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सहारनपुर: राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास, मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर

राज्य सभा में ट्रिपल तलाक बिल के पास होने पर जिले की मुस्लिम महिलाओं में खुशी का माहौल है. तीन तलाक पीड़िता आतिया साबरी ने ईटीवी भारत से बात कर अपनी आप-बीती बताई. साथ ही इस बिल के पास होने पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया.

आतिया साबरी अपनी बेटियों के साथ.
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Published : Jul 31, 2019, 11:50 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल पास करा लिया है. राज्य सभा में 99 मत कानून बनाने के पक्ष में पड़े तो 84 सांसदों ने इसका विरोध किया. ट्रिपल तलाक के खिलाफ आए ऐतिहासिक फैसले से जहां मुस्लिम पुरुषों और धर्म गुरुओं ने इस बिल की निंदा की है. वहीं तीन तलाक पीड़ित महिलाओं ने बिल का स्वागत किया है. तीन तलाक के खिलाफ जंग लड़ रही सहारनपुर की आतिया साबरी ने इस बिल के पास होने पर न सिर्फ खुशी जताई है. बल्कि प्रधान मंत्री मोदी को धन्यावाद दिया है.

ईटीवी भारत से बात करती आतिया साबरी.

अब मिलेगी कानूनन सजा

संसद भवन से ट्रिपल तलाक के खिलाफ आए फैसले से मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा. इस फैसले का जहां मुस्लिम धर्म गुरु विरोध कर रहे हैं. वहीं मुस्लिम ट्रिपल तलाक की पीड़ित महिलाएं मिठाइयां बांट कर जश्न मना रही हैं. सहारनपुर निवासी आतिया साबरी की बात करें तो ये भी ट्रिपल तलाक की शिकार हैं. आतिया साबरी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उसका निकाह 25 मार्च 2012 को उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले के सुलतानपुर निवासी वाजिद अली के साथ हुआ था. निकाह के एक साल तक तो सब ठीक चलता रहा लेकिन एक बेटी पैदा होने पर वाजिद खफा रहने लगा. तीन साल बाद आतिया ने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो आतिया के पति और सभी ससुराल वाले खफा रहने लगे.

बेटे को न जन्म देने पर पति ने दिया तलाक

वाजिद ने आतिया को महज इस लिए तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया था क्योंकिं आतिया ने बेटे के बजाए दो बेटियों को जन्म दिया था. इतना ही नहीं फतवों की नगरी दारुल उलूम से फतवा लेकर तलाक को जायज ठहराया दिया. जिसके बाद आतिया ने कानून का सहारा लिया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पति और ससुर को जेल भी भेज दिया, लेकिन कुछ दिन बाद जमानत पर वे बाहर आ गए.

नहीं हारा आतिया ने हौसला

आतिया ने शरीयत और दारुल उलूम देवबंद से आये फतवों के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी. उन्होंने दारुल उलूम समेत तीन बड़े इस्लामिक संस्थानों के खिलाफ 23 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इंसाफ की गुहार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी. लंबी सुनवाई के बाद फैसला आतिया साबरी के हक में आया, लेकिन संविधान में ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून नहीं होने की वजह से उसे मायूस होना पड़ा.

राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है. हालांकि इस बात का अहसास भी है कि वह खुद ट्रिपल तलाक की पीड़िता हैं. इसलिए वह इस बात को अच्छे से समझ सकती हैं कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ जो कानून बनने जा रहा है वह किसी ईद से कम नहीं है. इस बिल के पास होने से एक नई सोच को जन्म मिला है.

सहारनपुर: मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल पास करा लिया है. राज्य सभा में 99 मत कानून बनाने के पक्ष में पड़े तो 84 सांसदों ने इसका विरोध किया. ट्रिपल तलाक के खिलाफ आए ऐतिहासिक फैसले से जहां मुस्लिम पुरुषों और धर्म गुरुओं ने इस बिल की निंदा की है. वहीं तीन तलाक पीड़ित महिलाओं ने बिल का स्वागत किया है. तीन तलाक के खिलाफ जंग लड़ रही सहारनपुर की आतिया साबरी ने इस बिल के पास होने पर न सिर्फ खुशी जताई है. बल्कि प्रधान मंत्री मोदी को धन्यावाद दिया है.

