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सहारनपुर: बिना टीचर के चल रहा इंटर कॉलेज, खतरे में सैकड़ो छात्रों का भविष्य

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शिक्षा अधिकारी छात्रों के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं हैं. जिले के गंगोह ब्लॉक के गांव ढायकी गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज है. यहां पर 120 छात्र पढ़ते हैं, लेकिन इतने छात्रों को पढ़ाने के लिए महज एक अध्यापिका है.

सहारनपुर के इटर कॉलेज में 120 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापिका.
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Published : Jul 26, 2019, 1:26 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रहे हैं. वहीं सहारनपुर का एक इंटर कॉलेज महज एक प्रधानाचार्य के सहारे चल रहा है. यहां 120 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. प्रधानाचार्य के अलावा कॉलेज में एक भी अध्यापक नहीं है, इसके चलते पढ़ाई को लेकर बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है. वहीं अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है, जबकि प्रधानाचार्य अध्यापकों की मांग के लिए आलाधिकारियों को पत्र लिखने की बात कर रही हैं. यह स्कूल सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के गांव ढायकी गांव में है.

सहारनपुर के इटर कॉलेज में 120 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापिका.


120 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापिका

  • यह कॉलेज जनपद सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के गांव ढायकी गांव में है.
  • कुछ साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज कि स्थापना की गई थी, जो छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक चल रहा है.
  • चौकाने वाली बात ये है कि सात कक्षाएं चलाने वाले इस विद्यालय में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं है. इस कॉलेज में महज एक प्रधानाचार्य नियुक्त है.
  • जब इस विद्यालय कि स्थापना हुई थी तो इस गांव के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी शिक्षा को लेकर एक आस जगी थी.
  • छात्रों और अभिभावको में जश्न का माहौल था, लेकिन शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा हुआ है.
  • करोड़ों की लागत से बनी ये बिल्डिंग शो पीस बनकर रह गई है, हालांकि छात्रों ने कॉलेज में दाखिले के बाद पढ़ाई शुरू कर दी है.
  • छात्रों को पढ़ाने के लिए सरकार ने किसी भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की है.
  • कॉलेज की साफ-सफाई के लिए भी किसी सफाई कर्मचारी या चपरासी की व्यवस्था भी नहीं की गई है.
  • दो साल से इस कॉलेज में कुल 120 छात्र पढ़ने आ रहे हैं, बावजूद इसके छात्रों की पढ़ाई के लिए अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है .


ग्रामीणों के अनुसार अच्छा विद्यालय देखते हुए लगभग 250 बच्चो ने पहले ही वर्ष में यहां पर दाखिला ले लिया था, लेकिन यहां पर शिक्षकों कि नियुक्ति न होने पर कुछ छात्र यहां से दूरदराज के स्कूलों में पढ़ने के लिए चले गए. अब भी लगभग 137 के आसपास बच्चे इस विद्यालय में हैं. शिक्षक न होने के कारण बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. अब अभिभावक भी अपने बच्चों को यहां से दूसरे स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

पिछले वर्ष भी इस कॉलेज में एकमात्र सेवानिवृत्त शिक्षक ने ही टेंडर बेस पर पढ़ाया था और अब उनकी नियुक्ति की गई है.

ऋचा राणा, प्रधानाचार्या

सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रहे हैं. वहीं सहारनपुर का एक इंटर कॉलेज महज एक प्रधानाचार्य के सहारे चल रहा है. यहां 120 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. प्रधानाचार्य के अलावा कॉलेज में एक भी अध्यापक नहीं है, इसके चलते पढ़ाई को लेकर बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है. वहीं अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है, जबकि प्रधानाचार्य अध्यापकों की मांग के लिए आलाधिकारियों को पत्र लिखने की बात कर रही हैं. यह स्कूल सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के गांव ढायकी गांव में है.

सहारनपुर के इटर कॉलेज में 120 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापिका.


120 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापिका

  • यह कॉलेज जनपद सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के गांव ढायकी गांव में है.
  • कुछ साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज कि स्थापना की गई थी, जो छठी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक चल रहा है.
  • चौकाने वाली बात ये है कि सात कक्षाएं चलाने वाले इस विद्यालय में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं है. इस कॉलेज में महज एक प्रधानाचार्य नियुक्त है.
  • जब इस विद्यालय कि स्थापना हुई थी तो इस गांव के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी शिक्षा को लेकर एक आस जगी थी.
  • छात्रों और अभिभावको में जश्न का माहौल था, लेकिन शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा हुआ है.
  • करोड़ों की लागत से बनी ये बिल्डिंग शो पीस बनकर रह गई है, हालांकि छात्रों ने कॉलेज में दाखिले के बाद पढ़ाई शुरू कर दी है.
  • छात्रों को पढ़ाने के लिए सरकार ने किसी भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की है.
  • कॉलेज की साफ-सफाई के लिए भी किसी सफाई कर्मचारी या चपरासी की व्यवस्था भी नहीं की गई है.
  • दो साल से इस कॉलेज में कुल 120 छात्र पढ़ने आ रहे हैं, बावजूद इसके छात्रों की पढ़ाई के लिए अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है .


