सहारनपुर/ सीतापुर/बरेली/बिजनौर: उत्तर प्रदेश इस वक्त कुत्तों के खौफ में जी रहा है. पिछले 2 महीनों में ही 10 से 12 लोगों की जान आवारा कुत्तों ने ले ली. घरों से नवजात बच्चों को उठा ले गए, खेलते बच्चों पर हमले किए, खेत में चारा लेने गए किसान को मार डाला, रास्ते में जाती बच्ची को नोच खाया
यह हाल किसी एक शहर-कस्बे या गांव का नहीं है, बरेली से बिजनौर, सीतापुर से सहारनपुर, मथुरा से बुलंदशर तक हाल एक जैसा है. दुनिया में इंसानों के सबसे वफादार माने जाने वाले जानवर कुत्ते का सलूक ही बदल गया है. जिन्हें सुरक्षा के लिए हम हमेशा अपने पास रखते रहे हैं उन्हीं से खौफ हो गया है.
सिद्धार्थनगर में ही इस साल कुत्तों के काटने के 3,373 मामले सामने आए हैं. शुक्रवार को ही कुत्तों के काटने से 14 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सवाल यह है कि कुत्ते अचानक इंसानों पर हमलावर क्यों हो गए हैं. आवारा कुत्तों पर सरकार लगाम क्यों नहीं लगा पा रही. हर साल कुत्तों के काटने के मामले तो सामने आते हैं, लेकिन अब मार डालने की हद तक कुत्ते खतरनाक हो गए हैं. इनसे मुक्ति कब मिलेगी?