सहारनपुर: विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) एक बार सुर्खियों में आया हुआ है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश पर जिला अधिकारी अखिलेश सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है. जिला अधिकारी अखिलेश सिंह (Saharanpur DM Akhilesh Singh) ने फतवों की नगरी कहे जाने वाले दारुल उलूम न सिर्फ नोटिस जारी किया है, बल्कि वेबसाइट (darul uloom deoband website) पर आंशिक रूप से रोक लगा दी है, जिसके बाद से दारुल उलूम प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, दारुल उलूम के फतवा विभाग ने व्यक्ति विशेष के सवाल पर दिया गया जवाब बाल अधिकार के हनन की श्रेणी में पाया गया है.
पिछले दिनों किसी व्यक्ति विशेष ने दारुल उलूम को पत्र लिखकर बाल अधिकारों को लेकर फतवा मांगा था. दारुल उलूम के फतवा विभाग (darul uloom deoband fatwa) ने व्यक्ति के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में विवादित फतवा जारी कर दिया. इतना ही नहीं जवाब को दारुल उलूम की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया.
बताया जा रहा है कि दारुल उलूम द्वारा दिये गए जवाब में बाल अधिकारों का हनन पाया गया है, जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने न सिर्फ दारुल उलूम को नोटिस जारी किया, बल्कि जिला प्रशासन को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
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इस संबंध में सहारनपुर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि इस्लामिक शिक्षण दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग में पत्र लिखकर किसी व्यक्ति ने बच्चों से संबंधित सवाल पूछा था. व्यक्ति के सवाल के जवाब में फतवा विभाग ने विवादित फतवा जारी कर दिया. फतवे में बाल अधिकारों का हनन किया गया है.
उन्होंने बताया कि देवबंद के दारुल उलूम में जो भी व्यक्ति अपने सवाल पूछता है, उसका जवाब देवबंद दारुल उलूम की फतवा कमेटी देती है और इसी जवाब को फतवा के रूप में भी देखा जाता है. हमने इस मामले में देवबंद दारुल उलूम को एक नोटिस जारी किया था. देवबंद दारुल उलूम ने अपना जवाब दाखिल किया है.
नोटिस के जवाब में दारुल उलूम का कहना है कि हमने व्यक्तिगत सवाल का जवाब दिया है, लेकिन यह फतवा नहीं है. अब उनके इस जवाब की भी जांच कराई जा रही है. फिलहाल विवादित सवाल पर दिए गए जवाब वाले लिंक को ब्लॉक करा दिया गया है. हालांकि वेबसाइट पर आशिंक रूप से पाबंदी नहीं लगाई गई है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. अगर यह जवाब बाल अधिकार हनन करता है, तो आयोग के निर्देशों के अनुपालन में आगे की कार्रवाई की जाएगी. आयोग ने एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश भी दिए हैं.
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