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सहारनपुर की 7 विधानसभा सीट का अनोखा है इतिहास, जानिए क्या कहते हैं जतीय समीकरण - देवबंद विधानसभा सीट

UP Vidhan Sabha Chunav : सहारनपुर जिले के अंतर्गत सात विधानसभा सीट आती हैं. इनका यूपी विधानसभा चुनाव में अपना अलग महत्व है. इतना ही नहीं बल्कि इन सभी विधानसभा सीटों पर अलग-अलग समुदाय के वोटर निर्णायक स्‍थिति में हैं।

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सहारनपुर विधानसभा सीट का इतिहास
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Published : Feb 16, 2022, 9:08 PM IST

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी महासंग्राम का शंखनाद हो गया है. दूसरे चरण का मतदान सोमवार को सकुशल सम्पन्न हुआ। इसके बाद 9 जिलों के 55 प्रत्याशियों की किस्मत आखिरकार ईवीएम में कैद हुई. वहीं, इस बार जनता किसके सिर जीत का ताज सजाती है. यह तो आगामी 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा. उससे पहले आज हम आपको यूपी के सहारनपुर जिले की विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे. सहारनपुर जिले के अंतर्गत सात विधानसभा सीट आती हैं. जो यूपी विधानसभा चुनाव में अपना एक अलग ही महत्व रखती हैं.

आईए एक नजर डालते है सहारनपुर की विधानसभा सीटों के इतिहास पर

नकुड़ विधानसभा सीट
नकुड़ विधानसभा सीट सहारनपुर की वीआईपी सीटों में शुमार है. यहां से सपा के डॉ. धर्म सिंह सैनी चार बार विधायक रह चुके हैं. जबकि, इस बार बीजेपी ने मुकेश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. वही कांग्रेस ने रणधीर सिंह और बसपा ने ताहिर हसन पर दांव लगाया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सीट पर सपा प्रत्याशी डॉ. धर्म सिंह सैनी और बीजेपी प्रत्याशी मुकेश चौधरी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. इस सीट पर पूर्व के चुनावों में इमरान मसूद और धर्म सिंह सैनी के बीच टक्कर रही है। हालांकि, इस बार इमरान मसूद सपा में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद कहा जा रहा है कि नकुड़ के सियासी मैदान में धर्म सिंह सैनी की मजबूती और भी ज्यादा बढ़ गई है। वही, अगर जतीय समीकरण की बात करें. तो यहां मुस्‍लिम, सैनी, दलित और गुर्जर वोटर निर्णायक स्‍थिति में हैं।

इस सीट पर पुरुष - 186676
महिलाएं - 168052
थर्ड जेंडर 7
कुल मतदाता 354735

जातिगत समीकरण :
मुस्लिम - 1.32 लाख
अनुसूचित जातियां - 65 हजार,
सैनी - 55 हजार
गुर्जर - 32 हजार
कश्यप - 20 हजार
जाट - 10 हजार

सहारनपुर नगर विधानसभा
सहारनपुर नगर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां सपा से मौजूदा विधायक संजय गर्ग मैदान में हैं. भाजपा ने पूर्व विधायक राजीव गुंबर पर एक बार फिर भरोसा जताया है। जबकि, कांग्रेस ने मौजूदा पार्षद पत्नी सुखविंदर कौर पर दांव खेला है। उधर, बसपा ने भी उद्यमी मनीष अरोड़ा को प्रत्याशी बनाया है। सहारनपुर नगर सीट पर सपा और बीजेपी प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। अगर बात जतीय समीकरण की करें. तो इस सीट पर पंजाबी और वैश्य मतदाता निर्णायक स्तिथि में हैं।

पुरुष - 231249
महिलाएं - 209296
थर्ड जेंडर - 56
कुल मतदाता 442001


जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.70 लाख
वैश्य - 50 हजार
सैनी - 30 हजार
अनुसूचित जातियां - 40 हजार पंजाबी - 1.10 लाख

