सहारनपुर : उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस यातायात माह चला रही है. इसमें रेवेन्यू जमा करने के लिए यातायात पुलिस ऐसे काम कर रही है कि उसकी जहां हंसी हो रही है, वहीं कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. सहारनपुर की ट्रैफिक पुलिस तो ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू जमा करने की जल्दबाजी में न सिर्फ खुद के महकमे की सतर्कता पर सवाल खड़े कर रही, बल्कि यातायात माह की भी धज्जियां उड़ा रही है. यहां पुलिस ने एक ट्रैक्टर का चालान किया है, जिसमें कारण बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना लिखा गया है.
दरअसल, पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक बाइक का चालान किया है, जिसका मैसेज एक ट्रैक्टर मालिक के पास गया है. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने ऑनलाइन चालान तो कर दिया लेकिन चालान किस वाहन का हुआ यह चेक नहीं किया. क्योंकि बाइक सवार फर्जी तरीके से एग्रीकल्चर ट्रैक्टर की नंबर प्लेट लगाकर घूम रहा था. जबकि ट्रैक्टर मालिक के पास इस नंबर की कोई बाइक भी नहीं है. पुलिस ने ट्रैक्टर के नंबर पर चल रही बाइक का चालान बिना हेलमेट एक हजार रुपए का कर दिया.
जिस ट्रैक्टर का चालान हुआ वह देहरादून में खड़ाः देवबंद के गांव रामपुर निजामपुर के रहने वाले गजेंद्र के पास अपना एक ट्रैक्टर है जो इन दिनों उनके देहरादून स्थित आवास पर खड़ा हुआ है. बाइक चोर उनके ट्रैक्टर का नंबर अपनी बाइक पर लिखवा कर घूम रहे हैं. यानी ट्रैक्टर की नंबर प्लेट कोई फर्जी तरीके से किसी बाइक पर लगाकर चला रहा है. बीते दिनों यातायात माह के दौरान थाना बेहट पुलिस ने चेकिंग के दौरान बाइक को पकड़ लिया. बाइक चालक ने हेलमेट नहीं लगा रखा था.
पुलिस ने ऑनलाइन किया चालानः हैरानी की बात है कि पुलिस ने बाइक पर लगी फर्जी नंबर प्लेट का चालान कर दिया, जबकि चालान में एग्रीकल्चर ट्रैक्टर लिखा हुआ है. ऑनलाइन किए गए चालान में फोटो बाइक की लगी हुई है. जैसे ही ट्रैक्टर मालिक के पास चालान होने का मैसेज गया तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. घर के सभी लोग इसी बात से हैरान थे कि घर पर खड़े ट्रैक्टर का चालान कैसे हो सकता है वो भी बिना हेलमेट चलाने पर?
ट्रैक्टर की नंबर प्लेट पर चल रही बाइकः गजेंद्र ने बताया कि एग्रीकल्चर ट्रैक्टर UP 11 BP 4937 उनके पिता ऋषिपाल सिंह के नाम पर है. उनका ट्रैक्टर देहरादून में खड़ा है. लेकिन ट्रैक्टर का चालान 13 नवंबर 2023 को थाना बेहट पुलिस ने बिहारीगढ़ रोड के थापिल इस्माइलपुर में चालान कर दिया. गजेंद्र का कहना है कि उसको थाने से भी फोन आया था. जिसके बाद दोबारा फोन कर बताया गया था कि उनके पास कोई भी बाइक नहीं है, जिस बाइक का चालान पुलिस ने किया है, उस पर उसके ट्रैक्टर की नंबर प्लेट फर्जी तरीके से लगाकर चलाई जा रही है. आरोप है कि पुलिस को चालान कैंसिल करने के लिए कहा गया था. लेकिन, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवालः ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लाजमी हैं कि जब पुलिस किसी वाहन का चालान करती है तो उसकी डिटेल्स भी देखती है या नहीं. चालान में न सिर्फ सबंधित वाहन की तमाम डिटेल्स आ जाती हैं, बल्कि वाहन का प्रकार और कितने पहियों का वाहन है, सब पता चल जाता है. बावजूद इसके पुलिस की इस लापरवाही से जहां पूरे महकमे की किरकरी हो रही है, बल्कि पीड़ित ट्रैक्टर चालक की टेंशन बढ़ रही है. वाहन चोर चोरी के वाहनों पर किसी भी वाहन की नंबर प्लेट लगाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं. चालान होने पर इसी तरह असली वाहन स्वामी के लिए दिक्कतें पैदा की जा रही हैं.