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देश के हालात अनुकूल नहीं, मंदिर में नमाज पढ़ना सही नहीं- उलेमा

मथुरा के नंदगांव स्थित नंदमहल मंदिर में नमाज अदा करने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने से खलबली मच गई. हिंदुवादी संगठनों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इस पर सहारनपुर के देवबन्दी उलेमा मुफ्ती असद कासमी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि टोपी, कुर्ता पायजामा पहनने से कोई मुसलमान नहीं होता, इसकी जांच होनी चाहिए.

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देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी .
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Published : Nov 3, 2020, 6:31 AM IST

सहारनपुर : मथुरा के नंदगांव स्थित मंदिर में दो लड़कों के नमाज पढ़ने का फोटो वायरल हो रहा है. इसको लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि उन युवाओं को मंदिर के अंदर जाकर नमाज नहीं पढ़नी चाहिए थी. अगर नमाज पढ़नी ही थी, तो उन्हें मंदिर के जिम्मेदार लोगों से इजाजत लेनी चाहिए थी. उन लोगों की जांच होनी चाहिए कि वह मुसलमान है भी या नहीं. क्योंकि टोपी, कुर्ता पायजामा पहनने से कोई मुसलमान नहीं होता. उनको मस्जिद या किसी अन्य जगह पर नमाज अदा करनी चाहिए थी. इस वक्त जो देश के हालात हैं, ऐसे में वहां पर नमाज पढ़ना सही नहीं था.

जानकारी देते देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी .
सोशल मीडिया पर मंदिर में नमाज पढ़ने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसको लेकर देवबंदी उलेमा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि दो युवक मंदिर के अंदर नमाज अदा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. ऐसे लोगों की जांच होनी चाहिए. मंदिर के अंदर नमाज पढ़ रहे युवा वाकई में मुसलमान है या नहीं?. सिर्फ टोपी लगाने या कुर्ता पायजामा पहनने से कोई मुसलमान नहीं होता. इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए.

सहारनपुर : मथुरा के नंदगांव स्थित मंदिर में दो लड़कों के नमाज पढ़ने का फोटो वायरल हो रहा है. इसको लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि उन युवाओं को मंदिर के अंदर जाकर नमाज नहीं पढ़नी चाहिए थी. अगर नमाज पढ़नी ही थी, तो उन्हें मंदिर के जिम्मेदार लोगों से इजाजत लेनी चाहिए थी. उन लोगों की जांच होनी चाहिए कि वह मुसलमान है भी या नहीं. क्योंकि टोपी, कुर्ता पायजामा पहनने से कोई मुसलमान नहीं होता. उनको मस्जिद या किसी अन्य जगह पर नमाज अदा करनी चाहिए थी. इस वक्त जो देश के हालात हैं, ऐसे में वहां पर नमाज पढ़ना सही नहीं था.

जानकारी देते देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी .
सोशल मीडिया पर मंदिर में नमाज पढ़ने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसको लेकर देवबंदी उलेमा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि दो युवक मंदिर के अंदर नमाज अदा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. ऐसे लोगों की जांच होनी चाहिए. मंदिर के अंदर नमाज पढ़ रहे युवा वाकई में मुसलमान है या नहीं?. सिर्फ टोपी लगाने या कुर्ता पायजामा पहनने से कोई मुसलमान नहीं होता. इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए.
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