बेहट विधानसभा सीट
बेहट सहारनपुर की नंबर वन सीट मानी जाती है. यहां पर वर्तमान में कांग्रेस के नरेश सैनी विधायक हैं. लेकिन, इस बार वह कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। उधर, सपा ने इमाम बुखारी के दामाद उमर अली खान को टिकट दिया है। जबकि, बसपा ने रईश मलिक और कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी पूनम कंबोज को चुनाव मैदान में उतारा है। कहा जाता है कि बेहट हिन्दू जातियों में सैनी बाहुल्य सीट है और मुस्लिम मतदाताओं के बाद सबसे ज्यादा सैनी मतदाता ही हैं।

पुरुष - 194140
महिलाएं - 175725
थर्ड जेंडर - 12
कुल मतदाता - 369877

जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.50 लाख
अनुसूचित जातियां - 80 हजार
सैनी - 60 हजार
राजपूत - 15 हजार
कश्यप - 10 हजार

देवबंद विधानसभा सीट
देवबंद विधानसभा सीट को इस्‍लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के नाम से भी जाना जाता है। 2017 में भाजपा से बृजेश सिंह रावत ने जीत का परचम लहराया था. बृजेश को 102244 औऱ माजिद अली को 72844 वोट मिले थे। जबकि, समाजवादी पार्टी के माविया अली 55385 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। एक बार फिर से बृजेश सिंह रावत के कंधों पर बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि, बसपा ने चौधरी राजेंद्र सिंह, समाजवादी ने पूर्व मंत्री स्व. राजेन्द्र राणा के बेटे कार्तिकेय राणा और कांग्रेस ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन राहत खलील पर भरोसा जताया है. अगर बात जतीय समीकरण की करें. तो इस सीट पर मुस्लिम और राजपूत मतदाता निर्णायक रहते हैं। यही वजह है कि इस सीट पर ज्यादातर मुस्लिम और राजपूत बिरादरी के प्रत्याशी चुनावी मैदान उतरते हैं।

इस सीट पर कुल 347527 मतदाता हैं।
पुरुष - 185901
महिलाएं - 161611
थर्ड जेंडर - 15

जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.15 लाख
अनुसूचित जातियां - 85 हजार
गुर्जर - 24 हजार
राजपूत - 40
सैनी - 35

रामपुर मनिहारान सीट
रामपुर मनिहारान विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्‍तित्‍व में आई थी। इस सीट पर 2007 और 2012 में बसपा के रविन्द्र कुमार मोहलू चुनाव जीते थे। हालांकि, 2017 में इस सीट पर भाजपा का कमल खिला और देवेंद्र निम ने रविन्द्र मोहलू को पराजित कर विधायक बने। जिस कारण एक बार फिर से भाजपा ने देवेंद्र पर ही भरोसा जताया है। वहीं, बसपा से रविंद्र मोल्‍हू, सपा ने रालोद के सिंबल पर विवेक कांत को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी का वर्चस्‍व माना जाता है। मुकाबले की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी के देवेंद्र निम और बसपा के रविन्द्र मोहलू एक बार फिर आमने सामने हैं। जबकि, जतीय समीकरण की बात हो तो यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

पुरुष - 171597
महिलाएं - 151117
थर्ड जेंडर - 8
कुल 322722 मतदाता हैं।

जातिगत समीकरण
अनुसूचित जातियां - 80 हजार
मुस्लिम - 70 हजार
गुर्जर - 55 हजार
सैनी - 40 हजार
कश्यप - 18 हजार
जाट - 9 हजार

