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सहारनपुर: पुल के लिए 15 दिन के धरने से नहीं बनी बात तो आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण

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Published : Aug 16, 2019, 10:29 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

यूपी के सहारनपुर में पुल और सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. पिछले 15 दिनों से ये ग्रामीण मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे, लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की. अब आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक पुल निर्माण शुरू नहीं होगा तब आंदोलन जारी रहेगा.

पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों की भूख हड़ताल.

सहारनपुर: बेहट तहसील में पुल और सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन आमरण अनशन में तब्दील हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के पहले आश्वासन झूठे साबित हुए हैं इसलिए उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक पुल निर्माण शुरू नहीं होता तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. इससे पहले भी ये ग्रामीण मांगों को लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर चुके हैं.

पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों की भूख हड़ताल.

प्रशासन के झूठे वादों से गुस्साए ग्रामीणों का आमरण अनशन

  • बेहट तहसील के शाहपुर-हुसैनपुर और मलकपुर के ग्रामीण काफी समय से बरसाती नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं.
  • इस मांग को लेकर दोनों गांवों के लोग लोकसभा समेत विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.
  • ग्रामीणों का कहना है कि तमाम आश्वासनों के बावजूद न तो नदी पर पुल बना और न ही सड़क और तटबंध बनाए गए.
  • बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदी में पानी आ जाता है और गांव टापू बन कर रह जाते हैं.
  • ऐसी स्थिति में दोनों गांवों की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है.
  • न तो वे किसी मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं और न ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं.
  • पिछले वर्ष कॉलेज जा रही तीन छात्राएं भी पानी के तेज बहाव में बह गई थीं.
  • बार-बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है.

पंद्रह दिन से चल रहा धरना

  • परेशान ग्रामीण एक अगस्त से गांव में नदी किनारे टेंट लगाकर धरने पर बैठे थे.
  • 15 दिनों तक प्रशासन और सरकार से ठोस आश्वासन न मिलने से गुस्साए ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया.
  • बेहट एसडीएम ने कुछ दिन पहले धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को कहा कि पहली सरकारों में तुमने धरना क्यों नहीं दिया.
  • एसडीएम ने यहां तक कह दिया था अगर उन्होंने बीजेपी को वोट दिया होता तो धरने पर नही बैठना पड़ता.

कई बार शिकायत की जा चुकी है. पिछले पंद्रह दिन से दोनों गांवों के लोग धरने पर बैठे थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बार हम प्रशासन के किसी झूठे झांसे में नहीं आएंगे. इसके लिए हजारों ग्रामीण आमरण अनशन करेंगे. जब तक पुल और सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं होता तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा.
-अजय कुमार, ग्रामीण

सहारनपुर: बेहट तहसील में पुल और सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन आमरण अनशन में तब्दील हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के पहले आश्वासन झूठे साबित हुए हैं इसलिए उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक पुल निर्माण शुरू नहीं होता तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. इससे पहले भी ये ग्रामीण मांगों को लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर चुके हैं.

पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों की भूख हड़ताल.

प्रशासन के झूठे वादों से गुस्साए ग्रामीणों का आमरण अनशन

  • बेहट तहसील के शाहपुर-हुसैनपुर और मलकपुर के ग्रामीण काफी समय से बरसाती नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं.
  • इस मांग को लेकर दोनों गांवों के लोग लोकसभा समेत विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.
  • ग्रामीणों का कहना है कि तमाम आश्वासनों के बावजूद न तो नदी पर पुल बना और न ही सड़क और तटबंध बनाए गए.
  • बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदी में पानी आ जाता है और गांव टापू बन कर रह जाते हैं.
  • ऐसी स्थिति में दोनों गांवों की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है.
  • न तो वे किसी मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं और न ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं.
  • पिछले वर्ष कॉलेज जा रही तीन छात्राएं भी पानी के तेज बहाव में बह गई थीं.
  • बार-बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है.

