सहारनपुर: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. लाखों लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जांन गवां चुके हैं. लेकिन इन सब चीजों से सहारनपुर के वन गुर्जर अनजान हैं. यहां तक की सरकार की तरफ से भी उन्हें अभी तक जागरूक नहीं किया गया है न ही कोई मेडिकल टीम उनके पास पहुंची है. आम आबादी दूर ये लोग अपनी दुनिया में मस्त हैं.
सहारनपुर के बेहट विधानसभा सीट के हरियाणा से लेकर उत्तराखंड की सीमा तक बसे वन गुर्जरों को न ही कोरोना के बारे में बहुत कुछ पता है और नही वैक्सीन क्या है इसके बारे में. ईटीवी भारत की टीम ने जब वन गुर्जरों से कोरोना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि नहीं पता कोरोना क्या है. वहीं लॉकडाउन के बारे में पूछे जाने पर बस इतना ही बता सके कि बाजार बंद है और मास्क लगाकर बाहर जाना है.
वनों में रहने वाले इन वन गुर्जरों की रोजी रोटी का जरिया पशु पालन और दूध बेचकर कमाई करना है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि कोरोना काल में जनता को बीमारी से बचाने के लिए जागरूक करने और वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने के स्वास्थ्य विभाग व समाजिक संस्थाओं के दावे यहां खोखले साबित हो रहे हैं. स्वास्थ विभाग के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी यहां लापरवाही नज़र आती है, क्योंकि वन गुर्जर जंगलों में रहते हैं. ऐसे में वन विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है. लेकिन शायद ही वन विभाग के किसी अधिकारी का इस ओर ध्यान गया हो.
बहरहाल जो भी हो अब देखना ये होगा कि स्वास्थ्य विभाग वन गुर्जरों के स्वास्थ्य को लेकर कब गम्भीर होता है. उधर जब इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले लॉकडाउन से अब तक वन विभाग के ज़रिए वन गुर्जरों को जागरूक किया गया है. हालांकि वन गुर्जर इस दावे को सिरे से नकार रहे हैं.
बेहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नितिन कंदवाल ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से वन गुर्जरों को जागरूक किया गया था और वैक्सीन भी जल्द ही लगवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 25 टीमें बनाकर वैक्सीनेशन कराया जा रहा है. जंगलों में रहने वाले वन गुर्जरों के पास भी टीम भेजकर रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा और वैक्सीन लगवाई जाएगी.