सहारनपुर देहात विधानसभा सीट
सहारनपुर देहात सीट की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस से मसूद अख्‍तर 2017 में चुनाव जीते थे। इन्होंने बसपा विधायक जगपाल सिंह को हराया था। इमरान मसूद के पार्टी की अदला बदली के चलते मसूद अख्तर सपा में शामिल हुए. वहीं, इस बार जगपाल सिंह ने बसपा का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थामा। जिसके बाद भाजपा ने उन्हें इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. उधर, बसपा ने अजब सिंह पर दांव लगाया है. जबकि, सपा ने पूर्व मंत्री रहे आशु मलिक और कांग्रेस ने संदीप राणा पर दांव लगाया है। वहीं, अगर जतीय समीकरण की बता करें तो इस सीट पर दलित और मुस्‍लिम मतदाताओं के साथ सैनी मतदाता निर्णायक स्‍थिति में हैं। यही वजह है कि बसपा की मजबूत स्तिथि देखी जा रही है।

पुरुष - 189877
महिलाएं - 168490
थर्ड जेंडर - 11
कुल 358378 मतदाता


जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.30 लाख
अनुसूचित जातियां - 80 हजार
राजपूत - 14 हजार
ब्राह्मण - 10 हजार
कश्यप - 10 हजार
यादव - 8 हजार
सैनी - 35 हजार

यह भी पढ़ें- सहारनपुर में रविदास जयंती शोभायात्रा को लेकर दो पक्षों के बीच हंगामा, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात



गंगोह विधानसभा सीट
गंगोह सीट में बीजेपी से कीरत सिंह वर्तमान में विधायक हैं। 2019 में प्रदीप चौधरी के सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव हुआ था। एक बार फिर से बीजेपी ने कीरत सिंह पर भरोसा जताया है. समाजवादी पार्टी ने दो बार चुनाव हार चुके चौधरी इंद्रसेन को प्रत्याशी बनाया है। उधर, इमरान मसूद के जुड़वां भाई नौमान मसूद बसपा के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं। जबकि, कांग्रेस ने अशोक सैनी को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. अगर बात इस सीट की जातीय समीकरण की करें तो इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं के साथ अनुसूचित और सैनी बिरादरी भी निर्णायक भूमिका निभाती हैं। यही वजह है कि गंगोह सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावनाएं जताई जा रही है.


पुरुष - 204074
महिलाएं - 181055
थर्ड जेंडर - 17
कुल 385146 मतदाता

जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.05 लाख
गुर्जर - 38 हजार
अनुसूचित जातियां - 60 हजार
सैनी - 40 हजार
ब्राह्मण - 20 हजार
जाट - 15 हजार
कश्यप - 22 हजार

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सहारनपुर : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी महासंग्राम का शंखनाद हो गया है. दूसरे चरण का मतदान सोमवार को सकुशल सम्पन्न हुआ। इसके बाद 9 जिलों के 55 प्रत्याशियों की किस्मत आखिरकार ईवीएम में कैद हुई. वहीं, इस बार जनता किसके सिर जीत का ताज सजाती है. यह तो आगामी 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा. उससे पहले आज हम आपको यूपी के सहारनपुर जिले की विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे. सहारनपुर जिले के अंतर्गत सात विधानसभा सीट आती हैं. जो यूपी विधानसभा चुनाव में अपना एक अलग ही महत्व रखती हैं.

आईए एक नजर डालते है सहारनपुर की विधानसभा सीटों के इतिहास पर

नकुड़ विधानसभा सीट
नकुड़ विधानसभा सीट सहारनपुर की वीआईपी सीटों में शुमार है. यहां से सपा के डॉ. धर्म सिंह सैनी चार बार विधायक रह चुके हैं. जबकि, इस बार बीजेपी ने मुकेश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. वही कांग्रेस ने रणधीर सिंह और बसपा ने ताहिर हसन पर दांव लगाया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सीट पर सपा प्रत्याशी डॉ. धर्म सिंह सैनी और बीजेपी प्रत्याशी मुकेश चौधरी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. इस सीट पर पूर्व के चुनावों में इमरान मसूद और धर्म सिंह सैनी के बीच टक्कर रही है। हालांकि, इस बार इमरान मसूद सपा में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद कहा जा रहा है कि नकुड़ के सियासी मैदान में धर्म सिंह सैनी की मजबूती और भी ज्यादा बढ़ गई है। वही, अगर जतीय समीकरण की बात करें. तो यहां मुस्‍लिम, सैनी, दलित और गुर्जर वोटर निर्णायक स्‍थिति में हैं।