ईटीवी भारत से बात करती आतिया साबरी.

अब मिलेगी कानूनन सजा

संसद भवन से ट्रिपल तलाक के खिलाफ आए फैसले से मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा. इस फैसले का जहां मुस्लिम धर्म गुरु विरोध कर रहे हैं. वहीं मुस्लिम ट्रिपल तलाक की पीड़ित महिलाएं मिठाइयां बांट कर जश्न मना रही हैं. सहारनपुर निवासी आतिया साबरी की बात करें तो ये भी ट्रिपल तलाक की शिकार हैं. आतिया साबरी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उसका निकाह 25 मार्च 2012 को उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले के सुलतानपुर निवासी वाजिद अली के साथ हुआ था. निकाह के एक साल तक तो सब ठीक चलता रहा लेकिन एक बेटी पैदा होने पर वाजिद खफा रहने लगा. तीन साल बाद आतिया ने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो आतिया के पति और सभी ससुराल वाले खफा रहने लगे.

बेटे को न जन्म देने पर पति ने दिया तलाक

वाजिद ने आतिया को महज इस लिए तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया था क्योंकिं आतिया ने बेटे के बजाए दो बेटियों को जन्म दिया था. इतना ही नहीं फतवों की नगरी दारुल उलूम से फतवा लेकर तलाक को जायज ठहराया दिया. जिसके बाद आतिया ने कानून का सहारा लिया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पति और ससुर को जेल भी भेज दिया, लेकिन कुछ दिन बाद जमानत पर वे बाहर आ गए.

नहीं हारा आतिया ने हौसला

आतिया ने शरीयत और दारुल उलूम देवबंद से आये फतवों के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी. उन्होंने दारुल उलूम समेत तीन बड़े इस्लामिक संस्थानों के खिलाफ 23 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इंसाफ की गुहार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी. लंबी सुनवाई के बाद फैसला आतिया साबरी के हक में आया, लेकिन संविधान में ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून नहीं होने की वजह से उसे मायूस होना पड़ा.

राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है. हालांकि इस बात का अहसास भी है कि वह खुद ट्रिपल तलाक की पीड़िता हैं. इसलिए वह इस बात को अच्छे से समझ सकती हैं कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ जो कानून बनने जा रहा है वह किसी ईद से कम नहीं है. इस बिल के पास होने से एक नई सोच को जन्म मिला है.

