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सहारनपुर: लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने पर भड़के उलेमा

लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खोलने के फैसले का विपक्षी जमकर विरोध कर रहे हैं. सहारनपुर जिले के देवबंदी उलेमाओं ने भी सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है.

decision to open liquor shops.
देवबंदी उलेमा मुफ्ती अहमद गौड़.
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Published : May 6, 2020, 9:47 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: लॉकडाउन के दौरान सरकार ने शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति दे दी है. इसका देवबंदी उलेमाओं ने जमकर विरोध किया. उलेमाओं का कहना है कि शराब एक समाजिक बुराई है, जिसको खरीदने के लिए पास जारी किया जा रहा है. वहीं सब्जी, फल और दवाइयां खरीदने वालों को रोका जा रहा है. शासन प्रशासन का यह दोहरा व्यवहार पूरी तरह से गलत है.

शराब की दुकानें खोलने का फैसला गलत
शराब ठेके खोले जाने के फैसले पर देवबंदी उलेमा मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलना सही फैसला नहीं है. सरकार का यह फैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि शराब को सामाजिक बुराई समझा जाता है. शराब पीने वालों के घरों में विवाद पैदा होता है. देश कोरोना से जूझ रहा है. इस मुश्किल घड़ी में सरकार ने शराब की दुकाने खोलने का फैसला किया है, वह बहुत ही निंदनीय है.

सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन
मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि सरकार दिन रात सोशल डिस्टेंसिंग का नारा लगा रही है. वहीं अचानक से शराब की दुकानें खोल दीं, इससे सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. महामारी के दौर में शराब लेने के लिए अफरा-तफरी मची हुई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई दवा लेने के लिए निकलता है तो उस पर सख्ती की जाती है और शराब के लिए अनुमति है.

सहारनपुर: लॉकडाउन के दौरान सरकार ने शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति दे दी है. इसका देवबंदी उलेमाओं ने जमकर विरोध किया. उलेमाओं का कहना है कि शराब एक समाजिक बुराई है, जिसको खरीदने के लिए पास जारी किया जा रहा है. वहीं सब्जी, फल और दवाइयां खरीदने वालों को रोका जा रहा है. शासन प्रशासन का यह दोहरा व्यवहार पूरी तरह से गलत है.

शराब की दुकानें खोलने का फैसला गलत
शराब ठेके खोले जाने के फैसले पर देवबंदी उलेमा मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलना सही फैसला नहीं है. सरकार का यह फैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि शराब को सामाजिक बुराई समझा जाता है. शराब पीने वालों के घरों में विवाद पैदा होता है. देश कोरोना से जूझ रहा है. इस मुश्किल घड़ी में सरकार ने शराब की दुकाने खोलने का फैसला किया है, वह बहुत ही निंदनीय है.

सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन
मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि सरकार दिन रात सोशल डिस्टेंसिंग का नारा लगा रही है. वहीं अचानक से शराब की दुकानें खोल दीं, इससे सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. महामारी के दौर में शराब लेने के लिए अफरा-तफरी मची हुई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई दवा लेने के लिए निकलता है तो उस पर सख्ती की जाती है और शराब के लिए अनुमति है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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