इस सीट पर पुरुष - 186676
महिलाएं - 168052
थर्ड जेंडर 7
कुल मतदाता 354735

जातिगत समीकरण :
मुस्लिम - 1.32 लाख
अनुसूचित जातियां - 65 हजार,
सैनी - 55 हजार
गुर्जर - 32 हजार
कश्यप - 20 हजार
जाट - 10 हजार

सहारनपुर नगर विधानसभा
सहारनपुर नगर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां सपा से मौजूदा विधायक संजय गर्ग मैदान में हैं. भाजपा ने पूर्व विधायक राजीव गुंबर पर एक बार फिर भरोसा जताया है। जबकि, कांग्रेस ने मौजूदा पार्षद पत्नी सुखविंदर कौर पर दांव खेला है। उधर, बसपा ने भी उद्यमी मनीष अरोड़ा को प्रत्याशी बनाया है। सहारनपुर नगर सीट पर सपा और बीजेपी प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। अगर बात जतीय समीकरण की करें. तो इस सीट पर पंजाबी और वैश्य मतदाता निर्णायक स्तिथि में हैं।

पुरुष - 231249
महिलाएं - 209296
थर्ड जेंडर - 56
कुल मतदाता 442001


जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.70 लाख
वैश्य - 50 हजार
सैनी - 30 हजार
अनुसूचित जातियां - 40 हजार पंजाबी - 1.10 लाख

बेहट विधानसभा सीट
बेहट सहारनपुर की नंबर वन सीट मानी जाती है. यहां पर वर्तमान में कांग्रेस के नरेश सैनी विधायक हैं. लेकिन, इस बार वह कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। उधर, सपा ने इमाम बुखारी के दामाद उमर अली खान को टिकट दिया है। जबकि, बसपा ने रईश मलिक और कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी पूनम कंबोज को चुनाव मैदान में उतारा है। कहा जाता है कि बेहट हिन्दू जातियों में सैनी बाहुल्य सीट है और मुस्लिम मतदाताओं के बाद सबसे ज्यादा सैनी मतदाता ही हैं।

पुरुष - 194140
महिलाएं - 175725
थर्ड जेंडर - 12
कुल मतदाता - 369877

जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.50 लाख
अनुसूचित जातियां - 80 हजार
सैनी - 60 हजार
राजपूत - 15 हजार
कश्यप - 10 हजार

देवबंद विधानसभा सीट
देवबंद विधानसभा सीट को इस्‍लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के नाम से भी जाना जाता है। 2017 में भाजपा से बृजेश सिंह रावत ने जीत का परचम लहराया था. बृजेश को 102244 औऱ माजिद अली को 72844 वोट मिले थे। जबकि, समाजवादी पार्टी के माविया अली 55385 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। एक बार फिर से बृजेश सिंह रावत के कंधों पर बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि, बसपा ने चौधरी राजेंद्र सिंह, समाजवादी ने पूर्व मंत्री स्व. राजेन्द्र राणा के बेटे कार्तिकेय राणा और कांग्रेस ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन राहत खलील पर भरोसा जताया है. अगर बात जतीय समीकरण की करें. तो इस सीट पर मुस्लिम और राजपूत मतदाता निर्णायक रहते हैं। यही वजह है कि इस सीट पर ज्यादातर मुस्लिम और राजपूत बिरादरी के प्रत्याशी चुनावी मैदान उतरते हैं।

इस सीट पर कुल 347527 मतदाता हैं।
पुरुष - 185901
महिलाएं - 161611
थर्ड जेंडर - 15

जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.15 लाख
अनुसूचित जातियां - 85 हजार
गुर्जर - 24 हजार
राजपूत - 40
सैनी - 35

