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राष्ट्रीय बालिका दिवसः अंतराष्ट्रीय दिव्यांग महिला खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित - saharanpur khabar

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस धूम-धाम से मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त बालिकाओं को सम्मानित किया गया.

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फातिमा और स्वर्णा राज बनी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी.
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Published : Jan 25, 2020, 12:11 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में कई अंतराष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान ईटीवी भारत ने मेरठ की दिव्यांग खिलाड़ी फातिमा खातून और व्हील चेयर पर दिल्ली से आई एथेलीट खिलाड़ी स्वर्णा राज से खास बातचीत की.

फातिमा और स्वर्णा राज बनी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी.

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया
24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस बड़ी ही धूम-धाम से मनाया गया. इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय दिव्यांग महिला खिलाड़ियों ने अपने संघर्ष को साझा किया. सरकार से पूरे देश में एक खेल नीति लागू करने की मांग की है. दिव्यांग महिला खिलाड़ियों ने कहा कि लड़कियों को ही नहीं बल्कि युवाओं को भी बढ़ चढ़कर खेलों में हिस्सा लेना चाहिए. इससे जहां उनके माता पिता का नाम रोशन होगा वहीं दुनिया में भारत देश का गौरव भी बढ़ेगा.

एक सड़क हादसे में हाथ, पैर, सिर, छाती आदि में गंभीर चोट आ गई थी. इसके चलते आधे से ज्यादा शरीर में लोहे की रॉड डाली गई है. उसका एक हाथ और पैर दो-दो जगह से टूट गए है पूरे शरीर के दर्जनों ऑपरेशन हुए हैं. बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और डिस्कस गेम को अपना कैरियर बना लिया
फातिमा खातून, दिव्यांग डिस्कस खिलाड़ी

दो साल की उम्र में उसके पैरों में पोलियो हो गया था. माता पिता ने हर जगह इलाज और ऑपरेशन कराए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मैने अपनी इस दिव्यांगता को अपनी ताकत बना लिया. शिक्षा की ज्योति कही जाने वाली माता सावित्री भाई फुले से प्रेरणा लेकर न सिर्फ अपनी पढ़ाई की बल्कि पैरा एथेलीट खेल को अपना कैरियर बना लिया
स्वर्णा राज, दिव्यांग पैरा एथेलीट खिलाड़ी

सहारनपुर: राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में कई अंतराष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान ईटीवी भारत ने मेरठ की दिव्यांग खिलाड़ी फातिमा खातून और व्हील चेयर पर दिल्ली से आई एथेलीट खिलाड़ी स्वर्णा राज से खास बातचीत की.

फातिमा और स्वर्णा राज बनी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी.

राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया
24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस बड़ी ही धूम-धाम से मनाया गया. इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय दिव्यांग महिला खिलाड़ियों ने अपने संघर्ष को साझा किया. सरकार से पूरे देश में एक खेल नीति लागू करने की मांग की है. दिव्यांग महिला खिलाड़ियों ने कहा कि लड़कियों को ही नहीं बल्कि युवाओं को भी बढ़ चढ़कर खेलों में हिस्सा लेना चाहिए. इससे जहां उनके माता पिता का नाम रोशन होगा वहीं दुनिया में भारत देश का गौरव भी बढ़ेगा.

एक सड़क हादसे में हाथ, पैर, सिर, छाती आदि में गंभीर चोट आ गई थी. इसके चलते आधे से ज्यादा शरीर में लोहे की रॉड डाली गई है. उसका एक हाथ और पैर दो-दो जगह से टूट गए है पूरे शरीर के दर्जनों ऑपरेशन हुए हैं. बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और डिस्कस गेम को अपना कैरियर बना लिया
फातिमा खातून, दिव्यांग डिस्कस खिलाड़ी

दो साल की उम्र में उसके पैरों में पोलियो हो गया था. माता पिता ने हर जगह इलाज और ऑपरेशन कराए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मैने अपनी इस दिव्यांगता को अपनी ताकत बना लिया. शिक्षा की ज्योति कही जाने वाली माता सावित्री भाई फुले से प्रेरणा लेकर न सिर्फ अपनी पढ़ाई की बल्कि पैरा एथेलीट खेल को अपना कैरियर बना लिया
स्वर्णा राज, दिव्यांग पैरा एथेलीट खिलाड़ी