ग्रामीणों के अनुसार अच्छा विद्यालय देखते हुए लगभग 250 बच्चो ने पहले ही वर्ष में यहां पर दाखिला ले लिया था, लेकिन यहां पर शिक्षकों कि नियुक्ति न होने पर कुछ छात्र यहां से दूरदराज के स्कूलों में पढ़ने के लिए चले गए. अब भी लगभग 137 के आसपास बच्चे इस विद्यालय में हैं. शिक्षक न होने के कारण बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. अब अभिभावक भी अपने बच्चों को यहां से दूसरे स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

पिछले वर्ष भी इस कॉलेज में एकमात्र सेवानिवृत्त शिक्षक ने ही टेंडर बेस पर पढ़ाया था और अब उनकी नियुक्ति की गई है.

ऋचा राणा, प्रधानाचार्या

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रहे है वहीं सहारनपुर का एक इंटर कॉलेज महज एक प्रधानाचार्य के सहारे चल रहा है। जहां 120 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। प्रधानाचार्य के अलावा कॉलेज में एक भी अध्यापक नही है। जिसके चलते पढ़ाई को लेकर जहां बच्चो का भविष्य दांव पर लगा है वहीं अभिभावको को अपने बच्चों की चिंता सता रही है। जबकि प्रधानाचार्य अध्यपको की मांग के लिए आला अधिकारियों को पत्र लिखने की बात कर रही है।
Body:VO 1 - आपको बता दे कि यह कॉलेज जनपद सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के गांव ढायकी गांव मे है। कुछ सालों पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माॅड़ल इण्टर कॉलेज कि स्थापना की गई है। जो छठी कक्षा से बाहरवी कक्षा तक चल रहा है। लेकिन चोकाने वाली बात ये है कि 7 कक्षाए चलने वाले इस विधालय मे एक भी शिक्षक की नियुक्ति नही है। इस कॉलेज में केवल एक प्रधानाचार्य नियुक्त है। जब इस विद्यालय कि स्थापना हुई तो इस गांव के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र मे भी शिक्षा को लेकर एक आस जगी थी। छात्रों और अभिभावको में जश्न का माहौल था लेकिन शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते उनकी खिशियो पर ग्रहण लगा हुआ है। गांव मे ही उनके बच्चो को अच्छी शिक्षा उपलब्ध होगी। लाखो करोड़ो की लागत से बनी ये बिल्डिंग शो पीस बनकर रह गई है। हालांकि छात्रों ने कॉलेज में दाखिले लेकर पढ़ाई शुरू की हुई है। लेकिन उनको पढाने के लिए सरकार ने किसी भी शिक्षक की नियुक्ति नही की है। इतना ही नही कॉलेज की साफ-सफाई के लिए भी किसी सफाई कर्मचारी एवं चपरासी की भी व्यवस्था नही की गई है। दो साल से इस कॉलेज में कुल 120 छात्रों पढ़ने आ रहे है बावजूद इसके बिना अध्यपको के छात्रों की पढ़ाई नही हो पा रही है।

बाईट- ग्रामीण सुशील कुमार
बाईट- ग्रामीण विजयपालConclusion:FVO - कॉलेज की प्रधानाचार्या ऋचा राणा ने बताया कि पिछले वर्ष भी इस कॉलेज में एकमात्र सेवानिवृत्त शिक्षक ने ही टेंडर बेस पर पढ़ाया था। ओर अब वह उनकी नियुक्ति की गई है।
ग्रामीणो के अनुसार अच्छा विद्यालय देखते हुए लगभग 250 बच्चो ने पहले ही वर्ष मे यहा पर दाखिला ले लिया था। परन्तु यहा पर शिक्षको कि नियुक्ति ना होने पर कुछ छात्र यहा से पूर्व के अनुसार ही दूरदराज के स्कूलो मे पढने के लिए चले गए है। अब भी लगभग 137 के आसपास बच्चे इस विधालय मे है। परन्तु शिक्षक ना होने के कारण बच्चो के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। अब अभिभावक भी अपने बच्चो को यहा से दूसरे स्कूलो मे भेजने के लिए मजबूर हो रहे है।
लाखो करोड़ो रूपये सरकार के खर्च होने के बावजूद भी दो साल मे ही साफ-सफाई ना होने के कारण विद्यालय कि बिल्डिंग खंडर नजर आने लगी है।

बाईट- ऋचा राणा ( प्रधानाचार्या )


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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