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सहारनपुर : उलेमाओं ने साध्वी प्राची पर किया पलटवार, मंदिर-मस्जिद बंद करने किया विरोध - सहारनपुर खबर

बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाली साध्वी प्राची ने एक बार फिर भड़काऊ भाषण दिया. जिसके कारण सहारनपुर के उलेमआओं ने नाराजगी जाहिर की है. साध्वी प्राची ने कहा है कि अगर कोरोना वाइरस की वजह से मंदिरों को बंद किया जा रहा है तो मस्जिदों को भी बंद कर देना चाहिए.

उलेमाओं ने साध्वी प्राची पर किया पलटवार
उलेमाओं ने साध्वी प्राची पर किया पलटवार
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Published : Mar 18, 2020, 2:09 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाली साध्वी प्राची ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. साध्वी प्राची ने कहा है कि अगर कोरोना वाइरस की वजह से मंदिरो को बंद किया जा रहा है तो मस्जिदों को भी बंद कर देना चाहिए. उनके इस बयान से देवबंदी उलेमा ने न सिर्फ नाराजगी जाहिर की है बल्कि साध्वी प्राची को हिन्दू-मुस्लिम भाई चारे का विरोधी करार दिया है.

उलेमाओं ने साध्वी प्राची पर किया पलटवार.
उलेमाओं का कहना है कि साध्वी प्राची हमेशा हिन्दू मुस्लिम की बात कर मुफ्त में पब्लिसिटी पा रही हैं. कोरोना वायरस अल्लाह का एजाब है. यही वजह है चीन के वजीरे आला इस एजाब से निजात पाने के लिए मस्जिदों में जाकर इबादत कर रहे हैं. उलेमाओं का कहना है इस तरह की महामारी भगवान और अल्लाह के हिसाब से आती है. मंदिर मस्जिदों को बंद करने की खुली मुखालफत की है.देवबंदी उलेमा एवं मौलाना शाह मुस्तफा देहलवी ने कहा कि साध्वी प्राची इस तरह के ब्यान देकर सुर्खियां बटोरने का काम करती हैं. मंदिर मस्जिद में भेदभाव करना उनकी अपनी सोच हो सकती है, लेकिन किसी बीमारी का आना और बीमारी को फैलाना यह सब ऊपर वाले के हाथ में रहता है. खुदा चाहे तो बिमारी आती है खुदा चाहते हैं तो बिमारी खत्म हो जाती है.उन्होने मांग की है कि ऐसे में न तो मंदिरों को बंद करना चाहिए और न ही मस्जिदों को बंद करना चाहिए, क्योंकि मंदिरों, मस्जिदों और गुरूद्वारों में जाकर लोग इस महामारी से बचने के लिए इबादत कर ऊपर वाले से दुआएं मांगते हैं. दुआएं कबूल होने पर बिमारियां ही नहीं बड़ी से बड़ी मुसीबतें भी टल जाती हैं.

सहारनपुर : अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाली साध्वी प्राची ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. साध्वी प्राची ने कहा है कि अगर कोरोना वाइरस की वजह से मंदिरो को बंद किया जा रहा है तो मस्जिदों को भी बंद कर देना चाहिए. उनके इस बयान से देवबंदी उलेमा ने न सिर्फ नाराजगी जाहिर की है बल्कि साध्वी प्राची को हिन्दू-मुस्लिम भाई चारे का विरोधी करार दिया है.

उलेमाओं ने साध्वी प्राची पर किया पलटवार.
उलेमाओं का कहना है कि साध्वी प्राची हमेशा हिन्दू मुस्लिम की बात कर मुफ्त में पब्लिसिटी पा रही हैं. कोरोना वायरस अल्लाह का एजाब है. यही वजह है चीन के वजीरे आला इस एजाब से निजात पाने के लिए मस्जिदों में जाकर इबादत कर रहे हैं. उलेमाओं का कहना है इस तरह की महामारी भगवान और अल्लाह के हिसाब से आती है. मंदिर मस्जिदों को बंद करने की खुली मुखालफत की है.देवबंदी उलेमा एवं मौलाना शाह मुस्तफा देहलवी ने कहा कि साध्वी प्राची इस तरह के ब्यान देकर सुर्खियां बटोरने का काम करती हैं. मंदिर मस्जिद में भेदभाव करना उनकी अपनी सोच हो सकती है, लेकिन किसी बीमारी का आना और बीमारी को फैलाना यह सब ऊपर वाले के हाथ में रहता है. खुदा चाहे तो बिमारी आती है खुदा चाहते हैं तो बिमारी खत्म हो जाती है.उन्होने मांग की है कि ऐसे में न तो मंदिरों को बंद करना चाहिए और न ही मस्जिदों को बंद करना चाहिए, क्योंकि मंदिरों, मस्जिदों और गुरूद्वारों में जाकर लोग इस महामारी से बचने के लिए इबादत कर ऊपर वाले से दुआएं मांगते हैं. दुआएं कबूल होने पर बिमारियां ही नहीं बड़ी से बड़ी मुसीबतें भी टल जाती हैं.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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