पंद्रह दिन से चल रहा धरना

  • परेशान ग्रामीण एक अगस्त से गांव में नदी किनारे टेंट लगाकर धरने पर बैठे थे.
  • 15 दिनों तक प्रशासन और सरकार से ठोस आश्वासन न मिलने से गुस्साए ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया.
  • बेहट एसडीएम ने कुछ दिन पहले धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को कहा कि पहली सरकारों में तुमने धरना क्यों नहीं दिया.
  • एसडीएम ने यहां तक कह दिया था अगर उन्होंने बीजेपी को वोट दिया होता तो धरने पर नही बैठना पड़ता.

कई बार शिकायत की जा चुकी है. पिछले पंद्रह दिन से दोनों गांवों के लोग धरने पर बैठे थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बार हम प्रशासन के किसी झूठे झांसे में नहीं आएंगे. इसके लिए हजारों ग्रामीण आमरण अनशन करेंगे. जब तक पुल और सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं होता तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा.
-अजय कुमार, ग्रामीण

Intro:सहारनपुर
Anchor:-पुल बनवाने की मांग को लेकर पिछले पंद्रह दिनों से चल रहा धरना भूख हड़ताल में तब्दील हो गया है.....आंदोलकारियों का कहना है कि इस बार वे अपनी जान भी देने को तैयार है..... जब तक पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू नही होती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगेBody:UP_SHA_27.ONCE AGAIN_GRAMIN BHUKH HADTAAL_Vis_byte10017

सहारनपुर
Anchor:-पुल बनवाने की मांग को लेकर पिछले पंद्रह दिनों से चल रहा धरना भूख हड़ताल में तब्दील हो गया है.....आंदोलकारियों का कहना है कि इस बार वे अपनी जान भी देने को तैयार है..... जब तक पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू नही होती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे.....
दरअसल तहसील बेहट इलाके के गांव शाहपुर ,हुसैनपुर और मलकपुर के ग्रामीण पिछले काफी समय से गांव के पास से गुजर रही बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं......इस मांग को लेकर दोनों गांवों के लोग लोकसभा समेत विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं..... ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद ना तो नदी पर पुल बन सका और ना ही सड़क ओर तटबंध बनाए गए..... ग्रामीणों का आरोप है कि बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदियों में पानी आ जाता है और गांव एक टापू बन कर रह जाते हैं.....दोनों गांवो की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है.....ना तो वे किसी मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं और ना ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं.....मजदूरी पर जाने वाले लोग कई कई दिन मजदूरी करने तक नही जा सकते...... ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष कालेज जा रही तीन छात्राएं भी पानी के तेज़ बहाव मे बह गई थी जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया.....इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में बाढ़ का पानी गांव की ओर आ जाता है.....ग्रामीण अपनी जान बचाने को इधर उधर दौड़ लगाते है..... बार बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है..... ग्रामीण 1 अगस्त से गांव में नदी किनारे टेंट लगाकर धरने पर बैठे थे.....पन्द्रह दिनों तक प्रशासनिक अधिकारियों ओर सत्ताधारी दल से जुड़े नेताओ से ठोस आश्वासन न मिलने से गुस्साए ग्रामीण अब एक बार फिर अनशन पर बैठ गए है.....हालांकि बेहट एसडीएम कुछ दिन पहले ग्रामीणों को समझाने पहुंचे जरूर थे.....लेकिन एसडीएम वहां उल्टा ग्रामीणों को ये बोलते नजर आए कि पहली सरकारों में तुमने धरना क्यो नही दिया....साथ ही एसडीएम ने ये तक बोल डाला था कि बीजेपी को वोट दिया होता तो धरने पर नही बैठना पड़ता.....कुल मिलाकर एसडीएम बेहट युवराज सिंह काम को भूलकर बीजेपी सरकार के गुण गाते नजर आए थे....फिलहाल ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है....साथ ही सहारनपुर जनपद के अधिकारी किसी भी तरह से मामले में संज्ञान लेते नजर नही आ रहे है.....यहा तक कि जब अधिकारियों से मीडिया ने बात करने की कोशिश की तो कोई जवाब नही दिया...


बाइट.. हेमंत राणा.....प्रधान पति


बाइट:-अजय कुमार.....ग्रामीण
Conclusion:रिपोर्टर खुर्शीद आलम

सहारनपुर

तहसील बेहट
9719146039
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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