रामपुर मनिहारान सीट
रामपुर मनिहारान विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्‍तित्‍व में आई थी। इस सीट पर 2007 और 2012 में बसपा के रविन्द्र कुमार मोहलू चुनाव जीते थे। हालांकि, 2017 में इस सीट पर भाजपा का कमल खिला और देवेंद्र निम ने रविन्द्र मोहलू को पराजित कर विधायक बने। जिस कारण एक बार फिर से भाजपा ने देवेंद्र पर ही भरोसा जताया है। वहीं, बसपा से रविंद्र मोल्‍हू, सपा ने रालोद के सिंबल पर विवेक कांत को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी का वर्चस्‍व माना जाता है। मुकाबले की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी के देवेंद्र निम और बसपा के रविन्द्र मोहलू एक बार फिर आमने सामने हैं। जबकि, जतीय समीकरण की बात हो तो यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

पुरुष - 171597
महिलाएं - 151117
थर्ड जेंडर - 8
कुल 322722 मतदाता हैं।

जातिगत समीकरण
अनुसूचित जातियां - 80 हजार
मुस्लिम - 70 हजार
गुर्जर - 55 हजार
सैनी - 40 हजार
कश्यप - 18 हजार
जाट - 9 हजार

सहारनपुर देहात विधानसभा सीट
सहारनपुर देहात सीट की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस से मसूद अख्‍तर 2017 में चुनाव जीते थे। इन्होंने बसपा विधायक जगपाल सिंह को हराया था। इमरान मसूद के पार्टी की अदला बदली के चलते मसूद अख्तर सपा में शामिल हुए. वहीं, इस बार जगपाल सिंह ने बसपा का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थामा। जिसके बाद भाजपा ने उन्हें इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. उधर, बसपा ने अजब सिंह पर दांव लगाया है. जबकि, सपा ने पूर्व मंत्री रहे आशु मलिक और कांग्रेस ने संदीप राणा पर दांव लगाया है। वहीं, अगर जतीय समीकरण की बता करें तो इस सीट पर दलित और मुस्‍लिम मतदाताओं के साथ सैनी मतदाता निर्णायक स्‍थिति में हैं। यही वजह है कि बसपा की मजबूत स्तिथि देखी जा रही है।

पुरुष - 189877
महिलाएं - 168490
थर्ड जेंडर - 11
कुल 358378 मतदाता


जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.30 लाख
अनुसूचित जातियां - 80 हजार
राजपूत - 14 हजार
ब्राह्मण - 10 हजार
कश्यप - 10 हजार
यादव - 8 हजार
सैनी - 35 हजार

यह भी पढ़ें- सहारनपुर में रविदास जयंती शोभायात्रा को लेकर दो पक्षों के बीच हंगामा, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात



गंगोह विधानसभा सीट
गंगोह सीट में बीजेपी से कीरत सिंह वर्तमान में विधायक हैं। 2019 में प्रदीप चौधरी के सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव हुआ था। एक बार फिर से बीजेपी ने कीरत सिंह पर भरोसा जताया है. समाजवादी पार्टी ने दो बार चुनाव हार चुके चौधरी इंद्रसेन को प्रत्याशी बनाया है। उधर, इमरान मसूद के जुड़वां भाई नौमान मसूद बसपा के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं। जबकि, कांग्रेस ने अशोक सैनी को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. अगर बात इस सीट की जातीय समीकरण की करें तो इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं के साथ अनुसूचित और सैनी बिरादरी भी निर्णायक भूमिका निभाती हैं। यही वजह है कि गंगोह सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावनाएं जताई जा रही है.


पुरुष - 204074
महिलाएं - 181055
थर्ड जेंडर - 17
कुल 385146 मतदाता

जातिगत समीकरण
मुस्लिम - 1.05 लाख
गुर्जर - 38 हजार
अनुसूचित जातियां - 60 हजार
सैनी - 40 हजार
ब्राह्मण - 20 हजार
जाट - 15 हजार
कश्यप - 22 हजार

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