Intro:सहारनपुर : मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल पास कर लिया है। राज्य सभा मे 99 मत कानून बनाने के पक्ष में पड़े तो 84 सांसदों ने इसका विरोध किया है। ट्रिपल तलाक के खिलाफ आये ऐतिहासिक फैसले से जहां मुस्लिम पुरुषों और धर्म गुरुओं ने इस बिल की निंदा की है वही तलाक पीड़ित महिलाओं ने बिल का स्वागत किया है। तीन तलाक के के खिलाफ जंग लड़ रही सहारनपुर की आतिया साबरी ने न इस बिल के पास होने पर न सिर्फ खुशी जताई है बल्कि प्रधान मंत्री मोदी को धन्यावाद दिया है। आतिया साबरी का कहना है कि बिल पास होने से अब ओर मुस्लिम युवतियों को न तो तीन तलाक का शिकार होना पड़ेगा और ना ही दूसरे पुरुषों से निकाह हलाला करना पड़ेगा। इस फैसले से ट्रिपल तलाक देने वाले शौहर को अब कानूनन सजा मिल सकेगी।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि मंगलवार का दिन संसद भवन से ट्रिपल तलाक के खिलाफ आये फैसले से ऐतिहासिक दिन रहा है। इस्लाम में चल रही कुप्रथा से आधी मुस्लिम आबादी के लिए ईद के त्यौहार से कम नही है। मुस्लिम महिलाओं में जश्न का माहौल बना हुआ है। इस फैसले का जहां मुस्लिम धर्म गुरु विरोध कर रहे है वहीं मुस्लिम ट्रिपल तलाक की पीड़ित महिलाएं मिठाईयां बांट कर जश्न मना रही है। सहारनपुर निवासी आतिया साबरी की बात करें तो ये स्वम ट्रिपल तलाक की शिकार है। आतिया साबरी ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि उसका निकाह 25 मार्च 2012 को उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले के सुल्तानपुर निवासी वाजिद अली के साथ हुआ था। निकाह के एक साल तक तो सब ठीक चलता रहा लेकिन एक बेटी पैदा होने पर वाजिद खफा रहने लगा। तीन साल बाद आतिया ने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो आतिया के पति और सभी ससुरालिये खफा रहने लगे। एक वाजिद ने आतिया को महज इस लिए तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे दिया था क्योंकिं आतिया ने बेटे की बजाए दो बेटियों को जन्म दिया था। इतना ही नही फतवो की नगरी दारुल उलूम से फतवा लेकर तलाक को जायज ठहराया दिया। जिसके बाद आतिया ने कानून का सहारा लिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पति और ससुर को जेल भी भेज दिया लेकिन कुछ दिन बाद जमानत पर वे बाहर आ गए। बावजूद इसके आतिया का हौसला कम नही हुआ। आतिया ने शरीयत और दारुल उलूम देवबंद से आये फतवो के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी। उन्होंने दारुल उलूम समेत तीन बड़े इस्लामिक संस्थानों के खिलाफ 23 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इंसाफ की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी। लंबी सुनवाई के बाद फैसला आतिया साबरी के हक में आया। लेकिन संविधान में ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून नही होने की वजह से उसे मायूस होना पड़ा। आतिया साबरी ने बताया कि मंगलवार को राज्यसभा में जो बिल पास हुआ है वह काबिले तारीफ है। इससे मुस्लिम महिलाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच जाएगा। क्योंकि शरीयत और इस्लामिक संस्थाओं का डर दिखा कर मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नियों का उत्पीड़न करते थे। राज्य सभा मे अध्यादेश लाये जाने के बाद आतिया ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मोदी सरकार में ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल पास हुआ है। इसके लिए वे पूरा श्रेय प्रधान मंत्री को देती है। साथ ही आतिया ने बताया कि यह मुस्लिम महिलाओं की जीत है, उन महिलाओं की जीत है जिन्होंने ट्रिपल तलाक के बाद निकाह हलाला की कुप्रथा का शिकार होना पड़ा है। आतिया खुद अपनी दो बेटियों के साथ मायके में रहकर शरीयत और इस्लाम की कुरीतियों के खिलाफ जंग लड़ रही है।

बाईट - आतिया साबरी ( तलाक पीड़िता )

ट्रिपल तलाक


Conclusion:FVO - आतिया सबरी स्वयं ट्रिपल तलाक की शिकार है वह मुस्लिम महिलाओं की पीड़ा को भलीभांति समझती है। आतिया ने बताया कि वह मुस्लिम वर्ग की महिलाओ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। अगर उन्हें किसी तरह की कोई समस्या आती है तो वह हमेशा उनके सतब रहेगी। मुस्लिम महिलाओं को नाशियत देते हुए कहा कि जिंदगी में कोई समस्या आये तो आत्मविश्वास को कभी कम मत होने देना। अपने हक अधिकार के लिए स्वम लड़ाई लड़नी होगी। राज्य सभा मे ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद प्रधान मंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है। हालांकि इस बात का अहसास भी है कि वह खुद ट्रिपल तलाक की पीड़िता है। इसलिए वह इस बात को अच्छे से समझ सकती है ट्रिपल तलाक के खिलाफ जो कानून बनने जा रहा है वह किसी ईद से कम नही है। जिसने एक नई सोच को जन्म दिया है।

रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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