संभल के दीपा सराय में पैदा हुआ था आसिम
आसिम उमर उर्फ सना-उल-हक सम्भल जिले के मोहल्ला दीपा सराय मे पैदा हुआ था और कक्षा एक से आठवीं तक की प्रारम्भिक शिक्षा नगर के हिन्द इन्टर काॅलेज मे हुई थी. आठवीं से आगे की पढाई उसने दीपा सराय स्थित राजे वाली मस्जिद 'हिफ्ज' से किया. इसके बाद उमर सहारानपुर जिले के इस्लामिक अध्यन केन्द्र देवबंद से 1991 में स्नातक (मौलवीयत) की डिग्री प्राप्त कर सऊदी अरब जाकर आगे की पढाई करने की ठानी.
सऊदी अरब जाने के लिए उमर ने अपने पिता छोटे मियां से 90 हजार की मांग की, उसके पिता ने घर की तंग हालत और बड़ी बेटी की शादी का हवाला देकर उसे पैसे देने से इंकार कर दिया, तभी अयोध्या स्थित राममंदिर-बाबरी मस्जिद के विविदित ढांचे को हिन्दूवादी संगठनों ने गिरा दिया था, जिसके बाद पूरे देश मे साम्प्रदायिक दंगे होने लगे थे. लोगों का कहना है कि इसके बाद से ही आसिम उमर भारत छोड़कर पाकिस्तान चला गया था.
पाकिस्तान पहुंचने के बाद उमर ने दारूल उलूम हक्कानिया नौ शेरा में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई पूरी की. इस मदरसे को 'जिहाद' का विश्वविद्यालय कहा जाता है.
कैसे आतंकी बना आसिम उमर
पाक के जिहादी मदरसे से पढ़ाई पूरी करने के बाद आसिम उमर ने पाकिस्तान द्वारा संचालित आंतकी संगठन हरकत- उल-मुजाहिदीन का सदस्य बनकर विभिन्न आंतकी घटनाओं को अंजाम देने लगा. भारतीय खुफिया एजेंसियों को जैसै ही भारतीय युवक के पाकिस्तान जाकर आंतकी बनने का इनपुट मिले, वैसै ही 30 जून 1996 को खुफिया एजेंसियों ने आमिर उमर के पिता को हिरासत में ले लिया और चार दिनों तक कड़ी पूछताछ की. परिवार का कोई भी लिंक उमर आमिर न होने के कारण एजेंसी के अधिकारियों ने पिता को छोड़ दिया.
आमिर उमर 2012 में अपने दो साथियों के साथ पाक से ईरान पहुंचा और अलकायदा का सदस्य बन गया. सदस्य बनने के बाद आमिर उमर निरन्तर आतंक की राह पर चलने लगा और अलकायदा सरगना का खास और वफादार बन गया.
अलकायदा चीफ अयमन अल जवाहिरी ने सितम्बर 2014 में एक वीडियो संदेश जारी कर भारत, म्यांमार और बंगलादेश में जिहाद के लिए एक्येआईएस का गठन किया था और आमिर उमर को इसकी कमान सौंपी थी, तभी से उमर इस का प्रमुख बन गया.
अक्टूबर 2014-15 में दिल्ली एटीएस ने सम्भल के ही दीपा सराय से अलकायदा आतंकी होने के शक में मो. आसिफ और जफर मसूद को गिरफ्तार किया था. वहीं उड़ीसा एटीएस ने कटरमूल के निवासी धर्मगुरू अब्दुर्रहमान को भी गिरफ्तार किया था. इनकी गिरफ्तारी और निशानदेही के बाद ही खुफिया एजेंसियों ने आमिर उमर उर्फ सना-उल-हक की पहचान अलकायदा के खतरनाक आतंकी के रूप में की थी.
चीफ आंतकी सना-उल-हक उर्फ आसिम उमर की मौत
AQIS चीफ आंतकी सना-उल-हक उर्फ आसिम उमर की मौत की खबर सम्भल पहुंची वैसै ही मीडिया ने उसके परिजनों से मुलाकात कर हालत जानने की कोशिश की, लेकिन आसिम उमर के परिजनों ने कैमरे के सामने बोलने से साफ इंकार कर दिया. आसिम उमर के पिता की मृत्यु कुछ साल पहले ही हो गई थी. जब आसपास के लोगों से परिवार के बारे में जानकारी की गई तो पता चला कि आसिम उमर से परिवार का 1995 से ही कोई सम्बन्ध नहीं है. पूरा परिवार शिक्षित और अनुशासित है.
मीडिया ने जब इस बारे में पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद से बात करनी चाही तो उन्होंने भी किसी भी प्रकार का इनपुट देने से इंकार करते हुए कहा कि यह मामला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का है और इसमें खुफिया एजेंसियों के अधिकारी ही कुछ बता पाएंगे. फिलहाल आसिम उमर के पैतृक आवास और इलाके में डेरा डाल दिया गया है और बारीकी से परिवार और आसपास के लोगों की हरकतों पर नजर रखी जा रही है.
वह तीन भाई हैं और आसिम उमर सबसे छोटा है. उसने सभ्भल से आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त की है. उसके बाद उसने देववंद से स्नातक मौलवीयत की. 18 साल की उम्र में ही वह भाग गया था. उसके बाद हमने उसे बहुत तलाश किया लेकिन वह कहीं नहीं मिला. 1996 में खुफिया विभाग के कुछ लोग आए और अब्बा को लेकर चले गये थे. उन्होंने ही बताया कि वह पाकिस्तान में है.
-रिजवान, आमिर उमर का भाई