सहारनपुर: जिले में स्कूल फीस माफी को लेकर अभिभावक संघर्ष समिति का 38 दिन से चला आ रहा धरना समाप्त हो गया है. फीस माफी के लिए संघर्ष समिति के साथ सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलने के बाद जिला प्रशासन ने बसपा सांसद को भेज कर अभिभावकों का धरना समाप्त कराया है. डीएम अखिलेश सिंह ने सोमवार को फीस माफी को लेकर अभिभावकों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया था. डीएम के आश्वाशन बाद अभिभावक संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को देकर कोरोना काल के तीन महीनों की फीस माफ करने की मांग की है.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नही ले रहा है. आए दिन पॉजिटिव मरीजो की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. 22 मार्च को लगे जनता कर्फ्यू के बाद जहां सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूल बंद चल रहे हैं. वहीं फैक्ट्री कारखाने, उधोग धंधे सब बंद रहने से दिहाड़ी मजदूर तबका बेरोजगार हो चुका है. ऐसे परिवारों के लिए बच्चो की मंहगी फीस जमा कराना, तो दूर बच्चो का पालन पोषण कर पाना भी मुश्किल हो रहा है. कोरोना के चलते सभी काम धंधे सब चौपट हो चुके हैं. बावजूद इसके प्राइवेट स्कूलों ने न सिर्फ अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाया हुआ है, बल्कि फीस जमा नहीं कराने पर छात्र छात्राओं के नाम भी काटने शुरू कर दिए है. कॉवेन्ट स्कूलो ने तो फीस वसूली के लिए ऑनलाइन एवं व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से क्लासेस चलाने तरीका निकाल लिया है, लेकिन अभिभावक बिना स्कूल खुले फीस नहीं देना चाहते.
सहारनपुर में पिछले 38 दिनों से अभिभावक संघर्ष समिति "नो स्कूल, नो फीस" को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. अभिभावकों की मांग है कि सरकार प्राइवेट स्कूलो में पढ़ रहे बच्चो की कोरोना काल के तीन महीनों की फीस माफ करने के आदेश पारित करें. ताकि गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे अभिभावकों को राहत मिल सके.
अभिभावक संघर्ष समिति अध्यक्ष संजय वालिया ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है, तभी से दिहाड़ी मजदूर परिवारों के सामने आर्थिक संकट मंडराया हुआ है. प्राइवेट स्कूल लगातार फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. जिसके चलते अभिभावक संघर्ष समिति के बैनर पर जिले के तमाम समाजिक और राजनीतिक संगठन 38 दिनों से धरना दे रहे थे. डीएम अखिलेश सिंह ने सोमवार को फीस संबधित बैठक बुलाकर समाधान करने का आश्वाशन देकर बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान को धरना समाप्त करने के लिए भेजा है. सांसद ने उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया और सोमवार तक धरने को खत्म लर दिया है. अगर इसके बाद भी उनकी मांगें पूरी नही की गई, तो आगामी दिनों में धरना प्रदर्शन एक आंदोलन बनकर सडकों पर उतर जाएगा.