सहारनपुर: बेहट तहसील में पुल और सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन आमरण अनशन में तब्दील हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के पहले आश्वासन झूठे साबित हुए हैं इसलिए उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक पुल निर्माण शुरू नहीं होता तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. इससे पहले भी ये ग्रामीण मांगों को लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर चुके हैं.
प्रशासन के झूठे वादों से गुस्साए ग्रामीणों का आमरण अनशन
- बेहट तहसील के शाहपुर-हुसैनपुर और मलकपुर के ग्रामीण काफी समय से बरसाती नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं.
- इस मांग को लेकर दोनों गांवों के लोग लोकसभा समेत विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.
- ग्रामीणों का कहना है कि तमाम आश्वासनों के बावजूद न तो नदी पर पुल बना और न ही सड़क और तटबंध बनाए गए.
- बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदी में पानी आ जाता है और गांव टापू बन कर रह जाते हैं.
- ऐसी स्थिति में दोनों गांवों की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है.
- न तो वे किसी मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं और न ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं.
- पिछले वर्ष कॉलेज जा रही तीन छात्राएं भी पानी के तेज बहाव में बह गई थीं.
- बार-बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है.
पंद्रह दिन से चल रहा धरना
- परेशान ग्रामीण एक अगस्त से गांव में नदी किनारे टेंट लगाकर धरने पर बैठे थे.
- 15 दिनों तक प्रशासन और सरकार से ठोस आश्वासन न मिलने से गुस्साए ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया.
- बेहट एसडीएम ने कुछ दिन पहले धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को कहा कि पहली सरकारों में तुमने धरना क्यों नहीं दिया.
- एसडीएम ने यहां तक कह दिया था अगर उन्होंने बीजेपी को वोट दिया होता तो धरने पर नही बैठना पड़ता.
कई बार शिकायत की जा चुकी है. पिछले पंद्रह दिन से दोनों गांवों के लोग धरने पर बैठे थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बार हम प्रशासन के किसी झूठे झांसे में नहीं आएंगे. इसके लिए हजारों ग्रामीण आमरण अनशन करेंगे. जब तक पुल और सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं होता तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा.
-अजय कुमार, ग्रामीण