Intro:सहारनपुर : 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर जहां विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त बालिकाओं को सम्मानित किया गया वहीं अंतराष्ट्रीय दिव्यांग महिला खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत न सिर्फ अपने संघर्ष की साझा की बल्कि सरकार से पूरे देश मे एक खेल नीति लागू करने की मांग की है। सहारनपुर पहुंची अन्तराष्ट्रीय डिस्कस खिलाड़ी और पैरा एथेलीट स्वर्णा राज ने कहा कि लड़कियों को ही नही बल्कि युवाओं को भी बढ़ चढ़ कर खेलो में हिस्सा लेना चाहिए। इससे जहां उनके माता पिता का नाम रोशन होगा वहीं दुनिया मे भारत देश का गौरव भी बढ़ेगा। व्हील चेयर पर चलने वाली दिल्ली की स्वर्णा राज ने माता सावित्री भाई फुले से प्रेरणा अपनी दिव्यांगता को अपना हथियार बनाया पैरा एथेलीट में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो गोल्ड मेडल झटके है। आइये आप भी सुनिए दिव्यांग महिला खिलाड़ियों की पूरी कहानी, उन्ही की जुबानी।


Body:VO 1 - राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में कई अंतराष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान ईटीवी भारत ने मेरठ की दिव्यांग खिलाड़ी फातिमा खातून और व्हील चेयर पर दिल्ली से आई एथेलीट खिलाड़ी स्वर्णा राज से खास बातचीत की। ईटीवी से बातचीत में फातिमा खातून ने बताया कि एक सड़क हादसे में उसके हाथ, पैर, सिर, छाती आदि में गंभीर चोट आ गई थी। जिसके चलते आधे से ज्यादा शरीर मे लोहे की रॉड डाली गई। फातिमा ने बताया कि उसका एक हाथ और पैर दो दो जगह से टूट गए। पूरे शरीर के दर्जनों ऑपरेशन हुए। बावजूद उसने हिम्मत नही हारी और डिस्कस गेम को अपना कैरियर बना लिया। टूटे हाथ पांव से उसने गोला फैंक खेल में 11तक गोला फैंक कर राष्ट्रीय ही नही अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। अंतराष्ट्रीय गोला फैंक खेल में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया। फातिमा का कहना है कि युवाओं एवं लड़कियों को हर परिस्तिथि में हौसला रखना चाहिए। उन्होंने माता पिता को भी बच्चो को पढ़ाने के साथ खेल में हिस्सा दिलाने की अपील की है। खेल कोटे से फातिमा विधुत विभाग में नोकरी कर रही है।

वहीं पैरा एथेलीट स्वर्णा राज ने बताया कि 2 साल की उम्र में उसके पैरों को पोलियो हो गया था। माता पिता ने हर जगह दिखाया ऑपरेशन कराए लेकिन कोई फायदा नही हुआ। बावजूद इसके स्वर्णा ने अपनी इस दिव्यांगता को अपनी ताकत बना लिया। स्वर्णा ने शिक्षा की ज्योति कही जाने वाली माता सावित्री भाई फुले से प्रेरणा लेकर न सिर्फ अपनी पढ़ाई की बल्कि पैरा एथेलीट खेल को अपना कैरियर बना लिया। दिव्यांग कोटे से पैरा एथेलीट खेल में स्वर्णा ने अभ्यास कर राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर दो दो गोल्ड मेडल जीतकर माता पिता के साथ देश का नाम रोशन किया। ईटीवी भारत से बातचीत में स्वर्णा राज ने कहा कि जब एक चिड़िया अपनी चोंच से घोंसला बना सकती तो हम बिना पैरों के इंसान भी कुछ कर सकता है। स्वर्णा राज ने सरकार मांग करते हुए कहा कि जैसे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान राज्यो की खेल नीति की तरह सभी राज्यो में खेल सम्मान खेल नीति लागू करनी चाहिए ताकि खिलाड़ियों को बराबर लाभ मिल सके। इससे खेल के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ेगा। राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली धनराशि से खिलाड़ी अपने कैरियर की ओर ज्यादा ध्यान देगा और अंतराष्ट्रीय खेलो में देश के लिए ज्यादा से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतकर लाएंगे।

बाईट - फातिमा खातून ( दिव्यांग डिस्कस खिलाड़ी )
बाईट - स्वर्णा राज ( दिव्यांग पैरा एथेलीट खिलाड़ी )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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